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41 साल बाद ऑस्ट्रिया में भारतीय प्रधानमंत्री

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जैसा कि आप सभी जानते हैं, हाल ही में देश के प्रधानमंत्री रूस की यात्रा पर थे। लेकिन, आप यह भी जानते होंगे कि रूस की यात्रा के तुरंत बाद प्रधानमंत्री ऑस्ट्रिया की यात्रा पर भी गए। यह प्रधानमंत्री की रूस यात्रा थी, जिसमें भारत और रूस के बीच में 22वीं वार्ता हो रही थी। वहां से निकलकर प्रधानमंत्री ऑस्ट्रिया की यात्रा पर पहुंचे। ऑस्ट्रिया एक यूरोपियन कंट्री है जिसकी राजधानी विएना है। इसका बड़ा इतिहास है और वर्तमान में भी इसकी बड़ी प्रासंगिकता है। 40 साल बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री, इंदिरा गांधी के बाद, यहां पहुंचे हैं। 1983 के बाद 2024 में हो रही यह यात्रा ऑस्ट्रिया के महत्व को फिर से चर्चा में ला देती है।

आज हम ऑस्ट्रिया की प्रासंगिकता और भारत के लिए इसके महत्व के बारे में चर्चा करेंगे।

ऑस्ट्रिया यूरोप के अंदर एक लैंडलॉक कंट्री है। यह वह देश है जिसका वर्ल्ड वॉर में काफी नाम रहा है। कहते हैं कि फर्स्ट वर्ल्ड वॉर 1914 में ऑस्ट्रिया के राजकुमार की हत्या के कारण शुरू हुआ था। ऑस्ट्रिया के राजकुमार की हत्या सर्बिया में हुई थी, जिसके बाद ऑस्ट्रिया और हंगरी ने मिलकर सर्बिया पर हमला कर दिया। सर्बिया ने रूस से मदद मांगी, जिससे रूस भी युद्ध में शामिल हो गया। इस प्रकार से एक बड़ा युद्ध शुरू हो गया, जिसमें ऑस्ट्रिया, हंगरी, जर्मनी, और ऑटोमन एंपायर (जिसमें टर्की एक बड़ी कंट्री थी) शामिल थे। दूसरी तरफ, सर्बिया, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन, और अमेरिका के साथ मिलकर लड़ रहा था। इस प्रकार से प्रथम विश्व युद्ध शुरू हुआ था।

वर्तमान में ऑस्ट्रिया का महत्व यूरोप के अंदर उसकी भौगोलिक और राजनीतिक स्थिति के कारण भी है।

विएना कन्वेंशन और विएना प्रोटोकॉल जैसी महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय संधियों के नाम भी इसी राजधानी के नाम पर हैं। यूरोप में कई प्रकार की समूह व्यवस्थाएँ हैं जैसे यूरोपियन यूनियन, यूरोजोन, और शनजन वीजा, और ऑस्ट्रिया इनमें शामिल है। यह एक लैंड लॉक कंट्री है, लेकिन भारत के साथ उसके संबंध मित्रवत हैं। प्रधानमंत्री की इस यात्रा का उद्देश्य व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देना था।

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प्रधानमंत्री की रूस यात्रा के बाद ऑस्ट्रिया यात्रा का एक और उद्देश्य यह था कि रूस यात्रा को संतुलित करने के लिए एक यूरोपियन कंट्री का दौरा किया जाए। इस यात्रा में 1983 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहली बार ऑस्ट्रिया आना भी महत्वपूर्ण था। प्रधानमंत्री ने यहां के चांसलर के साथ बैठक की और कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की।

ऑस्ट्रिया का इतिहास और वर्तमान स्थिति

ऑस्ट्रिया का इतिहास बहुत महत्वपूर्ण है। फर्स्ट वर्ल्ड वॉर की शुरुआत ऑस्ट्रिया के राजकुमार की हत्या से ही हुई थी। वर्तमान में ऑस्ट्रिया कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों का मुख्यालय है, जैसे यूनाइटेड नेशंस इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन, इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी, और ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज (ओपेक)।

भारत और ऑस्ट्रिया के बीच संबंध

भारत और ऑस्ट्रिया के बीच राजनीतिक संबंध 1949 में स्थापित हुए थे। 1983 में इंदिरा गांधी ऑस्ट्रिया का दौरा करने वाली पहली प्रधानमंत्री थीं। 2024 में राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष पूरे होने पर प्रधानमंत्री मोदी का दौरा हुआ। 2023 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 243 अरब था। ऑस्ट्रिया में भारत का प्रत्यक्ष निवेश 1414 अरब था और भारत में ऑस्ट्रिया का प्रत्यक्ष निवेश 66 अरब था।

प्रधानमंत्री ने अपनी यात्रा में यह बताया कि भारत और ऑस्ट्रिया के बीच व्यापारिक और राजनीतिक संबंध बहुत महत्वपूर्ण हैं और इन्हें आगे बढ़ाने के लिए यह यात्रा की गई।

प्रधानमंत्री की ऑस्ट्रिया यात्रा ने यह साबित किया कि भारत की आवाज पूरी दुनिया में सुनी जाती है और ऑस्ट्रिया भी यूक्रेन संकट पर शांति चाहता है। इस यात्रा ने दोनों देशों के बीच दोस्ती को और मजबूत किया है।

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