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Puri Jagannath Temple Ratna Bhandar open after 46 years : जानिए क्यों हो रही राजनीति?

आज हम बात करेंगे उड़ीसा की राजनीति और भगवान जगन्नाथ जी के मंदिर के तहखाने में रखे खजाने के बारे में।

हाल ही में उड़ीसा में सत्ता परिवर्तन हुआ है, नवीन बाबू की सरकार की जगह अब बीजेपी सत्ता में है। इस चुनाव में एक प्रमुख मुद्दा रहा भगवान जगन्नाथ जी के मंदिर के तहखाने का खजाना। बीजेपी ने अपने मेनिफेस्टो में वादा किया था कि अगर वे सत्ता में आते हैं तो इस तहखाने को खोलेंगे और इसमें रखे खजाने का खुलासा करेंगे। अब यह तहखाना 400 साल बाद खुल रहा है, जो कि अपने आप में एक बड़ी बात है।

इस तहखाने को लेकर पहले की सरकार ने क्यों नहीं खोला, यह एक बड़ा सवाल है। चुनाव प्रचार के दौरान यह आरोप लगाया गया कि हो सकता है पहले की सरकार ने खजाने का कुछ हिस्सा गायब कर दिया हो। अब यह तहखाना खुलने से जनता के मन में उठ रहे सवालों का जवाब मिलेगा।

कुछ माइथोलॉजी रीजंस भी दिए गए हैं कि खजाना खुलने से कोई बड़ी आपदा आ सकती है। इस खजाने का पूरा इतिहास और भगवान जगन्नाथ जी की महिमा आज हम आपके साथ साझा करेंगे।

जब हाल ही में जगन्नाथ रथ यात्रा शुरू हुई, तो भगवान जगन्नाथ जी का इतिहास और उनके मंदिर के महत्व की चर्चा शुरू हुई। भगवान जगन्नाथ का मंदिर भारत के चार धामों में से एक है और यह उड़ीसा के पुरी जिले में स्थित है।

खजाने के बारे में कहा जाता है कि इसमें 50 किलो सोना, 134 किलो चांदी और कई अनमोल आभूषण रखे हैं। रत्न भंडार को तीन हिस्सों में बांटा गया है – बाहरी भंडार, आंतरिक भंडार और एक वर्तमान रत्न भंडार। बाहरी भंडार को समय-समय पर खोला जाता है, जबकि आंतरिक भंडार लंबे समय से नहीं खोला गया है।

खजाने की सुरक्षा को लेकर कई कहानियाँ हैं, जैसे कि इसकी सुरक्षा सांपों द्वारा की जाती है। 1978 में इस खजाने को आखिरी बार खोला गया था। अब, 46 साल बाद, इसे फिर से खोला जा रहा है।

भगवान जगन्नाथ जी का मंदिर 12वीं सदी में बना था और इसमें कई बार जीर्णोद्धार हुआ है। इस मंदिर के चार द्वार हैं – सिंह द्वार, अश्व द्वार, व्याघ्र द्वार, और हस्ती द्वार। मंदिर के चारों ओर 20 फीट ऊंची दीवार है।

2018 में, उड़ीसा हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को रत्न भंडार खोलने का निर्देश दिया था। लेकिन चाबी खो जाने के कारण यह संभव नहीं हो पाया। इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक बहस शुरू हो गई और 2023 में बीजेपी ने अपने मेनिफेस्टो में इस तहखाने को खोलने का वादा किया।

अब, नवीन सरकार ने 16 सदस्यीय समिति गठित की है जो इस खजाने का लेखा-जोखा करेगी। 14 जुलाई को इस खजाने को खोलने की प्रक्रिया शुरू हुई है।

इस खजाने के खुलने से जुड़ी सभी जानकारियाँ और इससे जुड़ी कहानियाँ हम अपने सेशन में साझा करेंगे। उम्मीद है कि आपको यह जानकारी पसंद आएगी और आप इसे अपने दोस्तों के साथ साझा करेंगे। धन्यवाद!

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