आपको याद हो, हमने 1 जुलाई को Jio के टैरिफ बढ़ने के बारे में चर्चा की थी,
इस सेशन में हमने Jio की प्रेडेटरी प्राइसिंग और उसके प्रभावों के बारे में बात की थी, जिसमें यह भी बताया कि कैसे Jio की कम कीमतों के कारण मार्केट में बहुत सी कंपनियां बंद हो गईं और केवल चार प्लेयर बच गए। BSNL को छोड़कर बाकी दो प्लेयर भी Jio के दामों को देखकर अपने दाम बढ़ा रहे हैं।
लोगों का प्यार BSNL की तरफ उमड़ा है, लेकिन क्या यह प्यार पहली बार है? नहीं, BSNL का इतिहास बहुत पुराना है। 1850 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने टेलीग्राफ लाइनों का निर्माण किया और 1885 में इंडियन टेलीग्राफ एक्ट पास किया गया।
1990 के दशक में लैंडलाइन स्टेटस सिंबल हुआ करता था, और BSNL इस क्षेत्र में अग्रणी था। 2000 के दशक की शुरुआत में BSNL के पास करोड़ों लैंडलाइन कनेक्शन थे और यह सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी थी। लेकिन धीरे-धीरे, सरकारी हस्तक्षेप और प्राइवेट कंपनियों के बढ़ते दबाव के कारण BSNL का घाटा बढ़ता गया।
2006-07 में BSNL सबसे बड़ी कंपनी थी, लेकिन सरकारी ऑब्लिगेशंस और रेड टेपिस्म के कारण इसकी हालत बिगड़ती गई। सरकारी टेंडरों में देरी और प्राइवेट कंपनियों को फायदा पहुंचाने के आरोप भी लगे। 2010 में 3G स्पेक्ट्रम की नीलामी में BSNL को भारी नुकसान उठाना पड़ा।
अब, 2023 में, सरकार ने BSNL को 89,000 करोड़ की सहायता दी है ताकि वह 4G और 5G स्पेक्ट्रम परचेज कर सके। इस प्रयास के तहत BSNL का 4G नेटवर्क अगस्त 2024 तक देशभर में रोल आउट करने का लक्ष्य है।
अगर BSNL इस मौके का फायदा उठाता है और अपनी प्राइसिंग को उचित रखता है, तो यह निश्चित ही देश के लिए एक बेहतरीन एनवायरनमेंट और कंपटीशन प्रदान करेगा। सोशल मीडिया पर BSNL के लिए समर्थन बढ़ रहा है और लोग Jio को बॉयकॉट कर रहे हैं।
अगले महीने तक BSNL 4G रोल आउट कर सकता है और अगर यह अपने प्राइस को कम रखता है, तो यह देश के लिए एक बहुत बड़ी जीत होगी।
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