पाकिस्तान में कुछ बड़ा होने वाला है! शाहबाज सरकार के पास 2 हफ्ते का समय
पाकिस्तान में बहुत बड़ा सिविल वॉर होने की संभावना है। आज की खबर इसी पर केंद्रित है, और हम इसके पीछे के कारणों को जानेंगे। पाकिस्तान में स्थिति कुछ वैसी ही बन रही है, जैसी बांग्लादेश में तख्तापलट के समय थी। जब बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन हुआ, तो पाकिस्तान में भी यह भावना जगी कि अगर वहां ऐसा हो सकता है, तो यहां क्यों नहीं?
बांग्लादेश का असर कई देशों में देखा गया है। मालदीव्स के मुज्जू भी यही कह रहे थे कि उन्हें हटाने की तैयारी हो रही है। पाकिस्तान की स्थिति कुछ वैसी ही है, जैसे अरब स्प्रिंग के दौरान अरब देशों में थी। पाकिस्तान में सेना ने हमेशा सरकार को नियंत्रित किया है, और प्रधानमंत्री सेना की कठपुतली होते हैं। फिलहाल यह भूमिका शहबाज शरीफ निभा रहे हैं। अमेरिका ने शहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री बनाया था, जब इमरान खान को जेल भेजा गया था। इमरान खान ने जब कहा कि उनका रूस जाना अमेरिका को रास नहीं आया, तो उन्हें जेल में डाल दिया गया। यह सब एक अमेरिकी साजिश थी।
अमेरिका का डायरेक्ट इंटरफेरेंस आज भारत की राजनीति में भी देखा जा सकता है। शाम को हम इस विषय पर एक सेशन करेंगे, जिसमें बताएंगे कि किस तरह अमेरिका भारतीय राजनीति को प्रभावित कर रहा है और अब भारतीय राजनीति भी अमेरिका को प्रभावित कर रही है। फिलहाल चर्चा इस बात की है कि चार हफ्ते पहले बताई गई तख्तापलट की बात आज सुर्खियों में है।
रविवार के दिन इमरान खान के समर्थक इस्लामाबाद, पाकिस्तान की राजधानी में हजारों की संख्या में एकत्रित हुए। यह रैली इतनी बड़ी थी कि पुलिस को उन्हें रोकने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा। बैरिकेडिंग में कई कंटेनर्स खड़े करने पड़े, गोलियां चलानी पड़ी, और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। इमरान खान की पार्टी के सदस्य और खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र के मुख्यमंत्री अली अमीन गेंडा आपु ने इस रैली का आयोजन किया था।
इमरान खान 400 दिनों से जेल में हैं, फिर भी उनके समर्थक इस हद तक सड़कों पर उतरे हैं कि उन्हें रोकने के लिए कंटेनरों को पलटने की नौबत आ गई। लोग इमरान खान के समर्थन में रैलियां कर रहे हैं। यह सिर्फ पाकिस्तान में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में हो रहा है। अमेरिका में भी इमरान खान के समर्थन में रैलियां निकाली जा रही हैं।
इमरान खान पर कई आरोप लगे हैं, जिनमें से एक यह है कि उन्होंने गिफ्ट में मिली सरकारी चीजों का व्यक्तिगत उपयोग किया। इन आरोपों के चलते वे जेल में हैं। लेकिन उनके समर्थक उन्हें रिहा करवाने के लिए रैलियां कर रहे हैं। खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री गेंडा आपु ने सेना को ललकारते हुए कहा कि अगर उनके पास 7 लाख सिपाही हैं, तो हमारे पास 25 करोड़ लोग हैं। यह बयान काफी भड़काऊ है और इससे इमरान खान के समर्थकों में जोश भर रहा है।
अगर इमरान खान को दो हफ्ते में रिहा नहीं किया गया, तो उनके समर्थक उन्हें जेल से निकालने के लिए तैयार हैं। इसका मतलब है कि पाकिस्तान में बड़ा ग्रह युद्ध हो सकता है। सेना शहबाज शरीफ से भी ज्यादा पावरफुल है और सेना ने चेतावनी दी थी कि अगर किसी ने तख्तापलट की कोशिश की, तो हम उससे निपट लेंगे। इसके बावजूद रैली हुई है, जिसका मतलब है कि अगले दो हफ्तों में सेना और इमरान खान के समर्थकों के बीच मुठभेड़ हो सकती है।
पाकिस्तान की न्यायपालिका भी प्रभावित हो रही है। जब इमरान खान सरकार में थे, तब उन्होंने नवाज शरीफ के खिलाफ केस खुलवाया था और अब नवाज शरीफ और शहबाज शरीफ ने इमरान खान के खिलाफ केस खुलवाया है। न्यायपालिका सरकार के कहने पर काम कर रही है, जो किसी भी लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। फिलहाल पाकिस्तान में इमरान खान के समर्थन में लोग जुट रहे हैं और यह स्थिति पाकिस्तान को बड़े ग्रह युद्ध की ओर ले जा सकती है।