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सावधान क्या आप चीनी का नशा करतें हैं ?

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नशा करने की चीजों जैसे तंबाकू, सिगरेट, शराब और ड्रग्स के बारे में हमारी सोच अक्सर इन्हें बुरी आदतों के रूप में पहचानती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हममें से कई लोग शायद इस बात का एहसास नहीं करते हैं कि हमारी फूड हैबिट्स में भी एक ऐसी लत है—चीनी।

रिसर्च के अनुसार, जब कोई व्यक्ति ड्रग्स का आदी होता है, तो उसे बार-बार ड्रग्स लेने की लत इसलिए लगती है क्योंकि ड्रग्स उसके मस्तिष्क में खुशी का अहसास कराते हैं। यही फीलिंग चीनी के सेवन के दौरान भी होती है। जब हम चीनी का सेवन करते हैं, तो हमारे मस्तिष्क में डोपामाइन रिलीज होता है, जो हमें अच्छा महसूस कराता है। यही वजह है कि जब हम तनाव में होते हैं, तो हमें मीठा खाने की तलब होती है।

क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि जब हम चीनी का सेवन करते हैं, तो थोड़ी देर बाद हम और अधिक मीठा खाने के लिए तरसने लगते हैं? चीनी का सेवन न केवल मधुमेह और मोटापे का कारण बनता है, बल्कि यह हमारी त्वचा की स्थिति और ऊर्जा स्तर पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कोई व्यक्ति 21 दिन तक चीनी का सेवन बंद कर दे, तो उसकी आदत बदल सकती है, और वह अधिक ऊर्जा और बेहतर नींद महसूस कर सकता है।

हालांकि, सवाल यह उठता है कि हमें चीनी का सेवन पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए या नहीं। इसका उत्तर है—नहीं। हमें चीनी का सेवन करना चाहिए, लेकिन सीमित मात्रा में। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, एक व्यक्ति को प्रतिदिन 20 से 30 ग्राम चीनी का सेवन करना चाहिए।

चीनी हमारे शरीर में प्राकृतिक और एडेड दोनों रूपों में पहुंचती है। प्राकृतिक रूप में, जैसे फल या शहद, और एडेड रूप में, जैसे मिठाई या पैकेज्ड फूड। पैकेज्ड जूस में अतिरिक्त चीनी होती है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। इसलिए, हमेशा ताजे फलों को प्राथमिकता दें।

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चीनी के उपयोग से कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें मोटापा, मधुमेह, और अन्य बीमारियां शामिल हैं। जब हम खाने में चीनी का सेवन करते हैं, तो वह ग्लूकोज में बदल जाती है, और जब जरूरत से अधिक ग्लूकोज शरीर में जमा होता है, तो यह मोटापे का कारण बनता है।

चीनी का इतिहास भी बहुत रोचक है। गन्ने से निकली चीनी पहले भारत में पैदा हुई थी और धीरे-धीरे यूरोप तक पहुंची। व्यापारिक कारणों से चीनी का उत्पादन बढ़ा, लेकिन इसके साथ-साथ दास प्रथा का भी एक काला इतिहास जुड़ा है।

आजकल, हमें चीनी की मात्रा को नियंत्रित करना आवश्यक है। हालांकि, चीनी का सेवन करने का एक सकारात्मक पक्ष भी है—यह तत्काल ऊर्जा का एक बड़ा स्रोत है। इसलिए, यदि हमें तुरंत ऊर्जा की आवश्यकता है, तो चीनी उपयोगी हो सकती है।

अंततः, चीनी को अपने आहार में नियंत्रित मात्रा में शामिल करें और स्वास्थ्य के लिए बेहतर विकल्पों की ओर बढ़ें।

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