बांग्लादेश में भगवा फहराने पर हिंदू गिरफ्तार, अडानी ने काटी बिजली
बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रही प्रताड़ना के खिलाफ हजारों हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक सड़कों पर उतरे हैं। चटगांव में लगभग 300 हिंदू प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन हेडलाइंस में 30,000 हिंदुओं की संख्या बताई जा रही है। वे अपने अधिकारों और सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। दूसरी ओर, अडानी ग्रुप ने बांग्लादेश की बिजली सप्लाई काट दी है, जिससे संदेह उत्पन्न हो रहा है कि कहीं ये दोनों घटनाएं आपस में जुड़ी हुई तो नहीं हैं।
चटगांव में 25 अक्टूबर को सनातनी मंच ने एक रैली निकाली थी। रैली के दौरान कुछ लोगों ने भगवा ध्वज फहराया, जिसके कारण कुछ लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया और 19 अन्य पर मुकदमा दर्ज किया गया। यह घटना हिंदू, बौद्ध, ईसाई यूनिटी काउंसिल की मांगों के खिलाफ थी। इस्कॉन टेंपल के प्रमुख तिनम कृष्ण दास ब्रह्मचारी उर्फ चंदन कुमार धर को भी गिरफ्तार किया गया।
इस्कॉन टेंपल पर हुए हमलों के खिलाफ इस्कॉन के नेता विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों के बावजूद, कई भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठन इस बात को मानने से इनकार कर रहे हैं कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं।
इस बीच, अडानी ग्रुप ने बांग्लादेश की बिजली सप्लाई में 85% की कटौती की है। इसका कारण बांग्लादेश द्वारा अडानी ग्रुप के 84.6 करोड़ डॉलर का बकाया भुगतान न करना है। बिजली की कमी के कारण बांग्लादेश में 1600 मेगावाट से अधिक की बिजली की किल्लत हो गई है। अडानी पावर झारखंड लिमिटेड ने झारखंड से बांग्लादेश जाने वाली बिजली की सप्लाई आधी कर दी है। अडानी ने पहले भी बांग्लादेश सरकार को इस बकाया भुगतान के बारे में सूचित किया था, लेकिन भुगतान न होने के कारण बिजली सप्लाई में कटौती की गई।
इस घटनाक्रम से बांग्लादेश में स्थिति और भी गंभीर हो गई है। बांग्लादेशी ट्रोलर्स इस विषय को शेख हसीना और भारत से जोड़कर देख सकते हैं, जैसे पहले पानी की बाढ़ के समय देखा गया था। आने वाले समय में बांग्लादेश की स्थिरता पर नज़र रखनी होगी।