Headlines

भारतीय मूल के प्रथम ब्रिटिश प्रधानमंत्री RISHI SUNAK चुनाव में हारे

236536478

साथियों, जब आप और हम देश के लोकसभा चुनावों में व्यस्त थे, उसी समय पर दुनिया में एक और घटना घटी थी। जिस देश से हमने संसदीय प्रणाली अपनाई, उस देश में भी चुनाव की घोषणा हो चुकी थी। लेकिन हमारी चर्चाओं में वह जगह नहीं बना पाई। जी हां, हम बात कर रहे हैं ब्रिटेन की। ब्रिटेन में जब आप मेरा यह सत्र सुन रहे हैं, संभवतः उस समय तक ऋषि सुनक अपने पद से इस्तीफा दे चुके होंगे। क्योंकि वहां पर हुए आम चुनावों में ऋषि सुनक हार चुके हैं और अब लेबर पार्टी के नेता प्रधानमंत्री पद पर आने जा रहे हैं। एक लंबे समय से कंजर्वेटिव पार्टी का चला आ रहा शासन समाप्त होने जा रहा है।

ऋषि सुनक, भारतीय मूल के पहले प्रधानमंत्री ब्रिटेन में, अब अपने पद से इस्तीफा देने वाले हैं। इसीलिए यह खबर खास हो जाती है। चलिए विस्तार से समझते हैं। भारत के अंदर चुनाव हुआ, भारत के चुनाव में जो कुछ हुआ, हमने उस पर चर्चा की। चुनाव के बाद हमने अमेरिका के चुनावों को लेकर प्रेसिडेंशियल डिबेट्स पर चर्चा की। इसी बीच ब्रिटेन का चुनाव भी आ गया। ऋषि सुनक ने चुनाव जल्दी करवा दिए और चुनाव की हेडलाइन यह बनी कि कल के दिन चुनाव हो गए यूके में और आज सुबह जब आप यह सत्र सुन रहे हैं, इस समय परिणाम भी आ चुके हैं।

ऋषि सुनक का मुकाबला लेबर पार्टी के नेता कीर स्टार्मर से था, जिन्होंने जबरदस्त प्रचार करके ऋषि सुनक को हरा दिया। एग्जिट पोल्स और इस समय आ रहे परिणाम दोनों ने ही यह बताया। यूरोप के अंदर यूनाइटेड किंगडम, जो कभी दुनिया पर शासन करता था, आज उसी पर शासन के लिए चुनाव हो रहा है।

ब्रिटेन में जो चुनाव था, वह दिसंबर 2024 में प्रस्तावित था लेकिन ऋषि सुनक ने उसे पहले ही करवा लिया। इसके पीछे कई कारण थे। पहला, ऋषि सुनक को लगा कि उन्होंने महंगाई को कंट्रोल किया है और लोग उनसे खुश हैं, तो इसका लाभ उठा लेना चाहिए। दूसरा, कंजर्वेटिव पार्टी के अंदर ही एक धड़ा था जो ऋषि सुनक को प्रधानमंत्री नहीं चाहता था। तीसरा, उन्होंने सोचा कि लेबर पार्टी को कम तैयारी का मौका दिया जाए ताकि वे चुनाव में कमजोर पड़ जाएं।

8895646526

ऋषि सुनक ने ब्रिटिशर्स के सामने इमीग्रेशन के मुद्दे पर रवांडा रिपोर्ट स्कीम का कानून बनवाया था। उन्हें लगा कि इससे 40% आबादी को वे अपने पक्ष में कर लेंगे। लेकिन यह योजना सफल नहीं हो पाई। ब्रिटेन में 18 साल से अधिक उम्र के लोग वोट दे सकते हैं और वहां भी बैलेट पेपर से मतदान होता है।

ब्रिटेन में 650 सीटों के लिए चुनाव होता है, जैसे भारत में 543 सीटें होती हैं। उनके यहां हाउस ऑफ लॉर्ड्स (राज्यसभा) और हाउस ऑफ कॉमन्स (लोकसभा) होता है।

इस चुनाव में ऋषि सुनक का हारना कई कारणों से हुआ। वे भारतीय मूल के होते हुए भी भारतीयों के लिए कुछ खास नहीं कर पाए। फ्री ट्रेड एग्रीमेंट नहीं कर पाए और वीजा नियमों को और सख्त कर दिया। इसके अलावा, ब्रिटेन में अमीर और गरीब के बीच का फासला भी बढ़ गया।

अब लेबर पार्टी के नेता कीर स्टार्मर प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं और उम्मीद है कि वे भारत के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट करेंगे। ब्रिटेन को नया प्रधानमंत्री मिलने जा रहा है और देखना होगा कि वे भारत के प्रति कैसा भाव रखते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *