8th Pay Commission में इस तरह निकाली जाएगी सरकारी कर्मचारियों की सैलरी!
2025 की शुरुआत के साथ ही सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खबर आई है। 16 जनवरी 2025 को केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस निर्णय की घोषणा करते हुए कहा कि जल्द ही आयोग के चेयरमैन और दो अन्य सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी। इस फैसले से केंद्रीय और राज्य सरकारों के लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को लाभ मिलेगा।
वेतन आयोग का इतिहास और भूमिका
1947 से अब तक कुल सात वेतन आयोग गठित किए जा चुके हैं। प्रत्येक आयोग सरकारी कर्मचारियों के वेतन, भत्तों और पेंशन से जुड़ी सिफारिशें देता है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू हुई थीं और इसमें न्यूनतम वेतन ₹18,000 तय किया गया था।
आठवें वेतन आयोग की संभावनाएं
आठवें वेतन आयोग के गठन के साथ ही अब यह सवाल उठता है कि इसकी सिफारिशें कब लागू होंगी। हालांकि सरकार ने अभी इसकी आधिकारिक तिथि घोषित नहीं की है, लेकिन पिछले रुझानों को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि 1 जनवरी 2026 से इसे लागू किया जा सकता है।
फिटमेंट फैक्टर का प्रभाव
सरकारी कर्मचारियों की वेतन वृद्धि में फिटमेंट फैक्टर की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सातवें वेतन आयोग में इसे 2.57 निर्धारित किया गया था, जिससे कर्मचारियों के वेतन में 23-25% की वृद्धि हुई थी। आठवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर को 2.57 से 2.85 के बीच रखा जा सकता है। यदि इसे 2.85 तय किया जाता है, तो न्यूनतम वेतन ₹18,000 से बढ़कर लगभग ₹51,300 हो सकता है।

विभिन्न स्तरों पर वेतन वृद्धि का अनुमान
सरकारी कर्मचारियों के वेतन ढांचे को लेवल 1 से लेवल 18 तक विभाजित किया गया है। सातवें वेतन आयोग के अनुसार:
- लेवल 1 के कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी ₹18,000 थी। यदि फिटमेंट फैक्टर 2.57 रहता है, तो यह बढ़कर ₹46,260 हो सकती है।
- लेवल 18 के उच्च पदों पर (जैसे राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यपाल) वेतन में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
पेंशन और अन्य लाभ
आठवें वेतन आयोग के लागू होने से पेंशनधारकों को भी लाभ मिलेगा। पिछले आयोगों में पेंशन में 14% से 26% तक वृद्धि देखी गई थी, और इस बार यह 30% से अधिक हो सकती है। इसके अलावा, महंगाई भत्ता (DA), यात्रा भत्ता (TA), और गृह ऋण पर ब्याज दर में भी संशोधन संभव है।
निष्कर्ष
आठवें वेतन आयोग के गठन की घोषणा ने सरकारी कर्मचारियों में उत्साह भर दिया है। अब सभी की निगाहें आयोग की सिफारिशों और उनके कार्यान्वयन पर टिकी हैं। जैसे ही आयोग अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करेगा, वेतन और पेंशन में होने वाली संभावित बढ़ोतरी का सही आकलन किया जा सकेगा।