अमेरिका ने हमें धमका दिया। मोदी जी काफी समय बाद रूस गए और वहां पुतिन साहब से जाकर गले मिले। बस यही गले लगना और पुतिन भाई साहब ने यूक्रेन पर गोला दाग दिया। इससे तो एकदम नाराज हो गए हैं बाइडन। जाते-जाते भी कसर नहीं छोड़ने वाले हैं। भले ही कमला दीदी को सत्ता संभला दी, लेकिन ऐसी स्थिति में भी वे भारत को झुकाने में कमी नहीं छोड़ेंगे।
मोदी जी गले लग रहे हैं और बाइडन परेशान हैं। आज इसी बात पर है कि अमेरिका ने फाइनली भारत को प्रेशराइज करने के जो तमाम प्रयास किए थे, आज मैं यहां पर सेशन में प्रूव करूंगा क्योंकि यह बात सत्य थी जो मैं आपसे लगातार कह रहा था।
डोनाल्ड लू ने आज खुद एक्सेप्ट किया है और वहां पर बैठकर एक्सेप्ट किया है कि हमने इंडिया को खूब प्रेशराइज किया, लेकिन मोदी जी फिर भी चले गए और जाकर गले लगे। पुतिन उधर से गोला चला दिए, एक अस्पताल पर लोगों को मार दिए। और अमेरिका ने हमारी टाइमिंग को इस तरह से जोड़ा है जैसे इमरान खान जब यूक्रेन पर पहली बार गोला दागा गया था तब पुतिन से मिलने गए थे। इमरान खान को तो हम पूरी तरह बर्बाद करके जेल में डाल दिए। इंडिया के साथ क्या किए?
हम अभी भी मित्र बनकर रहे हैं या फिर सब कुछ जैसे चल रहा है वैसे ही चलने वाला है। आज के सेशन में एक-एक चीज के ऊपर प्रॉपर चर्चा होगी। क्योंकि यूएस की संसद में संसदीय कमेटी में बाकायदा यह चर्चा है और चर्चा के साथ-साथ हमें धमकी है कि अगर आप लोग व्यापार करते रहे तो आप लोगों के साथ में हम सैंक्शन-सैंक्शन खेलेंगे। कौन से व्यापार पर सैंक्शन-सैंक्शन खेलेंगे, भारत को क्या नुकसान होगा, सारी बातें आज के सेशन में होंगी।
क्योंकि अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक सहयोगी है जिसके साथ व्यापार करके भारत पैसे कमाता है। हम ट्रेड सरप्लस में रहते हैं। और अमेरिका की धमकी अगर हमें आ जाती है कि अगर तुम ऐसा करते हो तो हम सैंक्शन-सैंक्शन खेलेंगे तो बड़ा सवाल यह है कि क्या भारत तैयार है इतना बड़ा रिस्क लेने के लिए।
यूएस ट्रेजरी ने भारतीय बैंकों को धमका दिया है कि आप रूस के साथ अगले 30 दिन में व्यापार रोक दें। अगर रूस के साथ आप व्यापार कर रहे हैं तो यूएस ट्रेजरी ने कहा है कि भारतीय बैंकों को रूस के साथ अपने संबंध तोड़ने होंगे अगले 30 दिन में।
भारत डॉलर में अगर व्यापार करा जाए ना तो कुल व्यापार का 86 प्रतिशत अभी भी डॉलर में कर रहा है। इसका मतलब अमेरिका की यह धमकी नाजायज नहीं है। अगर यह धमकी वाकई में है तो हमें बहुत सोचने की जरूरत है। बहुत चिंता की जरूरत है।
रूस भारत के लिए एक बड़ा व्यापारिक सहयोगी बनकर निकला है। जहां पहले कुछ 10-20 बिलियन डॉलर के आसपास का व्यापार होता था, आफ्टर वॉर यह 65 बिलियन डॉलर को क्रॉस कर गया है। टारगेट हमने भी 2030 तक 100 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का रखा है जो कि अमेरिका के साथ ऑलरेडी चल रहा है।
