पाकिस्तान में चौथा सबसे बड़ा तेल भंडार मिला, लेकिन निकालने को कोई नहीं तैयार
पाकिस्तान के संदर्भ में यह चर्चा थोड़ी सीरियस है। हाल ही में खबर आई है कि पाकिस्तान में चौथा सबसे बड़ा तेल भंडार मिला है। इस खबर के अनुसार, पाकिस्तान अब दुबई बनने की सोच रहा है। इसे इस तरह पेश किया जा रहा है कि देश में तेल मिलने से आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। लेकिन क्या सच में ऐसा होगा?
इस खबर का स्रोत एक पाकिस्तानी न्यूज़ चैनल है, जिसने पहले यह जानकारी दी थी। हालांकि, मैं इस पर विश्वास नहीं कर रहा। ये खबरें अक्सर फर्जी होती हैं। कई बार ऐसा होता है कि एक रिपोर्ट से शुरू होकर ये समाचार चैनलों की हेडलाइन बन जाती हैं। जैसे ही यह खबर सामने आई, कई भारतीय समाचार पत्रों ने इसे सुर्खी बना लिया।
यह तेल भंडार अरब सागर के तट पर मिला है। लेकिन निकालने की प्रक्रिया में चार से पांच साल लगेंगे। सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान इतनी बड़ी रकम खर्च कर सकता है? वर्तमान में पाकिस्तान का विदेश कर्ज इतना है कि वह इस पर विचार भी नहीं कर सकता।
दुनिया में वेनेजुएला के पास सबसे बड़ा तेल भंडार है, लेकिन वहां की स्थिति ये है कि लोग एक किलो आलू के लिए बोरा भरकर पैसा लाते हैं। पाकिस्तान की स्थिति भी वैसी ही हो सकती है। खबर के अनुसार, यदि वे इसे निकालना चाहते हैं तो लगभग 42,000 करोड़ रुपए (5 बिलियन डॉलर) खर्च करना होगा, जबकि उनके पास कुल 9 बिलियन डॉलर हैं।
इतनी सारी समस्याओं के बावजूद, पाकिस्तान की सरकार को इस खबर से थोड़ी राहत जरूर मिली होगी। लेकिन यह भी सच है कि अगर पाकिस्तान के पास वाकई तेल है, तो भारत भी उस क्षेत्र में तेल खोज सकता है।
पाकिस्तान में आर्थिक संकट और राजनीतिक अस्थिरता का दौर जारी है। इस तरह की खबरें केवल जनता को आश्वासन देती हैं कि उनके पास एक दिन कुछ होगा। लेकिन असलियत यह है कि विदेशों से इतना बड़ा कर्ज लेकर कोई भी कंपनी उनके लिए काम करने नहीं आएगी।
इसलिए, यह सिर्फ एक उम्मीद है, वास्तविकता से दूर। हमें देखना होगा कि भविष्य में पाकिस्तान इस स्थिति से कैसे निपटेगा। आपकी राय इस विषय पर क्या है?