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भारत के डी गुकेश ने शतरंज में रचा इतिहास

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भारत के डी गुकेश ने शतरंज में रचा इतिहास

भारत के लिए गर्व का एक और क्षण आया जब भारत के शतरंज खिलाड़ी डी गुकेश ने चीन के डिंग को हराया। उनकी इस जीत ने देश भर में खुशी का माहौल बना दिया है। सोशल मीडिया पर सेलिब्रेशन की तस्वीरें और वीडियोज़ वायरल हो रहे हैं, जिसमें भारतीय खिलाड़ी की इस ऐतिहासिक जीत का जश्न मनाया जा रहा है।

डी गुकेश अब तक के सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन बनने जा रहे हैं, और उनकी इस जीत के लिए उन्हें ढेर सारी शुभकामनाएं दी जा रही हैं। इस जीत के कई इमोशनल मोमेंट्स कैमरे में कैद हुए हैं, जिनमें गुकेश की भावुकता और उनकी शतरंज के प्रति उनकी भक्ति को दिखाया गया है।

गुकेश की इस जीत के बाद सोशल मीडिया पर उनके बचपन के वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें उन्होंने 12 साल की उम्र में कहा था कि उनका सपना दुनिया का सबसे कम उम्र का विश्व चैंपियन बनने का है। आज उनकी यह दृढ़ता और मेहनत रंग लाई है और वह वर्ल्ड चैंपियन बन गए हैं।

उनके पिता, जो एक प्रोफेशनल डॉक्टर हैं, इस समय अपने बेटे की सफलता देखकर बहुत भावुक हो गए। उनका यह इमोशनल मोमेंट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। यह मैच सिंगापुर में खेला गया था और उनके पिता वहां उनके साथ मौजूद थे।

भारत के प्रधानमंत्री और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने भी उन्हें बधाई दी है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने कहा कि तमिलनाडु को उन पर गर्व है। तमिलनाडु से ही कई शतरंज चैंपियन निकलकर आए हैं, जैसे विश्वनाथन आनंद, जो पहले भारत के विश्व चैंपियन थे। गुकेश भी तमिलनाडु से हैं और यह राज्य शतरंज के चैंपियंस को तैयार करने में अग्रणी है।

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गुकेश को राहुल गांधी और सुंदर पिचाई ने भी बधाई दी है। उनके इस प्रदर्शन ने उन्हें एक बड़ा ही जबरदस्त मूमेंट बना दिया है।

गुकेश का पूरा नाम डोमा राजू गुकेश है और उनका जन्म 7 मई 2006 को हुआ था। वह 7 साल की उम्र से ही शतरंज खेल रहे हैं। उन्हें भास्कर नगैना ने कोचिंग दी है और खुद विश्वनाथन आनंद ने भी उन्हें प्रशिक्षण दिया है। उनके पिता डॉक्टर हैं और मां माइक्रोबायोलॉजिस्ट हैं।

विश्वनाथन आनंद के साथ कई अन्य गुरुओं ने भी गुकेश को प्रशिक्षण दिया है। एक चैंपियन के पीछे कई गुरुओं का हाथ होता है और यह उनके सफलता की कहानी में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।

शतरंज के विश्व चैंपियंस की बात करें तो 2007 में जब विश्वनाथन आनंद पहली बार भारत के लिए विश्व चैंपियन बने थे, तब से लेकर आज तक भारत के शतरंज खिलाड़ियों ने दुनिया भर में अपना लोहा मनवाया है। FIDE, जो शतरंज की वैश्विक संस्था है, उसके द्वारा आयोजित इस विश्व चैंपियनशिप में गुकेश की यह जीत भारत के लिए एक बहुत बड़ी खबर है।

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