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फ्रांस को एक और झटका, टल गई $20 Billion की राफेल डील

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फ्रांस को एक और झटका, टल गई $20 Billion की राफेल डील

मैंने आपको बताया था कि टेलीग्राम के ओनर पावेल दूरोव को फ्रांस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस गिरफ्तारी की खबर पर रूस ने फ्रांस को चेतावनी दी थी और यूएई ने भी फ्रांस के अधिकारियों से कहा था कि पावेल दूरोव को निकालने के लिए हमें रास्ते दीजिए या कम से कम काउंसलर एक्सेस दे दीजिए।

यूएई ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि पावेल दूरोव के पास यूएई की भी नागरिकता है। पावेल दूरोव का टेलीग्राम ऑफिस दुबई में ही है और वहीं से वह ऑपरेट करते हैं। इस पर यूएई ने फ्रांस से कहा कि उन्हें एक्सेस दीजिए। जैसे ही पावेल दूरोव की गिरफ्तारी की खबर सुर्खियों में आई, यूएई ने फ्रांस के साथ 20 बिलियन डॉलर की राफेल डील को कैंसिल कर दिया। यह खबर फाइनेंशियल एक्सप्रेस में प्रकाशित हुई थी और यह खबर बहुत तेजी से फैल गई।

इस खबर में कहा गया कि यूएई ने फ्रांस के साथ 20 बिलियन डॉलर की राफेल डील कैंसिल कर दी क्योंकि फ्रांस ने टेलीग्राम के सीईओ को गिरफ्तार किया था। राफेल, फ्रांस का फाइटर जेट है, जिसे डसॉल्ट एविएशन ने बनाया है। यूएई ने फ्रांस के साथ 80 राफेल खरीदने का प्लान कैंसिल कर दिया। यह हेडलाइन बन गई और यह खबर पूरी दुनिया में जंगल की आग की तरह फैल गई। यूएई ने साफ कह दिया कि वे इस एग्रीमेंट को आगे नहीं ले जा सकते।

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फ्रांस के लिए यह बड़ा झटका था क्योंकि राफेल, 4.5 जनरेशन का फाइटर जेट है जिसने अफगानिस्तान, इराक, सीरिया जैसी जगहों पर अपनी उपयोगिता साबित की है। राफेल डील को कैंसिल करने की खबर से दुनिया भर में चर्चा होने लगी और लोग कहने लगे कि फ्रांस को उसकी सक्रियता का परिणाम भुगतना पड़ रहा है।

यह खबर यूएई ने फ्रांस को 20 बिलियन डॉलर का नुकसान पहुंचाने वाली थी। इससे अमेरिका खुश हो सकता है क्योंकि अगर कोई राफेल नहीं खरीदेगा तो अमेरिकी फाइटर जेट F-35 खरीदेगा। रूस भी खुश हो सकता है क्योंकि यूएई ने पावेल दूरोव को बचाने के लिए राफेल डील कैंसिल कर दी।  लेकिन, सच्चाई जानने के लिए हमें सोर्स तक जाना होगा। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिसे अल जजीरा का बताया गया था। इस वीडियो में कहा गया कि यूएई ने 20 बिलियन डॉलर की राफेल डील कैंसिल कर दी है। इस वीडियो को सोशल मीडिया पर फैलाया गया और इसे अल जजीरा का बताया गया। जांच में पता चला कि अल जजीरा ने ऐसा कोई वीडियो नहीं बनाया था। फ्रांस 24 ने यह जानकारी पब्लिक डोमेन में रखी कि अल जजीरा ने ऐसा कोई वीडियो नहीं बनाया था। यह फेक न्यूज़ थी। इस वीडियो में कई गलतियाँ थीं जैसे कि अल जजीरा के वीडियो में डेट और जगह मेंशन होती है लेकिन इस वीडियो में नहीं थी। यह वीडियो फेक था और इसे सोशल मीडिया पर फैलाया गया था।

यह स्पष्ट हो गया कि सोशल मीडिया पर झूठी खबर फैलाने के लिए इस वीडियो का उपयोग किया गया था। फ्रांस ने पावेल दूरोव को गिरफ्तार किया था और यह खबर फेक थी।  उम्मीद है कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी।

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