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IIT में पढ़ने वाले को 10वीं फेल ने किया डिजिटल ठगी

IIT में पढ़ने वाले को 10वीं फेल ने किया Digital Arrest

IIT में पढ़ने वाले को 10वीं फेल ने किया डिजिटल ठगी

एक आईआईटी छात्र, जिसने दुनिया के सबसे कठिन माने जाने वाले परीक्षाओं में से एक को पास किया था, एक 10वीं फेल अपराधी के जाल में फंस गया। आरोपी ने डिजिटल ठगी के जरिए आईआईटी दिल्ली के छात्र से लाखों रुपये लूट लिए। हालांकि, पुलिस ने जांच के बाद आरोपी को चेन्नई से गिरफ्तार कर लिया है।

कैसे हुआ डिजिटल फ्रॉड?

दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी का नाम मदनलाल है, जो राजस्थान के लोहावट का निवासी है और 10वीं फेल है। पुलिस ने उसे जनवरी में चेन्नई से पकड़ा। डीसीपी साउथ वेस्ट सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि 16 नवंबर 2024 को आईआईटी के एक छात्र को कूरियर सेवा से जुड़ा कॉल आया। कॉल करने वाले ने दावा किया कि छात्र के नाम से एक पार्सल मुंबई से बीजिंग भेजा जा रहा है। जब छात्र ने कहा कि उसे इसकी जानकारी नहीं है, तो आरोपी ने उसे पुलिस से संपर्क करने की सलाह दी।

इसके बाद कॉल को मुंबई के गामदेवी पुलिस स्टेशन के एक कथित अधिकारी से जोड़ दिया गया। आरोपी ने खुद को पुलिस और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का अधिकारी बताते हुए छात्र पर गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया।

कैसे की गई ठगी?

18 नवंबर को जालसाजों ने दोबारा फोन कर दावा किया कि छात्र के नाम पर एक और अवैध पार्सल आया है। इसके बाद आरोपी ने उसे बेगुनाही साबित करने के नाम पर ₹33,000 ट्रांसफर करवाए। जब छात्र को एहसास हुआ कि वह ठगी का शिकार हुआ है, तो उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

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जांच में क्या सामने आया?

जांच के दौरान पता चला कि आरोपी ने कॉल करने के लिए हांगकांग के एक विदेशी नंबर का उपयोग किया था। वहीं, ठगी की रकम का एक हिस्सा राजस्थान के रायसिंहनगर में तेजपाल शर्मा के बैंक खाते में ट्रांसफर किया गया था। डीसीपी ने बताया कि छात्र ने अपना एटीएम कार्ड अपने दोस्त गगनदीप सिंह को दिया था, जिसने बैंक में रजिस्टर्ड उसका मोबाइल नंबर बदल दिया।

गगनदीप ने बताया कि उसने अकाउंट की डिटेल्स बजरंग नाम के व्यक्ति को दी थी। जांच में खुलासा हुआ कि राजस्थान के लोहावट में एक एटीएम से नकदी निकाली गई थी। इसके बाद आरोपी मदनलाल को ट्रैक कर चेन्नई से गिरफ्तार किया गया।

आरोपी के कबूलनामे में क्या सामने आया?

पूछताछ में मदनलाल ने खुलासा किया कि छात्र की बैंक डिटेल्स उसे बजरंग ने दी थी, जिसके बदले उसे ₹20 लाख मिले थे। साथ ही, आरोपी ने क्रिप्टोकरेंसी के पैसे एक्सचेंज करने के लिए रवि चौधरी नाम के व्यक्ति की मदद ली थी।

पुलिस ने आगे बताया कि आरोपी ने व्हाट्सएप 2 (WhatsApp2) एक चीनी महिला को बेचा था।

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