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सीरिया के बिगड़ते हालात भारतीय दूतावास ने देश छोड़ने की सलाह दी

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सीरिया के बिगड़ते हालात भारतीय दूतावास ने देश छोड़ने की सलाह दी

मिडिल ईस्ट के देश सीरिया के बिगड़ते हालात पर चर्चा करने के लिए स्वागत है। भारत के दूतावास ने सीरिया में रह रहे भारतीयों, जिनकी संख्या लगभग 990 है, को देश छोड़ने की सलाह दी है। उन्हें सुरक्षित स्थानों पर जाने या भारत वापस लौटने की सलाह दी गई है। जानकारी के अनुसार, सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद देश छोड़ चुके हैं, हालांकि इसकी पुष्टि अभी नहीं हुई है और यह खबर सोशल मीडिया पर तैर रही है।

जो लोग नहीं जानते कि सीरिया कहां है और वहां क्या हो रहा है, उनके लिए मैंने चार दिन पहले एक सेशन किया था जिसमें बताया था कि सीरिया इजराइल का पड़ोसी देश है। यहाँ रूस ने असद सरकार की मदद करने के लिए विद्रोहियों पर हमले किए थे। बशर अल असद लंबे समय से सत्ता में हैं और उनके पिता भी पहले सत्ता में थे। वे लगातार रूस के समर्थन से सत्ता में बने हुए हैं। बशर अल असद शिया मुस्लिम हैं, इसलिए उन्हें ईरान का समर्थन प्राप्त है और लेबनान के हिजबुल्ला का भी समर्थन है।

वहीं दूसरी ओर विद्रोह कर रहे लोग सुन्नी मुस्लिम हैं और विशेष रूप से अलकायदा से प्रेरित हैं। इस प्रकार, सीरिया में आतंकी ही आतंकियों से लड़ाई लड़ रहे हैं। वर्तमान स्थिति को संक्षेप में इस प्रकार बताया जा सकता है: बशर अल असद की सरकार ने विद्रोहियों पर कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की है। हालांकि, शुरुआत में जब अलेप्पो शहर पर कब्जा हो रहा था, तब रूसी जेट्स ने विद्रोहियों पर हमले किए थे। मैंने आपको लोकेशन बताया था कि यह घटना कहाँ हो रही है और इसका महत्त्व क्या है।

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मेडिटरेनियन सी के पूर्व में, जहां एक ओर इजराइल है, उसके उत्तर में लेबनान है और उसके उत्तर में सीरिया का बॉर्डर कनेक्ट होता है। सीरिया की राजधानी दमिश्क है। यह अपने दक्षिण में जॉर्डन, पूर्व में इराक और उत्तर में तुर्की से सीमा साझा करता है। इराक और सीरिया के बीच कभी आईएसआईएस ने नियंत्रण करने का प्रयास किया था। सीरिया के उत्तर में कुर्द लड़ाके रहते हैं जो कुर्दिस्तान की मांग करते हैं।

बशर अल असद का अधिकांश क्षेत्र पर नियंत्रण है, जो वर्तमान में सीरिया के राष्ट्रपति हैं। लगभग दो-तिहाई क्षेत्र उनके नियंत्रण में है, लेकिन फिर भी उत्तर-दक्षिण की तरफ अलेप्पो शहर पर विद्रोहियों ने कब्जा कर लिया था। अब होम्स पर भी कब्जा हो चुका है और विद्रोही दक्षिण की तरफ यानी दमिश्क की ओर बढ़ रहे हैं। इसलिए यह महत्वपूर्ण जानकारी बन रही है कि इदलिब में बैठे विद्रोही अलेप्पो पर कब्जा करने के बाद हमामा और फिर होम्स में प्रवेश कर चुके हैं।

सीरिया के अंदर चार अलग-अलग गुट आपस में लड़ रहे हैं: सीरिया की सरकार, सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेस (SDF), हयात ताहिरी अल शाम (HTS), और तुर्की समर्थित सीरियाई विद्रोही बल। भारतीय सरकार ने सीरिया में रह रहे भारतीयों को तुरंत देश छोड़ने की सलाह दी है। चीनी सरकार ने भी अपने नागरिकों को सीरिया छोड़ने की सलाह दी थी, और रूस और ईरान ने भी अपने नागरिकों और कमांडरों को सीरिया छोड़ने की सलाह दी है।

वेस्टर्न मीडिया की खबरों की पुष्टि नहीं की जा सकती जब तक बशर अल असद खुद आकर नहीं बताएं कि वे कहां हैं। कुछ रिपोर्ट्स का कहना है कि बशर अल असद ने अपनी पत्नी और बच्चों को रूस भेज दिया है और खुद तेहरान में शरण ली है।

सीरिया के विद्रोहियों ने हमा पर नियंत्रण कर लिया है। इस प्रकार सीरिया के विद्रोहियों ने अलेप्पो, हमा और होम्स पर नियंत्रण कर लिया है और अब दमिश्क की ओर बढ़ रहे हैं। जनता विद्रोहियों का समर्थन कर रही है और बशर अल असद को समर्थन नहीं मिल रहा है।

सीरिया में एचटीएस का प्रभाव बढ़ता जा रहा है और वे दमिश्क की ओर बढ़ रहे हैं। एचटीएस के चीफ अबू मोहम्मद अल गुलानी ने असद सरकार की तानाशाही जल्द खत्म होने की बात कही है। हमा की सेंट्रल जेल में बंद कैदियों को रिहा कर दिया गया है। हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। सीरिया के पड़ोसी देश जॉर्डन और इराक ने भी अपने नागरिकों को सीरिया छोड़ने की सलाह दी है।

सीरिया में इतने फ्रंट पर युद्ध चल रहा है कि हर कोई अपनी ताकत आजमा रहा है। अमेरिका, रूस, तुर्की, ईरान और अन्य देशों की गतिविधियों के चलते सीरिया एक बैटल फील्ड बन गया है। अब बशर अल असद के हटने के बाद कौन सत्ता पर काबिज होगा, यह देखना बाकी है।

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