शेख हसीना का भारत में शरण: प्रत्यर्पण संधि और भारत-बांग्लादेश संबंध
शेख हसीना, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री, जब 5 अगस्त को बांग्लादेश से भारत पहुंचीं, तो कई सवाल उठे। क्या वे भारत में लंबे समय तक रहेंगी? क्या भारत उन्हें बांग्लादेश को सौंपेगा? इन सवालों के जवाब इस सेशन में खोजे जाएंगे।
बांग्लादेश में चल रहे प्रदर्शनों के बीच, शेख हसीना ने भारत की ओर रुख किया। हिंडन एयरबेस पर उतरने के बाद से उनके ठिकाने को लेकर अटकलें जारी हैं। हिंडन एयरबेस, दिल्ली के पास स्थित एशिया का सबसे बड़ा एयर बेस है, और इसे भारतीय वायुसेना की सुरक्षा से अत्यंत सुरक्षित माना जाता है। कयास लगाए जा रहे हैं कि शेख हसीना वहीं के एक सुरक्षित स्थल पर रह रही हैं।
भारत में शरण लेने का निर्णय शेख हसीना ने इसलिए लिया क्योंकि उन्हें अन्य देशों से शरण नहीं मिली। भारत ने उन्हें 1975 में भी शरण दी थी जब उनके पिता का निधन हुआ था, और इस बार भी भारत उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी ले रहा है।
भारत और बांग्लादेश ने प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत दोनों देशों ने एक-दूसरे के अपराधियों को सौंपने का वादा किया है। हालांकि, शेख हसीना पर बांग्लादेश में हत्या और नरसंहार के आरोप हैं, जो अदालत में लंबित हैं। ऐसे में भारत की स्थिति जटिल हो जाती है।
प्रत्यक्ष प्रत्यर्पण संधि के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति ऐसे अपराध में शामिल हो जो दंडनीय हो, तो उसे प्रत्यर्पित किया जा सकता है। लेकिन, यदि मामला राजनीतिक हो या न्याय की संभावना हो, तो भारत उसे रोक सकता है। शेख हसीना का मामला इस श्रेणी में आता है क्योंकि आरोप राजनीतिक नहीं, बल्कि हत्या और नरसंहार के हैं।
भारत ने शेख हसीना को शरण देने का निर्णय लिया है और यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है कि बांग्लादेश के साथ संबंध प्रभावित न हों। हालांकि, शेख हसीना की सुरक्षा और उनकी स्थिति पर भारत की नीति स्पष्ट है कि वे पूरी सुरक्षा के साथ भारत में रहेंगी जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती।
अंततः, भारत अपने पुराने सहयोगी शेख हसीना के प्रति अपने समर्थन को बनाए रखते हुए बांग्लादेश के साथ अच्छे संबंधों को बनाए रखने की कोशिश करेगा।