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क्या सरकार में BJP का साथ देगी TDP? क्यों अचानक चंद्रबाबु नायडू सुर्ख़ियों में हैं|

ashok

2024 में हुए लोकसभा और उस लोकसभा के साथ-साथ दो अन्य विधानसभाओं के जो चुनाव परिणाम आए जिन में से एक उड़ीसा और एक आंध्रा लोकसभा केलिए 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव था इनके साथ-साथ चार विधानसभाओं के चुनाव भी हुएथे अरुणाचल सिक्किम उड़ीसा और आंध्रप्रदेश सिक्किम और अरुणाचल रिजल्ट 2 तारीख को ही आ गए थे इसके बाद आज कल यानी कल 4 तारीख के दिन जब लोकसभा के रिजल्ट्स आए उससमय आंध्र प्रदेश और उड़ीसा के भी लोक सभा विधानसभा के चुनाव आए रिजल्ट्स आए तो हमनेकल जब अंकित इंस्पायर इंडिया पर सेशन कियाथा तो उसमें हमने प्रॉपर डिस्कशन जो था वो लोकसभा के चुनावों का किया था विधानसभा के बच गए थे हम आज विधानसभा के चुनावों काडिस्कशन कर रहे हैं उड़ीसा का और तमिलनाड आंध्रा का साथ में हम यह भी डिस्कस करेंगे कि आंध्रा के केस में स्पेशल स्टेटस सुरमें क्यों आ गया है क्यों आनंद ले रहे हैं चंद्रबाबू नायडू के लोक बाग कि बताओ भाईएनडीए से क्या अब स्पेशल स्टेटस मांग लोगे क्या तो यह स्पेशल स्टेटस क्या होता हैक्यों स्पेशल स्टेटस के कारण सुर्खियोंमें आ गया है आंध्र प्रदेश आज का सेशन इसीलिए खास ठीक है चलिए शुरू करते हैं तो साथियों जैसा कि आप सभी को मालूम है एनडीए  सरकार फिर से तीसरी बार शासन में आ रही हैपरल कल उन्होंने बहुमत का आंकड़ा छू लिया 272 नंबर चाहिए थे उससे भी 20 अधिक सीटेंप्राप्त प्र करके इलेक्शन रिजल्ट्  कोअपने समर्थन में ले आए कल के परिणाम सबको खुश करने वाले थे जहां एक और एनडीए 6062 साल बाद ऐसी कोई सरकार बन रही है जो तीसरी बार कंजक तरीके से चुनाव जीत रही है वहीं दूसरी तरफ सभी के लिए इंडिया अलायंस के लिए भी काफी अच्छा दिन था क्योंकि इंडिया अलायंस इस बात से खुश था क्योंकि सभी पार्टीज ने बहुत अच्छे से यूनाइटेड रहकरअंतिम समय तक चुनाव लड़ा और फिर चुनाव के जो परिणाम भी निकले व भी बहुत हद तक परिणाम सरकार बनाने के नजदीक थे यानी कि इंडिया अलायंस इस स्थिति तक भी है कि जो उनके नंबर हैं अगर उसमें 40-50 विधा सांसदों का और अडिशन और इजाफा हो जाता हैतो यह लोग सरकार बनाने के लिए भी दावा पेशकर सकते हैं ऐसी स्थिति में इन्हें भी खुशी रही इलेक्शन कमीशन को भी खुशी रही क्योंकि लगभग 65 करोड़ मतदाताओं सेउन्होंने चुनाव कंप्लीट करवा लिया खुशी ईवीएम के साथ दाग लगने पर भी मतलब हुई कि कोई भी ईवीएम पर किसी प्रकार का आरोप नहींआया तो इलेक्शन कमीशन भी खुश रहा हर पार्टी अपने-अपने तरीके से खुश रही जिन्होंने तीसरी बार सरकार बनाई वो सरकारमें आने पर खुश थे जो सरकार नहीं बना पाएवो लोग इसलिए खुश थे कि हमने अपने आंकड़े सुधार लिए इलेक्शन कमीशन इसलिए खुश था किभाई कुल मिलाकर हम पर कोई दाग नहीं लगा इलेक्शन कमीशन ईवीएम को बेदाग पाते हुएआगे निकल गया तमाम प्रकार से कल के परिणाम सबको सुकून देने वाले थे इन्हीं में दो राज्यों के चुनाव परिणाम भी डिस्कस होना रह गए और वो थे उड़ीसा और आंध्र प्रदेश साथियों चर्चा करते हैं