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52 सीक्रेट सेटेलाइट छोड़ेगा ISRO | पड़ोसी देशों की बढ़ेंगी मुसीबतें

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52 सीक्रेट सेटेलाइट छोड़ेगा ISRO | पड़ोसी देशों की बढ़ेंगी मुसीबतें

हम एक ऐसी खबर पर चर्चा करने जा रहे हैं जो भारत की सुरक्षा को लैंड बॉर्डर के साथ-साथ समुद्री सीमाओं पर भी बहुत मजबूत बनाएगी। यह जानकारी इतनी महत्वपूर्ण है कि भारत के पड़ोसी देशों को चिंता हो सकती है कि अब वे किसी भी तरह से भारतीय सीमा में प्रवेश नहीं कर पाएंगे। खासकर समुद्री मार्ग से, जहां जासूसी जहाज भेजे जाते हैं, हमें पहले से ही सब जानकारी मिल जाएगी। आइए, इस खबर का पूरा विश्लेषण करते हैं।

भारत सरकार ने 52 सैटेलाइट्स अंतरिक्ष में भेजने का निर्णय लिया है, जिसकी कुल लागत 27,000 करोड़ रुपये होगी। यह दुनिया का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट माना जा रहा है जो भारत में शुरू होने जा रहा है। इन सैटेलाइट्स का मुख्य उद्देश्य बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ाना और किसी भी प्रकार की घुसपैठ को रोकना है।

अक्सर समाचारों में हम सुनते हैं कि चीन बॉर्डर एरिया में कहीं ना कहीं सलामी स्लाइसिंग करके अंदर आ रहा है, चाहे वह नेपाल हो या भारत, उनके बॉर्डर को नुकसान पहुंचाता है और अंदर घुस जाता है। चीन की यह हरकतें केवल जमीन पर ही नहीं, बल्कि समुंदर के माध्यम से भी होती हैं। वे जासूसी जहाज भेजकर भारत की गतिविधियों पर नजर रखते हैं।

जैसे हम अपने घरों में सुरक्षा के लिए कैमरे फिट करते हैं, वैसे ही हमने अंतरिक्ष में कैमरे फिट करने का निर्णय लिया है ताकि हमारी सेना को पूरी जानकारी मिल सके कि कोई हमारे बॉर्डर को पार करके अंदर आ रहा है या नहीं।

हमारा प्रोजेक्ट यह सुनिश्चित करेगा कि हमारे बॉर्डर एरिया में होने वाली किसी भी प्रकार की गतिविधि पर हमारी नजर हो। चाहे वह जमीन से हो या पानी से, हमें हर मूवमेंट की जानकारी रहेगी। इससे हमारी सुरक्षा बलों को अलर्ट मिल सकेगा और वे तुरंत कार्रवाई कर सकेंगे।

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इन सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में विभिन्न ऊंचाइयों पर भेजा जाएगा – लो अर्थ ऑर्बिट, मिडल अर्थ ऑर्बिट और हाई अर्थ ऑर्बिट। इनमें से, हाई अर्थ ऑर्बिट सैटेलाइट्स 35,786 किलोमीटर की ऊंचाई पर होंगे। यहां से ये सैटेलाइट्स पृथ्वी की गति से समान गति पर चलेंगे, जिससे वे एक ही स्थान पर स्थिर रह सकेंगे और धरती पर नजर रख सकेंगे।

इस प्रोजेक्ट के पीछे का सिद्धांत यह है कि अगर आप हाई अर्थ ऑर्बिट में सैटेलाइट भेजते हैं, तो पृथ्वी और सैटेलाइट की गति आपस में मेल खा जाती है और सैटेलाइट एक ही स्थान पर स्थिर रहता है। इससे यह संभव हो सकेगा कि सैटेलाइट पूरे समय पृथ्वी की निगरानी कर सके।

यह प्रोजेक्ट सुरक्षा के लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण है और इससे हमारी सेना को वास्तविक समय में जानकारी मिल सकेगी कि कोई हमारे बॉर्डर को पार कर रहा है या नहीं। आने वाले सेशंस में हम इस प्रोजेक्ट के और भी कई पहलुओं पर चर्चा करेंगे और आपके सवालों के जवाब देंगे। फिलहाल इतना समझ लीजिए कि यह सुरक्षा का एक जबरदस्त प्रोजेक्ट है और इससे भारत की सुरक्षा कई गुना बढ़ जाएगी।

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