1 जुलाई से कानून के क्षेत्र में एक नया दिन शुरू हुआ है। भारतीय कानून व्यवस्था में जो भी आधार लिए जाते थे, उन्होंने एक नया दिन देखा। भारत ने सालों से चली आ रही कानून व्यवस्था को बदल दिया है। आईपीसी, सीआरपीसी और एविडेंस एक्ट को बदलकर नए कानून लागू किए गए हैं। 1 जुलाई से इन नए कानूनों को लागू किया गया है और इसके बाद देश में कई बदलाव हुए हैं।
नए कानूनों के तहत पहली एफआईआर मध्य प्रदेश के ग्वालियर में दर्ज की गई। एफआईआर नंबर भारतीय न्याय संहिता की धारा 303 क्लॉज 2 के तहत चोरी के लिए दर्ज की गई। इसके बाद दूसरा मामला छत्तीसगढ़ के कबीरधाम में मारपीट और धमकी के लिए दर्ज हुआ।
1 जुलाई को ऐतिहासिक दिन के रूप में माना गया क्योंकि ब्रिटिश काल में बनाए गए कानून, इंडियन पीनल कोड (IPC), जो कि 1860 से चला आ रहा था, को हटाकर नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य संहिता लागू किए गए हैं।
नए कानूनों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं:
- भारतीय न्याय संहिता में कुल 358 धाराएं रखी गई हैं। इसमें 20 नए अपराध जोड़े गए हैं, 33 अपराधों की सजा बढ़ाई गई है, 83 अपराधों में जुर्माने की राशि बढ़ाई गई है, और 23 अपराधों में अनिवार्य सजा की शुरुआत की गई है।
- भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में 531 धाराएं हैं। इसमें 177 प्रावधानों में बदलाव किया गया है, 39 नई उपधाराएं जोड़ी गई हैं, 44 नए प्रावधान और स्पष्टीकरण जोड़े गए हैं, 35 धाराओं में समय सीमा जोड़ी गई है, और 14 धाराओं को निरस्त किया गया है।
- भारतीय साक्ष्य संहिता में 170 प्रावधान डाले गए हैं।
नए कानूनों में सबसे बड़े बदलावों में से एक है कि किसी भी केस की सुनवाई 60 दिनों के अंदर पूरी करनी होगी और फैसले को 45 दिनों के अंदर सुनाना अनिवार्य होगा। बलात्कार पीड़ितों का बयान महिला पुलिस अधिकारी और उसके अभिभावक या रिश्तेदार की मौजूदगी में दर्ज होगा। मेडिकल रिपोर्ट 7 दिन के अंदर आनी कंपलसरी होगी।
राजद्रोह को हटाकर अब देशद्रोह के नाम से जाना जाएगा और संगठित अपराध और आतंकवाद को परिभाषित किया गया है। तलाशी और जप्ती जैसी कार्यवाईयों की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी।
नए कानूनों के लागू होने के साथ, पुलिस कर्मियों को नई धाराओं के तहत केस दर्ज करने में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन सकारात्मक रूप से तैयारी की गई है।
नए कानूनों के आने के बाद, वकीलों, जजों और लॉ पढ़ने वाले छात्रों के लिए नए कानूनों का अध्ययन और उनकी धाराओं को समझना महत्वपूर्ण होगा।
भारत ने पुराने कानूनों को बदलकर एक प्रोग्रेसिव समाज की ओर कदम बढ़ाया है और आने वाले समय में इसका प्रभाव देखने को मिलेगा।