चाँद पर परमाणु ऊर्जा पैदा करेगा भारत रूस, चीन और अमेरिका में कौन किसके साथ?
भारत, चीन और रूस चंद्रमा पर कुछ बड़ा करने वाले हैं। आज का सेशन इसी विषय पर है। लेकिन इस सेशन को आगे बढ़ाने से पहले, कुछ बेसिक बातें समझ लेते हैं ताकि आगे की बातें आसानी से समझ में आएं। क्या आपने कभी सोचा है कि इंसान चंद्रमा पर पहुँचने की होड़ में क्यों लगा हुआ है? हम भी चंद्रयान-3 मिशन के तहत चंद्रमा पर लैंड कर चुके हैं। सवाल यह है कि सब चंद्रमा पर पहुँच तो रहे हैं, लेकिन आगे की प्लानिंग क्या है? कुछ देश जैसे अमेरिका, चीन, रूस और भारत चंद्रमा पर इंसान को बसाने की योजना बना रहे हैं।
भारत की योजना है कि 2040 तक चंद्रमा पर इंसान भेज देगा। चीन की योजना है कि 2031 तक वे इंसान को चंद्रमा पर भेजेंगे। अमेरिका पहले ही अपोलो मिशन के तहत नील आर्मस्ट्रांग को चंद्रमा पर भेज चुका है, लेकिन अब आर्टेमिस मिशन के तहत दोबारा इंसान को भेजने की तैयारी कर रहा है।
आर्टेमिस मिशन के तहत 2025 में आर्टेमिस-2 मिशन में चार एस्ट्रोनॉट्स चंद्रमा के चारों तरफ चक्कर लगाएंगे। 2026 में आर्टेमिस-3 मिशन के तहत इंसान चंद्रमा पर उतारा जाएगा और 2028 में आर्टेमिस-4 मिशन के तहत वहां पर इंसान रहना शुरू करेंगे।
चंद्रमा पर रात 14 दिन लंबी होती है। इतनी लंबी रात में सोलर पैनल काम नहीं करेंगे, इसलिए न्यूक्लियर रिएक्टर लगाना जरूरी हो गया है। न्यूक्लियर फ्यूजन और फिशन से बिजली पैदा की जाएगी। अमेरिका ने इस पर काम शुरू कर दिया है और 5 मिलियन डॉलर का प्रोजेक्ट कंपनियों को दे दिया है।
2021 में रूस और चीन ने मिलकर चंद्रमा पर न्यूक्लियर रिएक्टर लगाने की योजना बनाई। इन दोनों देशों ने 2021 में टाई अप किया। चाइना वाले 2026 से 2028 के बीच में चांग-ई 6, चांग-ई 7, और चांग-ई 8 मिशन भेजेंगे। इन मिशनों का लक्ष्य होगा कि रिएक्टर कहाँ लगाया जा सकता है।
दो धुरी बन चुकी हैं – एक तरफ अमेरिका है जो नासा की तरफ से चंद्रमा पर रिएक्टर लगाएगा और दूसरी तरफ रूस और चीन हैं। इनका लक्ष्य है कि इंसान को चंद्रमा पर बसाने के लिए बिजली मिले।
भारत की योजना है कि 2040 तक इंसान को चंद्रमा पर भेजेगा। भारतीय टेक्नोलॉजी इतनी सक्षम है कि कम खर्चे में चंद्रमा के साउथ पोल पर सफल लैंडिंग कर चुका है। रूस की मीडिया के अनुसार, भारत भी रूस और चीन के साथ मिलकर चंद्रमा पर न्यूक्लियर रिएक्टर लगाने की योजना बना रहा है।
भारत ने अमेरिका के साथ आर्टेमिस अकॉर्ड साइन किया है, जिससे वह अमेरिका के साथ भी तालमेल बैठा रहा है। आर्टेमिस अकॉर्ड का उद्देश्य है कि अंतरिक्ष में कोई देश डेब्रिस न फैलाए। भारत इस अकॉर्ड का 27वां सदस्य है।
भारत के गगनयान मिशन की तैयारी चल रही है और 2035 तक भारत अंतरिक्ष में अपना स्टेशन बना देगा। रूस ने 2023 में घोषणा की थी कि वह अंतरिक्ष में न्यूक्लियर रिएक्टर लगाएगा। अमेरिका और नासा पूरी तैयारी में हैं।