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जापान और रूस को पछाड़ एशिया की तीसरी बड़ी ताकत बना भारत

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जापान और रूस को पछाड़ एशिया की तीसरी बड़ी ताकत बना भारत

यह विषय वास्तव में भारत के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि जब एशिया में ताकतवर देशों की चर्चा होती है, तो यह स्पष्ट होता है कि भारत रूस और जापान से अधिक शक्तिशाली हो गया है। यदि आप इन दो देशों को हटा देते हैं, तो प्रश्न उठता है कि तीसरे नंबर पर कौन आता है। दरअसल, जब हम एशिया की ताकतवर देशों की सूची में देखते हैं, तो अमेरिका पहले स्थान पर, चीन दूसरे स्थान पर और भारत तीसरे स्थान पर है।

हाल ही में एक रिपोर्ट आई है जिसमें 27 देशों का विश्लेषण किया गया है। यह अध्ययन ऑस्ट्रेलिया के लोवी इंस्टीट्यूट द्वारा किया गया है, जो 2024 के संदर्भ में है। इसमें भारत को तीसरी सबसे बड़ी ताकत के रूप में पहचान मिली है, जिसने जापान और रूस को पीछे छोड़ दिया है। यह भारत के लिए गर्व का क्षण है, और जब हम अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में ऊंचा स्थान पाते हैं, तो यह हर भारतीय में देशभक्ति की भावना जगाता है।

अब आइए, इस रिपोर्ट के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करते हैं। यह रिपोर्ट किन बिंदुओं पर आधारित है, और भारत ने किस तरह से जापान और रूस को पछाड़ने में सफलता पाई है।

लोवी इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट

लोवी इंस्टीट्यूट ने इस रिपोर्ट में कई पैरामीटर्स पर विचार किया है, जिसमें आर्थिक क्षमता, सैन्य शक्ति, कूटनीतिक संबंध, और सांस्कृतिक प्रभाव शामिल हैं। यह रिपोर्ट स्पष्ट करती है कि अमेरिका एशिया में सबसे शक्तिशाली है, इसके बाद चीन और फिर भारत का नंबर आता है।

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अमेरिका ने 81.6 अंक प्राप्त किए हैं, जबकि चीन के 72.6 अंक हैं और भारत के केवल 39.1 अंक हैं। इस अंक तालिका से यह स्पष्ट है कि भारत को चीन और अमेरिका से बहुत पीछे रहना पड़ रहा है। हालांकि, भारत ने जापान (जो केवल 2 अंक पीछे है) और रूस को पीछे छोड़ दिया है, जो एक सकारात्मक संकेत है।

भारत की स्थिति

जब हम एशिया में भारत की स्थिति की बात करते हैं, तो यह ध्यान रखना आवश्यक है कि भारत ने अपनी सांस्कृतिक और आर्थिक क्षमता को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। भारत ने अन्य देशों के साथ संबंधों को मजबूत किया है और अपनी पहचान को वैश्विक मंच पर स्थापित करने का प्रयास किया है।

रूस की स्थिति कमजोर हो रही है, जबकि जापान पिछले 40 वर्षों से आर्थिक संघर्ष में है। इन सबके बीच, भारत ने अपनी आर्थिक विकास दर को बढ़ाने में सफलता पाई है और इसे एक मजबूती के रूप में देखा जा सकता है।

निष्कर्ष

अंत में, यह कहना गलत नहीं होगा कि भारत अब एशिया में एक महत्वपूर्ण ताकत के रूप में उभरा है। हमें अपनी संस्कृति, परंपरा और आंतरिक ताकत को बढ़ावा देते हुए आगे बढ़ना चाहिए। साथ ही, यह भी आवश्यक है कि हम अपने अनुभवों से सीखें और दुनिया में अपनी स्थिति को और मजबूत करें।आपका क्या विचार है इस बारे में?

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