जयपुर के पास भीषण ब्लास्ट 12 जिंदा जले, 27 गंभीर रूप से झुलसे
जयपुर से लगभग 10 किलोमीटर पहले, अजमेर से जयपुर आ रहे रास्ते पर कल सुबह 5:30 बजे एक ऐसा दृश्य था जैसे किसी आतंकी हमले या बड़े बम ब्लास्ट के बाद के होते हैं। तस्वीरें देखकर ऐसा लगता है कि इस घटना की बहुत जबरदस्त प्लानिंग की गई थी। यह ब्लास्ट बहुत भीषण था, जिसमें झुलसी हुई गाड़ियां, बर्बाद हुई कारें, बसें, और ट्रक देखने पर ही इसकी गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है। वे इतने जबरदस्त तरीके से जले थे कि कुछ भी नहीं बचा जो जल सकता था। हालात देखकर लगता है कि शायद वहां बैठा हुआ कोई व्यक्ति बचा हो।
आज के आंकड़े और भी भयावह लगते हैं। इंसान, पक्षी, सभी को जलता हुआ देखकर लोग बस यह पूछ रहे हैं कि किसको क्या हुआ, कितने लोग खत्म हुए और कितने लोग हताहत हुए। अखबारों की हेडलाइंस बन चुकी हैं, लेकिन अभी तक किसी को सही नंबर नहीं पता है। 12 लोग जिंदा जल गए और 27 लोग 80 प्रतिशत तक झुलसे हैं। ईश्वर करे कि ये सब स्वस्थ रहें, लेकिन 80 प्रतिशत तक झुलसना बहुत बड़ा आंकड़ा है।
इस खबर को सुनने के बाद, हो सकता है आप इसे मुझसे पहले सुन चुके हों। सामान्यतः हम ऐसे हादसों पर कवरेज नहीं करते क्योंकि वे केवल दुख देते हैं। लेकिन आज हम उन कारणों को तलाशेंगे जिनसे यह हादसा हुआ। हम जिम्मेदारों को बार-बार याद दिला सकें कि आपकी तत्परता अस्पतालों में जाकर मरीजों से मिलने में अच्छी बात है, लेकिन इस तरह की घटनाएं क्यों हो रही हैं? अब आप इस पर भी कार्रवाई करें कि ऐसी दुर्घटनाएं दोबारा न हों।
इस घटना को समझने के लिए, जो लोग बाहर रहते हैं, जयपुर या राजस्थान से वास्ता नहीं रखते, वे इसे इस तरह से समझें कि ऐसी घटनाएं आपके भी आसपास कहीं घटित हो सकती हैं। लापरवाहियों के कारण इतनी बड़ी संख्या में 29 ट्रक, पांच कारें, तीन मोटरसाइकिल, दो बसें और एक ऑटो जल गया। डेड बॉडीज की संख्या का अंदाजा लगाना मुश्किल है। क्रेन से गाड़ियां उठाई जा रही हैं। कहा जा रहा है कि अजमेर की तरफ से चलकर जयपुर की तरफ एक एलपीजी से भरा टैंकर आ रहा था, और उसे रिंग रोड पकड़नी थी।
रिंग रोड जयपुर से पहले ही बनी हुई है, जो जयपुर को पास करने के लिए बनाई गई है। सामान्यतः जब किसी हाईवे से रिंग रोड पर एंट्री होती है, तो क्लोवर लीफ बनाई जाती है ताकि बाहर ही बाहर गाड़ी उठकर चली जाए और आपको रोड्स क्रॉस न करनी पड़े। लेकिन इस ट्रक को इस तरह करना पड़ा, क्योंकि यहां क्लोवर लीफ का निर्माण नहीं हुआ था। ट्रक के मुड़ते ही उससे दूसरा ट्रक टकराया और उसमें ब्लास्ट हो गया। यह घटना लगभग सुबह 5:4 की है, जब वहां थोड़ा अंधेरा था। आग की लपटों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह कितना भीषण हादसा था।
पहले गैस फैली और कुछ ही सेकंड में आग ने उसे पकड़ लिया। लोग बता रहे हैं कि गाड़ियों में बैठे लोगों को पहले एलपीजी की स्मेल आई, फिर धुंध सी बनने लगी। सर्दी का समय होने के कारण, लगा कि धुंध फैल रही है। एलपीजी हवा से भारी होती है और जमीन पर बैठती है। इससे गाड़ियों को ऑक्सीजन मिलना बंद हो गया और गाड़ियां बंद होने लगीं। किसी ने जैसे ही इग्निशन दिया, चिंगारी से एलपीजी भड़क गई। यह दृश्य बहुत भयावह था। हमने दिनभर ट्वीट्स के माध्यम से जानकारी अपडेट की थी।
जब इंसान को यह एहसास होता है कि उसकी मौत केवल एक नंबर है और शायद ही किसी के लिए मायने रखती हो, तो उसे इंसानियत से और सिस्टम से विश्वास उठने लगता है। आज वह व्यक्ति जो यहां अपनी जान गवां चुका है, वह बार-बार यही सवाल कर रहा है कि यह हो क्या रहा है और क्यों हो रहा है।
एलपीजी का ट्रक यूटर्न ले रहा था, क्योंकि उसे रिंग रोड पर जाना था। दूसरा ट्रक आकर उससे टकराया, नोजल टूट गई और गैस फैलने लगी, जिससे ब्लास्ट होकर आग लग गई। यह घटना लापरवाही का नतीजा थी। अगर आप कभी इस रास्ते से गुजरे हों, तो आप समझ सकते हैं कि सड़क निर्माण में की गई खामियों ने लंबे समय से जाम की स्थिति बना रखी है। ट्रैफिक अनप्लांड तरीके से चलता है, जिससे दुर्घटनाएं होती हैं। टक्कर सिंपल थी, लेकिन नोजल टूटने से गैस फैलना और आग लगना बड़ा कारण था।
एनएचएआई को 4 साल पहले पुलिस ने चेताया था कि यहां से इस तरह मत पहुंचाओ, लेकिन उन्होंने नहीं सुनी। यह सारी खामियां दुर्घटना का इंतजार कर रही थीं। हम इस पर कवरेज इसलिए कर रहे हैं ताकि हर व्यक्ति जो रास्ते पर सफर कर रहा हो, वह समझ सके कि यह घटना आपके लिए हो सकती है। इस पर आपका अलर्ट रहना बहुत जरूरी है। एनएचएआई के काम को देखना जरूरी है, लेकिन लोगों की जान गई है, इसके लिए एक सवाल तो बनता है।