हिजबुल्लाह के बाद अब इरान और यमन की बारी !! I इज़राइल ने शुरू की तैयारी
हिजबुल्ला के नेता नसरुल्लाह के निधन के बाद क्या हुआ, इस पर चर्चा करते हैं। आपको याद होगा कि हमने आपको सबसे पहले 28 तारीख को यह खबर दी थी। रात भर इसकी खबरें आनी शुरू हुई थीं, लेकिन पुष्टि शनिवार की शाम को हुई थी। रविवार को दुनिया की प्रतिक्रिया आई थी। इस सबके बीच, ईरान जो पूरी तरह से हिजबुल्ला को समर्थन दे रहा था, उस पर क्या असर पड़ा और इजराइल ने क्या किया, इन सब बातों पर आज के सत्र में चर्चा करेंगे।
जैसे ही नसरुल्लाह की मौत की पुष्टि हुई, इजराइल ने यमन पर हमले शुरू कर दिए। ईरान के सुप्रीम लीडर को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है, ऐसी खबरें आ रही हैं। सवाल यह है कि नसरुल्लाह किस सुरक्षित जगह पर नहीं था, और उसकी सूचना कैसे लीक हुई। इजराइल ने हमास के खात्मे के बाद हिजबुल्ला को निशाना बनाया और अब यमन पर हमले जारी हैं। यमन में तेल डिपो और पोर्ट्स पर हमले किए जा रहे हैं। ईरान को भी निशाना बनाया जा सकता है।
सितंबर के आसपास खबरें आई थीं कि ईरान के लेबनान के अंदर धमाके हो रहे थे। इजराइल ने साफ कहा था कि वे हमास से लड़ाई के दौरान हिजबुल्ला के हमलों का बदला लेना चाहते हैं। लगभग 8,000 से 9,000 गोले हिजबुल्ला ने इजराइल पर दागे थे। इसके बाद इजराइल ने हिजबुल्ला के मुख्यालय पर 80 टन वजन का बम गिराया था, जिससे नसरुल्लाह की मौत हो गई थी। बंकर बस्टर बम का उपयोग किया गया था, जो पहले अंदर बंकर तक पहुंचता है फिर जाकर फटता है।
नसरुल्लाह एक अंडरग्राउंड बंकर में था और बंकर बस्टर बम ने उसे मार दिया। कुछ लोगों का कहना है कि वह सदमे से मरा क्योंकि 80 टन वजन का बम हिजबुल्ला के हेड ऑफिस पर गिराया गया था। सोशल मीडिया पर यह भी खबर है कि ईरान के किसी व्यक्ति ने इजराइल को सूचना दी थी। नसरुल्लाह हर सात दिन में अपने ठिकाने बदलता था। जब उसकी लोकेशन की पुष्टि हुई, तो नेतन्याहू को जानकारी दी गई और उसी रात उसे मारा गया।
नेतन्याहू ने यूएन में भाषण देने के बाद वापस आकर आदेश दिया कि हमला किया जाए। हिजबुल्ला के मुख्यालय पर हमला हुआ और नसरुल्लाह मारा गया। इस घटना पर दुनिया भर में प्रतिक्रियाएं आईं। इजराइल में जश्न मनाया गया।
लेबनान में भी जश्न मनाया गया, क्योंकि लेबनान में तीन तरह के लोग रहते हैं: क्रिश्चियन, शिया मुस्लिम और सुन्नी मुस्लिम। लेबनान पहले फ्रांस के अधीन था और वहां 75% क्रिश्चियन थे, लेकिन अब अधिकांश मुस्लिम हैं। तीनों समुदायों ने अपने-अपने पद बांटे हुए हैं, जैसे राष्ट्रपति क्रिश्चियन, प्रधानमंत्री शिया, और स्पीकर सुन्नी। हिजबुल्ला का नेता शिया था और उसने लेबनान की जनता को दबा रखा था। उसकी मौत पर क्रिश्चियन समुदाय ने जश्न मनाया।
हिजबुल्ला का चीफ नसरुल्लाह एक अंडरग्राउंड बंकर में रह रहा था, और इजराइल ने बंकर बस्टर बम का इस्तेमाल किया। यह बम पहले ड्रिल करता है और बंकर की गहराई में पहुंचता है, फिर ब्लास्ट होता है। नसरुल्लाह की मौत से हिजबुल्ला की लीडरशिप और भविष्य की योजना समाप्त हो गई है।
नसरुल्लाह की मौत पर दुनिया की प्रतिक्रियाएं भी आई हैं। लोग कह रहे हैं कि खेमन को भी छिप जाना चाहिए क्योंकि मोसाद उसे भी ढूंढ लेगी। इजराइल के हवाई जहाज दुनिया में कहीं भी पहुंच सकते हैं और किसी को भी मार सकते हैं।
लेबनान में अब अधिकांश मुस्लिम हैं, लेकिन तीनों समुदायों ने अपने-अपने पद बांटे हुए हैं। हिजबुल्ला ने लेबनान की जनता को दबा रखा था, इसलिए उसकी मौत पर क्रिश्चियन समुदाय ने जश्न मनाया। लेबनान की सेना हिंसा न भड़कने के लिए शांत बैठी है।
भारत में भी शिया समुदाय ने नसरुल्लाह की मौत पर दुख व्यक्त किया। लखनऊ और कश्मीर में प्रदर्शन हुए। हिजबुल्ला का समर्थन करने वाले नसरुल्लाह को एक शिया नेता मानते थे।