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बाइडन की विदाई और ट्रम्प बनाम कमला का उदय 

खबर आ रही है अमेरिका से कि राष्ट्रपति जो बाइडन ने अगले चुनावों से पहले ही अपने नाम को चुनावी दौड़ से पीछे ले लिया है। बाइडन ने घोषणा की है कि वे आगामी राष्ट्रपति चुनाव में भाग नहीं लेंगे और अपनी जगह उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का समर्थन करेंगे। कमला हैरिस भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक हैं, जिनका जन्म अमेरिका में हुआ है और जिनकी माता भारतीय थीं।

यह कदम जियो पॉलिटिक्स में महत्वपूर्ण असर डाल सकता है। बाइडन के इस फैसले के पीछे कई कारण हो सकते हैं। सबसे बड़ा कारण यह है कि बाइडन और डोनाल्ड ट्रंप के बीच की पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट में बाइडन को जनता का अपेक्षित समर्थन नहीं मिला। ट्रंप को 67% समर्थन मिला जबकि बाइडन को केवल 33% ही समर्थन मिला।

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इसके अलावा, बाइडन की तबीयत भी खराब चल रही है। उनकी मानसिक और शारीरिक स्थिति को देखते हुए उनकी पार्टी के लोग भी उन्हें सलाह दे रहे थे कि वे अपनी उम्मीदवारी वापस ले लें। एक हालिया घटना में, बाइडन अपनी पत्नी को समझने में भ्रमित हो गए और किसी अन्य महिला के पास चले गए। ऐसी घटनाओं ने उनकी स्थिति को और कमजोर कर दिया है।

डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए यह एक महत्वपूर्ण समय है क्योंकि अब पार्टी को तय करना होगा कि वे कमला हैरिस का समर्थन करेंगे या किसी अन्य उम्मीदवार का नाम आगे करेंगे। अमेरिकी इतिहास में ऐसा पहले भी हुआ है जब राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन ने वियतनाम युद्ध के दौरान अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली थी।

ट्रंप अब मुख्य प्रतिद्वंद्वी बनकर उभर रहे हैं, और अगर वे फिर से राष्ट्रपति बनते हैं, तो अंतरराष्ट्रीय जियो पॉलिटिक्स में बड़ा बदलाव आ सकता है। विशेष रूप से, रूस-यूक्रेन युद्ध, इजराइल, और चीन-ताइवान संघर्षों पर इसका असर हो सकता है।

आगे की चर्चाओं में हम देखेंगे कि कमला हैरिस के पास क्या खासियतें हैं और वे किस प्रकार से चुनावी दौड़ में ट्रंप को चुनौती दे सकती हैं। उनके बैकग्राउंड, राजनीतिक करियर, और उनकी योग्यता पर भी चर्चा करेंगे।

अब देखते हैं कि इस घटनाक्रम का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्या प्रभाव पड़ेगा और यह जियो पॉलिटिक्स को किस प्रकार से प्रभावित करेगा।

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