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पाकिस्तान पर फिर US का कहर! इमरान के बाद अब ISI चीफ निशाने पर?

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जैसा कि दुनिया भर में कहा जाता है कि अमेरिका किसी का सगा नहीं है, और जो भी अमेरिका से पंगा लेता है, उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं। ये बातें अक्सर सुनी जाती हैं, लेकिन 15 अगस्त 2021 की एक घटना ने अमेरिका की प्रतिष्ठा को गहरी चोट पहुंचाई। उस दिन, 20 साल तक अफगानिस्तान में अपनी सेना रखने के बाद, अमेरिका ने अचानक वहां से वापसी की। आपको याद होगा कि 2000 में अमेरिका अलकायदा और ओसामा बिन लादेन को खत्म करने के उद्देश्य से अफगानिस्तान आया था। लेकिन जब उसने तालिबान के बढ़ते प्रभाव के बीच अपनी सेना हटाई, तो ये उसके लिए एक बड़ी हार साबित हुई।

अमेरिका ने अलकायदा को मिटाने के लिए अफगानिस्तान पर हमला किया था, लेकिन अंततः उसे वहां तालिबान के हाथों हार का सामना करना पड़ा। 15 अगस्त 2021 की घटना ने अमेरिका को उसी तरह शर्मिंदा किया, जैसे वियतनाम युद्ध ने किया था। उस दिन, अमेरिकी सेना के आखिरी मेजर जनरल ने अफगानिस्तान छोड़ा, और ठीक उसी समय तालिबान ने अफगानिस्तान के प्रेसिडेंशियल हाउस में कब्जा कर लिया।

तालिबान के इस पुनः उभार ने अमेरिका को हिला दिया था। हालांकि, अमेरिका इस बात से भलीभांति परिचित था कि तालिबान को इस स्थिति में लाने वाले असली खिलाड़ी कौन थे। लेकिन, वह इस तथ्य को सार्वजनिक नहीं करना चाहता था। अमेरिका की इस हार के लिए जिम्मेदार व्यक्ति था फैज हमीद, जो कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख थे। 15 अगस्त 2021 को आईएसआई चीफ फैज हमीद को अफगानिस्तान में तालिबान के साथ देखा गया। यह बात अमेरिका के लिए अपमानजनक थी, क्योंकि उसने अफगानिस्तान में अपने 20 साल के हस्तक्षेप के बाद तालिबान को सत्ता में आते देखा।

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फैज हमीद की यह हरकत अमेरिकी प्रशासन को बेहद नागवार गुजरी। यही कारण है कि अब फैज हमीद को पाकिस्तान की सेना ने हिरासत में ले लिया है, ठीक वैसे ही जैसे इमरान खान को हिरासत में लिया गया था। फैज हमीद, जो कभी इमरान खान के करीबी माने जाते थे, अब जेल की सजा भुगत रहे हैं। उनकी गिरफ्तारी का कारण वही है, जिसने इमरान खान की गिरफ्तारी का मार्ग प्रशस्त किया था।

आईएसआई, जो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी है, का इतिहास बहुत लंबा है, और फैज हमीद ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वह 2019 से 2021 तक आईएसआई के डायरेक्टर जनरल थे और तालिबान के साथ उनकी करीबी अमेरिकी नाराजगी का प्रमुख कारण बनी। इमरान खान के समय, फैज हमीद की शक्तियां और प्रभाव बहुत बढ़ गए थे, जिससे सेना के प्रमुख बाजवा के साथ उनकी टकराव की स्थिति बन गई थी।

फैज हमीद को बाद में कई भ्रष्टाचार के मामलों में भी लिप्त पाया गया, जिसमें एक अल कादिर ट्रस्ट स्कैम भी शामिल था। इस मामले में इमरान खान और उनकी पत्नी पर भी आरोप लगे हैं। फैज हमीद पर सेना के नियमों का उल्लंघन करने और आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप लगे, जिसके चलते उन्हें कोर्ट मार्शल का सामना करना पड़ रहा है। उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों के कारण, अब उनकी सारी सैन्य पदवी छीन ली जा सकती है और उन्हें कठोर सजा सुनाई जा सकती है।

फैज हमीद की गिरफ्तारी और उनके खिलाफ कोर्ट मार्शल इस बात का संकेत है कि अमेरिका अब पाकिस्तान में अपने विरोधियों के खिलाफ कड़ा रुख अपना रहा है। फिलहाल, अमेरिका के दबाव में इमरान खान और उनके सहयोगियों को जेल भेजा गया है और पाकिस्तान में स्थिति अमेरिका के नियंत्रण में है। अब देखना होगा कि अमेरिका और पाकिस्तान के बीच के ये तनाव और कितने गहरे होते हैं।

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