आज हम बात करेंगे एक ऐसी घटना की, जो पूरे भारतवर्ष के लिए बहुत भारी पड़ी है। 140 करोड़ भारतीय आज एक तस्वीर से बहुत ज्यादा व्याकुल हैं। इस तस्वीर में आप विनेश फोगाट को देख रहे हैं, जो कि भारतीय रेसलर हैं और पेरिस ओलंपिक में 50 किलोग्राम कैटेगरी के फाइनल के लिए अपीयर होने वाली थीं।
लेकिन, अपीयरेंस से पहले जब उनका वजन तोला गया, तो उनका वजन 50 किलोग्राम कैटेगरी की तुलना में 100 ग्राम ज्यादा निकला। इस वजह से उन्हें ओलंपिक फाइनल खेलने से रोक दिया गया और उन्हें अन्य राउंड्स के लिए भी डिसक्वालिफाई कर दिया गया। परिणामस्वरूप, विनेश फोगाट, जिन्होंने क्वार्टरफाइनल और सेमीफाइनल जीतकर फाइनल तक पहुंची थीं, किसी भी पुरस्कार के बिना खाली हाथ भारत लौटने की स्थिति में आ गईं।
यह 100 ग्राम वजन 140 करोड़ भारतीयों पर कितना भारी पड़ा, इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि आज पूरी तरह से सोशल मीडिया पर विनेश फोगाट की चर्चा हो रही है। संसद में भी विनेश फोगाट का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। सभी लोग मिलकर एक ही सवाल कर रहे हैं कि हम 100 ग्राम को मैनेज क्यों नहीं कर पाए? क्या इसमें भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों की कोई कमजोरी रही या फिर यह कोई सोची समझी साजिश रही?
यह सवाल हर भारतीय के दिमाग में है। और इस सवाल का सबसे बड़ा कारण है वह घटना जिसके बाद विनेश फोगाट सुर्खियों में आई थीं। वर्ष 2023 में, जब उन्होंने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष ब्रजभूषण सिंह के खिलाफ दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया था, तो लोग इतिहास को याद कर कहने लगे कि कहीं यह साजिश तो नहीं जिसके चलते विनेश फोगाट को गोल्ड मेडल से वंचित किया गया।
आज हम इन सभी घटनाओं पर चर्चा करेंगे, क्योंकि इस समय अंतरराष्ट्रीय मीडिया समेत सभी तरफ विनेश फोगाट की 100 ग्राम वजन की कहानी सुर्खियों में है। सभी जानना चाहते हैं कि ओलंपिक में वजन को लेकर क्या नियम हैं, जिसके चलते खिलाड़ियों को डिसक्वालिफाई किया जाता है।
विनेश फोगाट का स्पोर्ट्स कैरियर काफी लंबा और सफल रहा है। उन्होंने एशियन चैंपियनशिप्स, वर्ल्ड चैंपियनशिप्स, कॉमनवेल्थ गेम्स, और एशियन गेम्स में कई पदक जीते हैं। वह रियो ओलंपिक और टोक्यो ओलंपिक में भी भाग ले चुकी हैं।
पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगाट का प्रदर्शन शानदार रहा। उन्होंने वर्ल्ड नंबर वन जापान की खिलाड़ी युई सुसाकी को हराया और क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल जीतकर फाइनल में पहुंचीं। लेकिन, फाइनल से पहले 7:30 बजे जब उनका वजन तोला गया, तो वह 50 किलोग्राम की तुलना में 100 ग्राम ज्यादा निकला। इस वजह से उन्हें फाइनल से बाहर कर दिया गया।
असल में, विनेश फोगाट पहले 53 किलोग्राम कैटेगरी में खेलती थीं। उन्होंने काफी मेहनत करके अपना वजन 50 किलोग्राम कैटेगरी में लाया था। लेकिन, खेल के दौरान और उसके बाद डिहाइड्रेशन और थकान की वजह से उनका वजन बढ़ गया था। कल जब सेमीफाइनल फिनिश हुआ, तब उनका वजन 2.7 किलोग्राम बढ़ गया था। विनेश और उनकी टीम ने पूरी रात साइकिलिंग, जॉगिंग, स्किपिंग, और हीट थैरेपी के जरिए वजन कम करने का प्रयास किया। उन्होंने अपने बाल और नाखून तक काट दिए, लेकिन अंत में वह 100 ग्राम ज्यादा रह गया।
ओलंपिक में समय की पाबंदी बहुत सख्त होती है और सभी के लिए नियम समान होते हैं। इसलिए, 100 ग्राम वजन के चलते विनेश फोगाट को डिसक्वालिफाई कर दिया गया। हालांकि, विनेश और उनकी टीम ने पूरी मेहनत की थी, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई।
इस घटना के बाद, सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में चर्चा प्रबल हो गई कि यह साजिश हो सकती है। लोग पुरानी घटनाओं को याद कर रहे हैं और सवाल उठा रहे हैं कि क्या विनेश फोगाट के साथ पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया गया।
विनेश फोगाट ने अपने स्पोर्ट्स कैरियर में कई सफलताएं हासिल की हैं और आज भी वह भारतीयों की हीरो हैं। उन्होंने जिस मेहनत और समर्पण के साथ खेला, वह काबिल-ए-तारीफ है।
आज, हमने इस घटना पर चर्चा की और आपके सवालों के जवाब देने की कोशिश की। विनेश फोगाट की मेहनत और संघर्ष को समझने की जरूरत है और हमें उनके प्रयासों की सराहना करनी चाहिए।
धन्यवाद।