Headlines

रोल्स-रॉयस: दुनिया की सबसे लग्जरी कार्स बनाने वाली कंपनी की प्रेरणादायक कहानी

rolls royce 959192 1280

रोल्स-रॉयस दुनिया की सबसे लग्जरियस कार्स बनाती है और दुनिया के सबसे अमीर लोग एक रोल्स-रॉयस ओन करने का सपना देखते हैं। लेकिन, सरप्राइजिंगली, इसी लग्जरियस रोल्स-रॉयस की शुरुआत एक ऐसे लड़के ने की थी जिसका पूरा बचपन गरीबी में चाइल्ड लेबर करते हुए निकला।

कहानी की शुरुआत होती है 1863 के एक छोटे से गांव में हेनरी रॉयस के जन्म से। जब रॉयस केवल 4 साल के थे, तभी उनके फादर का बिजनेस बर्बाद हो गया और पूरी फैमिली सड़क पर आ गई। महज 9 साल की उम्र में रॉयस ने अपने फादर को खो दिया, जिससे उनकी मदर को मेड का काम करना पड़ा और रॉयस न्यूजपेपर डिलीवरी करने लगे। लेकिन 14 साल की उम्र में उनकी लाइफ में एक टर्निंग पॉइंट आया। उनकी एक आंट ने हेनरी में पोटेंशियल देखा और उन्हें ग्रेट नॉर्दर्न रेलवे कंपनी में 20 पाउंड पर एनम देकर अप्रेंटिस जॉइन करवा दिया।

अगले तीन सालों में, रॉयस ने दिन-रात एक कर दिए, दर्जनों बुक्स पढ़कर और फैक्ट्री में प्रैक्टिकली काम करके कारपेंट्री, मैथ्स, और सबसे इंपॉर्टेंट इलेक्ट्रॉनिक्स का काम सीखा। 17 साल की उम्र तक वह एक फुली कैपेबल मैकेनिक बन चुके थे। 21 साल की उम्र आते-आते वह मैक्सिम वेस्टर्न नाम की कंपनी में इंजीनियर के रूप में काम कर रहे थे। लेकिन फाइनेंशियल डिफिकल्टीज के चलते यह कंपनी बंद होने वाली थी। ऐसे में रॉयस ने अपनी खुद की इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग कंपनी खोलने का फैसला लिया।

car 436373 1280

रॉयस ने अपनी 20 पाउंड्स की सेविंग्स यूज की और मैनचेस्टर में एक छोटे से ऑफिस स्पेस से शुरुआत की। उन्होंने अपने दोस्त अर्नेस्ट क्लेम को पार्टनर बना लिया। इनिशियली सर्वाइव करने के लिए रॉयस ने जो भी काम मिला, किया जैसे सिलाई मशीन रिपेयर करना और इलेक्ट्रिकल फिटिंग्स करना। लेकिन फिर रॉयस ने देखा कि इलेक्ट्रिकल लाइटिंग्स और फिटिंग्स की डिमांड बढ़ रही है, इसलिए उन्होंने आर्क लैंप्स, बल्ब होल्डर्स, और इलेक्ट्रॉनिक डोरबेल की मैन्युफैक्चरिंग शुरू कर दी। और इसी काम ने कंपनी की किस्मत बदल दी।

1900 तक कंपनी की सेल्स 20000 पाउंड्स क्रॉस कर गई थी। 38 की उम्र में रॉयस की फैमिली थी और वह एक बड़ी फैक्ट्री बनाने का प्लान कर रहे थे। लेकिन 1901 में जर्मन और अमेरिकन कंपनीज ने ब्रिटिश इलेक्ट्रॉनिक्स मार्केट में एंट्री ली, जिससे कंपटीशन बढ़ गया और इलेक्ट्रॉनिक्स इक्विपमेंट के प्राइसेस काफी गिर गए। पूरी कोशिश के बाद भी रॉयस का बिजनेस क्रैश करने लगा।

रॉयस की फिजिकल और मेंटल हेल्थ खराब होने लगी। डॉक्टर ने उन्हें फ्रेश एयर में रहने और एक कार खरीदने की सलाह दी। रॉयस ने खुद को ठीक किया और एक फ्रेंच मेड कार खरीदी, लेकिन यह कार बहुत सारी समस्याओं से भरी थी। उन्होंने कार को मॉडिफाई किया और उसे पूरी तरह से रीडिजाइन कर डाला। इस रीडिजाइन कार से उन्हें कॉन्फिडेंस आया कि वह अपनी खुद की कार्स बना सकते हैं।

उन्होंने एक टीम असेंबल की और एक नई कार डिजाइन करना शुरू कर दिया। 1 अप्रैल 1904 को इस कार का रोड टेस्ट किया गया और यह टेस्ट सफल रहा। अब उन्हें इन कार्स को पूरी दुनिया तक पहुंचाने के लिए एक पार्टनर की जरूरत थी।

चार्ल्स रोल्स, जो खुद एक पैशनेट मोटरिस्ट थे, रॉयस की कार्स से इतने इंप्रेस हुए कि उन्होंने रॉयस से मुलाकात की। बाद में उन्होंने रॉयस के साथ जॉइंट वेंचर स्टार्ट किया और इस जॉइंट वेंचर से बिकने वाली कार्स का नाम रोल्स-रॉयस रखा गया।

मार्च 1906 में रोल्स-रॉयस लिमिटेड की स्थापना की गई। रोल्स-रॉयस ने कई रेसिंग टूर्नामेंट्स में पार्टिसिपेट किया और इन्हें जीता। उनकी सबसे सक्सेसफुल कार ‘सिल्वर घोस्ट’ थी, जिसे 1906 में लॉन्च किया गया।

1910 में चार्ल्स रोल्स की एक प्लेन क्रैश में मौत हो गई। इसके बाद रॉयस की हेल्थ भी खराब हो गई, लेकिन उन्होंने सिल्वर घोस्ट के डिजाइन और इंजीनियरिंग में सुधार किए। वर्ल्ड वॉर I के दौरान रोल्स-रॉयस ने आर्मर्ड कार्स और एरो इंजन्स बनाए, जिससे उन्हें काफी सफलता मिली।

1918 में वर्ल्ड वॉर I के बाद रोल्स-रॉयस ने कार्स और एरो इंजन्स दोनों पर फोकस किया। उन्होंने नई कारें लॉन्च की और इंटरनेशनली एक्सपैंड किया। 1931 में रोल्स-रॉयस ने बेंटली को एक्वायर कर लिया।

22 अप्रैल 1933 को हेनरी रॉयस का निधन हो गया। उनके निधन के बाद भी रोल्स-रॉयस ने कई आइकॉनिक कार्स लॉन्च की। आज, रोल्स-रॉयस अपनी आइकॉनिक कार्स के कारण अल्टीमेट लग्जरी का ग्रेटेस्ट सिंबल है। एक रोल्स-रॉयस को ओन करना एक मास्टरपीस को ओन करने जैसा है जो हेनरी रॉयस के परफेक्शन और चार्ल्स रोल्स के करिज्मा को सिंबलाइज करती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *