बांग्लादेश और पाकिस्तान नये रिश्तों की शुरुआत
आज हम अंतरराष्ट्रीय रिश्तों में हो रहे बदलावों पर चर्चा करेंगे, खासकर बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच सुधरते हुए संबंधों पर। शायद शहबाज शरीफ और मोहम्मद यूनुस भी यही महसूस कर रहे हैं, जब वे गले मिल रहे हैं और करीब आ रहे हैं। इन दोनों देशों के बीच यह नया संबंध इतना गहरा हो रहा है कि ऐसा लगता है कि वे अपनी पुरानी आजादी को भूलकर एक नई जीवन की पारी शुरू करना चाहते हैं। जो तस्वीरें आप देख रहे हैं, उनमें बांग्लादेश के वर्तमान चीफ एडवाइजर और पाकिस्तान के शहबाज शरीफ एक-दूसरे को गर्मजोशी से गले लगा रहे हैं। यह दृश्य वास्तव में काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दोनों देशों के रिश्तों में एक नई शुरुआत का संकेत दे रहा है।
अखबारों में यह हेडलाइंस बन रही हैं कि बांग्लादेश एक और आजादी की ओर बढ़ रहा है। ऐसा लगता है कि 1971 की पहली आजादी के बाद 2024 में यह दूसरी बार आजाद हो रहा है। क्या इन दोनों देशों के बीच की दूरियां मिट जाएंगी और वे एक-दूसरे के करीब आ जाएंगे? जब 1971 में भारत ने पाकिस्तान को विभाजित कर बांग्लादेश बनाया, तब से दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण रहे हैं। लेकिन अब ऐसा लगता है कि वे एक बार फिर से मिल रहे हैं। यह दृश्य कायरो का है, जहां डी ए कॉन्फ्रेंस में ये दोनों नेता मिले हैं।
इस कॉन्फ्रेंस में मोहम्मद यूनुस और शहबाज शरीफ के बीच मुलाकात हुई है। यह मुलाकात काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके बाद दोनों देशों के संबंधों में एक नया मोड़ आ सकता है। मोहम्मद यूनुस, जो एक नोबेल पुरस्कार विजेता हैं और बांग्लादेश के चीफ एडवाइजर के रूप में काम कर रहे हैं, अब पाकिस्तान के साथ संबंध सुधारने की कोशिश कर रहे हैं। बांग्लादेश के लोग अब अपनी नई आजादी का जश्न मना रहे हैं और मोहम्मद यूनुस को अपना नया नेता मान रहे हैं। मोहम्मद यूनुस ने अब तक कोई चुनाव नहीं लड़ा है, लेकिन फिर भी वे सत्ता में हैं और अब पाकिस्तान के साथ संबंध सुधारने की कोशिश कर रहे हैं।
1971 में बांग्लादेश के आजाद होने के बाद, अब यह दूसरी बार आजादी मना रहा है और मोहम्मद यूनुस इस नई आजादी के प्रतीक बन गए हैं। दूसरी ओर, पाकिस्तान ने भी बांग्लादेश के साथ अपने संबंध सुधारने की पहल की है। कायरो में हुई इस बैठक में डी ए देशों के नेता मिले हैं। यह डी ए बैठक वास्तव में डेवलपिंग एट कंट्रीज की बैठक है, जिसमें आठ विकासशील मुस्लिम देश शामिल हैं। तुर्की ने 1997 में इस समूह की शुरुआत की थी, और अब यह समूह फिर से सक्रिय हो रहा है। इस बैठक में मोहम्मद यूनुस और शहबाज शरीफ के बीच बातचीत हुई है। तुर्की ने इस समूह को इसलिए बनाया था ताकि मुस्लिम देशों के बीच सहयोग बढ़ाया जा सके और विकासशील देशों के मुद्दों पर ध्यान दिया जा सके। 1997 से लेकर अब तक, इस समूह की बैठकें होती रही हैं और अब 2024 में एक बार फिर से यह बैठक हुई है।
इस बैठक में मोहम्मद यूनुस और शहबाज शरीफ के बीच बातचीत के दौरान, उन्होंने 1971 की घटनाओं को भुलाकर आगे बढ़ने की बात की है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। कायरो में हुई इस बैठक में आठ देशों के नेता शामिल हुए थे। मोहम्मद यूनुस ने शहबाज शरीफ से कहा कि आप पाकिस्तान आइए और उन्होंने भी मोहम्मद यूनुस को बांग्लादेश आने का निमंत्रण दिया। यह एक सकारात्मक संकेत है कि दोनों देश अपने पुराने मतभेदों को भुलाकर नए सिरे से शुरुआत करना चाहते हैं। इस बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत किया जाए। मोहम्मद यूनुस ने शहबाज शरीफ से कहा कि आप पाकिस्तान आइए और उन्होंने भी मोहम्मद यूनुस को बांग्लादेश आने का निमंत्रण दिया। यह एक सकारात्मक संकेत है कि दोनों देश अपने पुराने मतभेदों को भुलाकर नए सिरे से शुरुआत करना चाहते हैं।
शेख हसीना के भारत जाने के बाद, बांग्लादेश ने अपनी दूसरी आजादी का जश्न मनाया। अलजजीरा ने इसे बांग्लादेश की दूसरी आजादी कहा। हालांकि, इस नई आजादी के दौरान, बांग्लादेश ने भारत के साथ अपने संबंधों को कमजोर कर दिया है। भारत, जिसने बांग्लादेश को आजाद कराया था, अब बांग्लादेश के साथ अपने संबंधों में दरार देख रहा है। बांग्लादेश के लोगों ने अपने नए नेता मोहम्मद यूनुस को अपनाया है, जिन्होंने अब तक कोई चुनाव नहीं लड़ा है, लेकिन फिर भी सत्ता में हैं। वहीं, पाकिस्तान ने भी बांग्लादेश के साथ अपने संबंध सुधारने की पहल की है, और अब दोनों देश एक-दूसरे के करीब आ रहे हैं।