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चीन हुआ शर्मसार ! | परमाणु पनडुब्बी डूबी या किसी ने डुबो दी ? 

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चीन हुआ शर्मसार ! | परमाणु पनडुब्बी डूबी या किसी ने डुबो दी ? 

जिनपिंग के साथ कुछ गड़बड़ हुई है, जिससे वे परेशान हैं, और उनके विरोधी या प्रतिद्वंद्वी इससे खुश हैं। चाहे वह हम हों या अमेरिका, क्योंकि दोनों का कॉमन कंपटीटर चीन है। हमारा पड़ोसी होने के नाते यह हमारे लिए चिंता का विषय है, और अमेरिका के लिए भी, क्योंकि चीन उसकी अर्थव्यवस्था के बाद दूसरे स्थान पर आता है। अगर कल को कोई अमेरिका को पछाड़ सकता है, तो वह चीन है। ऐसे में अगर चीन फेल हो जाता है, तो यह हमारे लिए खुशी की बात है।

फ़िल्म “थ्री इडियट्स” में एक दृश्य है, जिसमें दिखाया गया है कि दोस्त फेल हो जाता है तो दुख होता है, लेकिन अगर वह टॉप कर जाता है, तो और ज्यादा दुख होता है। इसी तरह, अगर चीन किसी चीज में फेल हो जाता है, तो यह जानकर खुशी होती है।

खबर है कि चीन की न्यूक्लियर सबमरीन डॉक में ही डूब गई, मतलब खड़े-खड़े डूब गई। जैसे जहाजों को समुद्र के किनारे खड़ा देखा जाता है, वैसे ही पनडुब्बियां भी डॉक की जाती हैं। यह सबमरीन न्यूक्लियर फ्यूल के लिए चीन के अंदर खड़ी थी और वहीं उलट गई और डूब गई। यह खबर अब सुर्खियों में आई है, लेकिन मई में ही यह घटना हो चुकी थी। चीन ने अपनी डूबी हुई पनडुब्बी की खबर सार्वजनिक नहीं होने दी।

सबसे पहले वॉल स्ट्रीट जर्नल ने इस खबर को एक्सक्लूसिव तरीके से प्रकाशित किया। यह न्यूक्लियर सबमरीन चीन के मिलिट्री मॉडर्नाइजेशन के लिए एक गहरा सदमा है, क्योंकि चीन ने सार्वजनिक रूप से घोषणा की थी कि 2035 तक वह दुनिया की सबसे बड़ी नेवी बनाएगा। अगर आपकी सबसे उन्नत सबमरीन पानी में डूब जाए, तो यह बड़ी बात है। सबमरीन का मतलब होता है जो पानी में डूब कर चले, लेकिन अगर वह परमानेंट जल समाधि ले ले, यानी फिर कभी उठ ना पाए, तो उसे डूबना ही कहते हैं।

दुनिया में केवल छह ही देश हैं जिनके पास न्यूक्लियर सबमरींस हैं – रूस, चीन, भारत, ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका। ये सबमरींस पानी के ऊपर और पानी की गहराई में चलती हैं। सबमरीन को खुफिया तरीके से दुश्मन के पानी के क्षेत्र में घुसने के लिए उपयोग किया जाता है।

सबमरीन साइलेंटली चलती हैं ताकि दुश्मन को उनके मूवमेंट का पता न चले। सबमरीन दो प्रकार की होती हैं – डीजल इलेक्ट्रिक सबमरीन और न्यूक्लियर सबमरीन। डीजल इलेक्ट्रिक सबमरीन में डीजल इंजन और बैटरी का उपयोग किया जाता है। डीजल इंजन से चलाने के बाद बैटरी से शिफ्ट कर देते हैं ताकि दुश्मन को पता न चले।

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न्यूक्लियर सबमरीन बिजली का उत्पादन बिना पोल्यूशन और बिना आवाज के करती हैं। चीन की न्यूक्लियर सबमरीन के खो जाने की खबर आई है, हो सकता है चीन ने इसे गुप्त रूप से अमेरिका के क्षेत्र में घुसा दिया हो। लेकिन अमेरिकी मीडिया ने खबर दी है कि यह सबमरीन पानी में समा गई है।

अमेरिकी सैटेलाइट ने तस्वीरें दिखाईं कि यह सबमरीन पहले खड़ी थी और बाद में क्रेन्स के माध्यम से उसे तलाशा जा रहा है। अमेरिका ने दुनिया भर में कैमरे फिट कर रखे हैं और जीपीएस के माध्यम से कवर करता है। वुहान में स्थित वूचांग शिपयार्ड में यह सबमरीन न्यूक्लियर फ्यूल के लिए खड़ी थी और वहीं से डूब गई।

चीन की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि न्यूक्लियर सबमरीन रखना किसी भी देश की बड़ी ताकतों में से एक है। ऑस्ट्रेलिया ने न्यूक्लियर सबमरीन यूके और यूएस से लेने के लिए 90 बिलियन डॉलर का सौदा किया है। चीन का दावा है कि उसकी नेवी सबसे बड़ी है, लेकिन इस घटना के बाद उसकी काबिलियत पर सवाल उठेंगे।

गलवान वैली घटना के दौरान चीन ने अपने सैनिकों की मौत की खबर नहीं दी थी, ताकि जनता का विश्वास न टूटे। इस बार भी चीन अपनी डूबी हुई सबमरीन की खबर नहीं दे रहा है। लोकतांत्रिक देशों में कुछ छुपता नहीं है, लेकिन चीन में यह घटना तीन-चार महीने पुरानी है और अब तक कहीं सुर्खियों में नहीं आई है।

न्यूक्लियर सबमरीन इस समय दुनिया में सबसे ज्यादा ट्रेंडिंग चीज है और उसके लिए देश पैसे खर्च करते हैं। चीन भी अपनी इज्जत बना रहा था, लेकिन इस घटना के बाद उसकी गुणवत्ता पर सवाल उठेंगे। चीन का कहना है कि उसके पास 79 सबमरीन हैं, लेकिन इस घटना के बाद उसकी काबिलियत पर सवाल उठेंगे।

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