GST एक आर्थिक समीक्षा और हाल की 55वीं जीएसटी काउंसिल
आप मेरे साथ में इकोनॉमिक्स की एक चर्चा कर रहे हैं, लेकिन इसमें इकोनॉमिक्स की चर्चा से ज्यादा राजनीति, मीम्स और मटेरियल शामिल है। इस डिस्कशन में पॉपकॉर्न भी शामिल है। असल में, गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) भारत में एक इनडायरेक्ट टैक्स है, जिसका मतलब है कि इसे वस्तुओं और सेवाओं पर लगाया जाता है। GST का उद्देश्य सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में समान टैक्स व्यवस्था स्थापित करना है। 2016 में GST को लाया गया था, जिसके तहत संविधान संशोधन हुआ और एक GST काउंसिल का गठन किया गया। हाल ही में, GST काउंसिल की 55वीं बैठक हुई जिसमें कुछ वस्तुओं पर टैक्स घटाए गए और कुछ पर बढ़ाए गए। पॉपकॉर्न भी चर्चा का विषय बने।
आइए,आज पहले समझते हैं कि GST क्या है, फिर GST काउंसिल की कहानी, और अंत में यह समझेंगे कि टैक्सेशन ने कैसे चीजों को प्रभावित किया है। GST काउंसिल की बैठक में आधे सदस्यों की उपस्थिति अनिवार्य होती है और किसी भी फैसले को लागू करने के लिए तीन चौथाई सदस्यों की सहमति आवश्यक होती है। GST काउंसिल की 55वीं बैठक राजस्थान के जैसलमेर में आयोजित की गई थी। इस बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री और राज्य मंत्री वित्त के अलावा विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि शामिल थे।
बैठक के दौरान इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और पॉपकॉर्न पर चर्चा हुई। इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर टैक्स 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है, ताकि ग्रीन एनर्जी को प्रमोट किया जा सके। पॉपकॉर्न पर भी चर्चा हुई, जो फिल्म देखने के दौरान अधिक महंगा हो सकता है।
GST का मतलब है गुड्स एंड सर्विस टैक्स, जिसे इनडायरेक्ट टैक्स के रूप में जाना जाता है। पहले देश में वैल्यू एडेड टैक्स (VAT) था, जिसे बाद में GST में बदल दिया गया। 2016 में 101वें संविधान संशोधन के माध्यम से GST को लागू किया गया था और इसे 1 जुलाई 2017 से पूरे देश में लागू किया गया था। GST के तहत तीन प्रकार के टैक्स हैं: CGST, SGST, और IGST। चार टैक्स दरें निर्धारित की गई हैं: 5%, 12%, 18%, और 28%। कुछ वस्तुओं पर 0% टैक्स भी है।
GST काउंसिल में 33 सदस्य होते हैं, जिसमें हेड के रूप में वित्त मंत्री होते हैं। GST काउंसिल यह तय करती है कि किस वस्तु पर कितना टैक्स लगेगा। GST उन कारोबारियों पर लागू होता है जिनकी आय 20 लाख से अधिक है।

GST का प्रभाव अंतिम उपभोक्ता पर पड़ता है, क्योंकि इनडायरेक्ट टैक्स होने के कारण यह घूमकर उपभोक्ता से वसूला जाता है। उदाहरण के तौर पर, किसी कोर्स की फीस में GST शामिल होता है, जिसे अंततः उपभोक्ता को चुकाना पड़ता है।
GST काउंसिल के प्रमुख सदस्य केंद्रीय वित्त मंत्री होते हैं, जैसे वर्तमान में निर्मला सीतारमन। अन्य सदस्यों में राज्य के वित्त मंत्री या वित्त विभाग के स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री शामिल होते हैं। काउंसिल के निर्णय संविधान के आर्टिकल 279A के तहत लिए जाते हैं।
55वीं बैठक में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर टैक्सेशन कम करने और पॉपकॉर्न पर चर्चा हुई। इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर टैक्स घटाकर 5% कर दिया गया है ताकि ग्रीन एनर्जी को प्रमोट किया जा सके और उनकी खरीद में बढ़ोतरी हो।