2050 तक 93% तक बढ़ जाएंगी पुरुषों में कैंसर से होने वाली मौतें
साथियों, यह खबर आपको थोड़ा चिंता में डाल सकती है, लेकिन जब तक आप चिंता नहीं करेंगे, तब तक उससे बचने के उपाय नहीं कर पाएंगे। कहा जाता है कि रोकथाम इलाज से बेहतर है, इसलिए इस सूचना को ध्यान से सुनें। हाल ही में एक पत्रिका “कैंसर” में एक रिपोर्ट छपी है, जिसमें बताया गया है कि 2050 तक पुरुषों में कैंसर से होने वाली मौतों की संख्या 93% तक बढ़ने का अनुमान है।
इस अध्ययन में बताया गया है कि 2050 तक वैश्विक स्तर पर पुरुषों में कैंसर के मामलों की संख्या 19 मिलियन तक पहुँच सकती है, जो कि 2022 की तुलना में 84.5% की वृद्धि होगी। इसके साथ ही कैंसर से होने वाली मौतों की संख्या 10.5 मिलियन तक पहुँचने का अनुमान है, जो 93.2% की वृद्धि दर्शाती है। विशेष रूप से फेफड़ों के कैंसर के मामलों में 87% तक की वृद्धि हो सकती है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 15 से 59 वर्ष के बीच की कार्यशील आयु वर्ग में कैंसर के मामलों में 39% की वृद्धि होगी। इसके अलावा, उच्च मानव विकास सूचकांक (HDI) वाले देशों में भी 50% तक मामले बढ़ने का अनुमान है। 65 वर्ष से अधिक आयु के पुरुषों में कैंसर से होने वाली मौतों में 117% तक की वृद्धि हो सकती है।
अध्ययन में यह भी पाया गया कि निम्न आय वाले देशों में, जहां जीवन प्रत्याशा कम है, वहाँ कैंसर से होने वाली मौतों की संभावना सबसे अधिक है। भारत और पाकिस्तान में तंबाकू सेवन के कारण होंठ और मौखिक गुहा (oral cavity) के कैंसर के मामले सबसे अधिक होंगे। फेफड़ों के कैंसर से होने वाली मौतों में भी वृद्धि होगी।
2022 में पुरुषों में 10.3 मिलियन कैंसर के मामले दर्ज किए गए थे, जिनमें से 5.4 मिलियन मौतें हुईं। इन मौतों में से अधिकांश 65 वर्ष से अधिक आयु के पुरुषों में हुईं, जिनमें फेफड़ों का कैंसर प्रमुख कारण था। दुर्लभ कैंसर जैसे पैंक्रियास कैंसर के मामले भी निम्न आय वाले देशों में अधिक देखे गए।
कैंसर एक ऐसा रोग है जिसमें शरीर की कोशिकाएँ अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और स्वस्थ कोशिकाओं को नष्ट कर देती हैं। यह कोशिकाएँ शरीर के विभिन्न अंगों में फैलकर गाँठ बना लेती हैं, जिससे व्यक्ति की सेहत पर गंभीर असर पड़ता है।
दुनिया में कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। प्रमुख प्रकार के कैंसर में लंग कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, स्टमक कैंसर, ओवेरियन कैंसर, और बोन कैंसर शामिल हैं। पुरुषों में ब्रेन कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, और लिंफोमा जैसे कैंसर अधिक पाए जाते हैं।
कैंसर के मामले अक्सर धूम्रपान, शराब का सेवन, अधिक वजन, असुरक्षित यौन संबंध, और प्रदूषण जैसे कारणों से उत्पन्न होते हैं। भारत में 1990 से 2013 के बीच कैंसर के मामलों में वृद्धि देखी गई है। 2020 में भारत में अनुमानित 1.39 मिलियन कैंसर के मामले दर्ज किए गए थे, और यह संख्या 2025 तक 1.57 मिलियन तक पहुँचने की संभावना है।
रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने एक बार कहा था कि वे कैंसर की वैक्सीन खोजने के करीब हैं। दुनिया इस उम्मीद में है कि जल्द ही कैंसर का इलाज संभव हो सकेगा। फिलहाल, कैंसर का इलाज कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी, और रेडिएशन थेरेपी के माध्यम से किया जाता है।
उम्मीद है कि आपको यह जानकारी समझ में आई होगी। खुद को धूम्रपान और अन्य हानिकारक आदतों से बचाएं, और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।