जब मैं आज आपका कंटेंट तैयार कर रहा था तो निकल कर आई कि रूस भारत से कुछ ब्यूटी प्रोडक्ट्स भी मंगाता है। मतलब ना केवल रूस हमसे हमारे यहां के केमिकल्स, दवाइयां, बल्कि ब्यूटी प्रोडक्ट्स भी इंडिया के प्रोडक्ट्स को रूस में मंगाया जाता है।
जब मैं इस चीज को देख रहा था कि रूस इस तरह के प्रोडक्ट मंगा रहा है तो मेरे सामने सोशल मीडिया पर एक रील चलकर आई जिसमें अभिषेक गांगुली नाम के एक व्यक्ति हैं, वह ट्राया के बारे में अपने एक्सपीरियंस शेयर कर रहे हैं। वही ट्राया जिसके बारे में मैंने आप लोगों को पहले भी एक बार सेशन में बताया था कि इसका रेगुलर अगर आप यूज करते हैं 5 महीने तक अगर कम से कम आप ट्राया के साथ रहते हैं तो आपको हेयर गेन होता है।
अभिषेक गांगुली के केस में भी देखा गया। यह जानकारी आज निकली क्योंकि इस प्रॉपर टेस्टिंग में जो ट्राया का टेस्ट होता है, इसमें व्यक्ति के बाल का फोटो अपलोड किया जाता है, अपनी सारी डिटेल्स डाली जाती हैं।
प्रधानमंत्री की रूस यात्रा और मास्को में पुतिन के द्वारा ग्रांड वेलकम। रूस का सबसे बड़ा पुरस्कार से सम्मान यह बातें किसी को रास नहीं आईं। कौन था वह? अमेरिका। अमेरिका के साथ-साथ यह बात जेलेंस्की को भी पसंद नहीं आई। वह भी पुतिन की याद में दुखी हुए।
दुनिया भर के अखबारों ने मोदी की यात्रा को कवर किया। उन्होंने कहा कि मोदी मास्को जाकर अमेरिका के उन प्रयासों को जिसमें अमेरिका पुतिन को आइसोलेट करने की सोच रहा है, उस पर पानी फेर रहे हैं।
वाशिंगटन पोस्ट लिखता है मोदी बियर हग्स पुतिन इन मास्को, मार्किंग डीप टाइज विद रशिया एंड इंडिया। इसने यह दिखाया कि इंडिया और रशिया एकदम जबरदस्त मित्र हैं।
जेलेंस्की बहुत दुखी हुए थे, इतनी दुखी हुए थे कि वह भारत के ऊपर कमेंट भी कर दिए थे। भारत ने अपनी संवेदना उस समय भी व्यक्त करते हुए कहा था कि हम नहीं चाहते कि युद्ध के मैदान में बम-बंदूक गोलियों के बीच समाधान और शांति की वार्ताएं सफल नहीं होती हैं।
प्रधानमंत्री ने साफ कहा था कि हम युद्ध में बच्चों के लिए बिल्कुल संवेदनशील हैं। जेलेंस्की का जब भारत विरोधी बयान आया और जेलेंस्की तो भैया एकदम बाइडन के राइट हैंड हैं। राइट हैंड तो क्या यह यही पाल रहे हैं।
जेलेंस्की भारत विरोधी बयान दिए तो भारत वाले जेलेंस्की के नाम पर यूक्रेन के एन्वॉयर कर लिए कि इधर आओ, क्या बोल रहे थे तुम्हारे जेलेंस्की कि भारत का र ह्यूज डिसपिटर है कि पीस एफर्ट्स को एक वर्ल्ड का लार्जेस्ट डेमोक्रेसी का लीडर जाकर ब्लडी क्रिमिनल के साथ गले मिल रहा है। भारत ने बकायदा जेलेंस्की के उस एन्वॉयर के समझा भी दिया कि इस तरह के शब्द हम नहीं सुनेंगे। यह केवल जेलेंस्की की इंसल्ट नहीं थी, जेलेंस्की के पीछे खड़ा कौन है? बाइडन। जेलेंस की फुनिया दिए होंगे बाइडन को कि सर सुन रहे हो मेरी बेइज्जती नहीं हुई है, बाबा बेइज्जती आपकी भी हुई है।
