नेतन्याहू के खिलाफ उफान: बाइडेन की प्रतिक्रिया और लाखों लोगों का विरोध
इजराइल में हालात बेहद गंभीर हो गए हैं, जहाँ लाखों लोग नेतन्याहू के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। यह विरोध प्रदर्शन तेल अवीव में भड़क गया है, जहाँ प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री नेतन्याहू से इस्तीफा देने की मांग कर रहे हैं। सीएनएन के अनुसार, लगभग 7 लाख लोग सड़कों पर हैं, जबकि इजराइल की कुल जनसंख्या 90-95 लाख के बीच है। यह एक असाधारण संख्या है, जो नेतन्याहू के खिलाफ गहरा असंतोष दर्शाती है।
प्रदर्शनकारियों की मांग है कि नेतन्याहू गाजा पट्टी के साथ युद्ध विराम (सीज फायर) पर समझौता करें, जो कि अभी तक पूरा नहीं हो सका है। 7 अक्टूबर 2023 को गाजा पट्टी से हमास के लड़ाकों ने इजराइल में घुसकर सैकड़ों लोगों का अपहरण किया और कई को मार डाला। इजराइली डिफेंस फोर्सेस ने बंधकों को छुड़ाने के प्रयास किए, लेकिन कुछ हद तक ही सफल हो सके। बंधकों की समस्या इजराइली लोगों का धैर्य तोड़ रही है।
इस बीच, इजराइल में लगभग 250 बंधक (हॉस्टेज) जब हमले के दौरान गाजा से ले जाए गए थे, उनमें से कुछ को रिहा किया गया। हालाँकि, दिसंबर 2023 में कुछ और बंधकों को छोड़ा गया, लेकिन अब भी 101 बंधक हमास के कब्जे में हैं, जिनमें से 35 की मौत की आशंका है। हाल ही में छह और बंधकों की मौत की खबर ने इजराइल में तीव्र प्रतिक्रिया को जन्म दिया है।
एक अमेरिकी नागरिक, हर्ष गोल्डबर्ग, जिनका नाम प्रमुख रूप से उभरा है, हाल ही में मारे गए बंधकों में शामिल हैं। बाइडेन ने ट्वीट किया है कि वे बंधकों की सुरक्षित वापसी के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं और हमास को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। अमेरिका और अन्य वैश्विक नेताओं ने भी इस मामले में सक्रियता दिखाई है और बंधकों की रिहाई के लिए डील की दिशा में काम करने की बात की है।
इजराइल ने गाजा के राफा इलाके में एक टनल से छह शव बरामद किए हैं। इस टनल में बंधकों को रखा गया था, और सेना को जब इसकी जानकारी मिली, तो बंधकों की गोली मार दी गई। यह घटना युद्ध की वास्तविकता को और अधिक स्पष्ट करती है कि गाजा में हमास अब भी मजबूत बना हुआ है और बंधकों की स्थिति को लेकर चिंता जताई जा रही है।
इजराइल में बंधकों के परिवारों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन में अब आम लोग भी शामिल हो गए हैं। वे नेतन्याहू से इस्तीफा देने या युद्ध विराम लागू करने की मांग कर रहे हैं। अमेरिका ने भी इस विरोध को गंभीरता से लिया है और बाइडेन ने बयान दिया है कि वे युद्ध विराम के लिए जल्द से जल्द समझौते की कोशिश करेंगे।
इजराइल में यह स्थिति एक नई राजनीतिक चुनौती पेश कर रही है, जहाँ सरकार के खिलाफ व्यापक असंतोष और अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच नेतन्याहू की सत्ता पर संकट गहरा गया है।