आपके सामने इतना बड़ा काम हो गया और आप चुप रह गए। आपकी आंखों के सामने मोदी जब 5 साल से नहीं गए, अब जाकर गले लग गए। बाइडन बोले यार हमने बहुत तरह से रोकने का प्रयास किया इनको, कई बार इनके ऊपर कई हथकंडे चलाए।
पहले निखिल गुप्ता के नाम पर धमकाया कि देखो तुम्हारे नाम उजागर कर देंगे। जिस तरह से पन्नू को मारने की तुम लोगों ने प्लॉटिंग की है ना, हम बता देंगे कि तुम्हारा वह कौन सा ऑफिसर है जिसने आदेश दिया था।
इंडिया का सेंटीमेंट तो आपको पता है, अपन ने अपने वीडियोस के माध्यम से बता दिया था कि भारत इस बात से कतई शर्माए नहीं। अगर यह पता भी चल जाए कि पन्नू को मारने के लिए किस भारतीय ने किस भारतीय अधिकारी ने परमिशन दी थी, हम तो उसको हीरो बना लेंगे। भारत का दुश्मन कहीं भी हो हमें पसंद नहीं है। तो यह तो भाई पब्लिक सेंटीमेंट इन लोगों को पता चल गए क्योंकि इन लोगों की यहां जो एंबेसी होती है ना, वो सारे अखबार और सारे मीडिया को देखती रहती है कि इंडिया में कैसा सेंटीमेंट चल रहा है इस घटना का।
यह सोच रहे थे कि इंडिया में निखिल गुप्ता के मामले पर पॉलिटिक्स हो जाएगी। पॉलिटिक्स होगी तो भारत सरकार को घेरा जाएगा, भारत सरकार बैकफुट पे होगी।
लेकिन आप लोगों ने जिस तरह की प्रतिक्रिया दी कि साहब पन्नू को भेजने के लिए अगर कोई अधिकारी कोई प्लॉटिंग कर भी रहा था तो सही था क्योंकि अमेरिका एक ऐसे आदमी को बचा रहा है जो कि भारत के खिलाफ है।
तुम तो अपने खिलाफ आदमी को उठाकर दूसरे देश में भी मार दो और हम अपने किसी आदमी के खिलाफ अगर तुमसे कोई घटना शेयर कर भी रहे हैं कि भैया यह हमारे लिए ठीक नहीं है इसे पकड़ा के भेजो तो तुम हमारी बात नहीं सुन रहे हो।
तो इन्हें सेंटीमेंट पता चल गए कि इंडियंस इस बात के खिलाफ हैं और उनका जो अधिकारी है, अगर यह इन्वॉयर की धमकी देकर भी भारत को नहीं झुका सकते। यहां से इनके हथियार नेक्स्ट लेवल पे चले गए और जब इंडिया के हेलीकॉप्टर में बंदूक सप्लाई हो रही थी ना, उसके लिए धमकी देने लगे कि हम तुम्हारे हेलीकॉप्टर को यहां सप्लाई रोक देंगे। तुम पुतिन से मिलो, लेकिन वो भी नहीं मिला। क्योंकि हेलीकॉप्टर का भी सेंटीमेंट ऐसा है ना कि यहां के लोग कहेंगे कि हेलीकॉप्टर मत दो, हम रूस से मंगवा लेंगे। तो इसलिए सारी कोशिशें फैल हो गईं। आखिरी में आज यूएस ट्रेजरी की तरफ से सबसे बड़ा कदम उठाया गया कि इंडियन बैंक्स को बोला कि तुम्हारे जो डॉलर अकाउंट्स में पैसे पड़े हुए हैं ना, अगर तुम इन्हें बंद नहीं करोगे तो तुम्हारे अकाउंट को फ्रीज कर देंगे।