एक-एक करके सबसे पहले चर्चा होती है उड़ीसा की तो उड़ीसा के अंदर लोकसभा रिजल्ट्स के साथ-साथ विधानसभा के रिजल्ट् भी आए विधानसभा बोलेतो वहां के मुख्यमंत्री के लिए जो मतलब जो वहां के विधायक हैं उनका भी निर्वाचन कल के दिन हुआ था यानी उनका फाइनल सिलेक्शन हुआ था तो नवीन पटनायक जिस राज्य में लगातार 24 साल से मुख्यमंत्री हैं उन्हें पहली बार अपना मुख्यमंत्री पद गवाना पड़ रहा है क्योंकि उड़ीसा के अंदर बीजेपी एक प्रमुख दल बनकर निकली है और यह प्रमुख दल आने वाले समय पर अपना मुख्यमंत्री घोषित करेगी इसी प्रकार से एक और कोस्टल स्टेट जिसका नाम है आंध्र प्रदेश आंध्र प्रदेश के अंदर चंद्रबाबू नायडू जो कि एनडीए के प्रमुख घटक दल हैं ये चौथी बार सीएम बनने जा रहे हैं इन्होंने फिर से एक जबरदस्त नंबर प्राप्त किया और अपने आप में सुर्खी बना ले गए सुर्खियों के साथ-साथ इनके जो पास जो सीटें प्राप्त हुई हैं लोकसभा के लिए वो भी बहुत ही अच्छे नंबर में प्राप्त हुई हैं तो अब देखना होगा कि आने वाले समय में इनका अलायंस कितना महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ठीक है साहब तो चंद्रबाबू नायडू के जैसे ही सीएम बनने की बात आई जो कि एनडीए के प्रमुख घटक दल हैं चंद्रबाबू नायडू के साथ एक बड़ा सवाल जुड़कर आया और वोह यह है कि क्या चंद्रबाबू नायडू कोआंध्र प्रदेश के लिए स्पेशल स्टेटस मिलपाएगा कौन सा स्पेशल स्टेटस की यहां जिक्र हो रही है तो आंध्र प्रदेश जब से टूटा है दो भागों में तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में वर्ष 2014 से ही आंध्र प्रदेश के लिएएक एक स्पेशल स्टेटस की डिमांड की जा रहीहै निरंतर चंद्रबाबू नायडू के द्वारा केंद्र सरकार से चंद्रबाबू नायडू जब सरकार में नहीं थे तब जगनमोहन रेड्डी की जो सरकार थी जगन अन्ना के द्वारा भी केंद्र सरकार से आंध्रा के लिए स्पेशल स्टेटस की मांग की जाती रही है लेकिन अभी तक वो स्टेटस प्राप्त नहीं हुआ है हालांकि अभी इसकी उम्मीदें जगाई जा रही हैं क्योंकि एनडीए में चंद्रबाबू नायडू की अब महत्त्वपूर्ण भूमिका होगी क्योंकि बीजेपी 272 का आंकड़ा पार करने में सक्षम नहीं हुई अर्थात बिना टीडीपी और जेडीयू के बिनाइन दो के सरकार की तरफ बढ़ पाना बीजेपी केलिए मुश्किल होगा तो इनकी कौन सीमान्यताएं मांगी जाएंगी या कौन सी बातें मान ली जाएंगी उनमें से स्पेशल स्टेटस सबसे ऊपर चल रहा है उम्मीद है कि आप लोग अब स्पेशल स्टेटस के लिए क्यूरियस होंगेकि क्या है यह स्पेशल स्टेटस थोड़ा सा औरडिटेल में पहले स्थिति को समझते हैं देखिए अगर आप मैप को ध्यान से देख देखें तो आपको आंध्र प्रदेश और तेलंगाना दिखाई पड़ते हैं आंध्रा और तेलंगाना वर्ष 2014में टूटकर दो अलग राज्य बन गए आंध्रप्रदेश तट के नजदीक आ गया और तेलंगाना लैंड लॉक हो गया साथियों इन दोनों में जब एक  हुआ करता था यानी दोनों एक ही राज्य हुआ करते थे तो इनकी राजधानी हुआ करती थी हैदराबाद साथियों जिस प्रकार से कर्नाटककी राजधानी बेंगलुरु काफी ज्यादा सुर्खियों में रहती है अपने साइबर हब केलिए साइबर सिटी के लिए इंडिया के अंदर टेक्नोलॉजी की कंपनी के लिए ऐसे ही आंध्रप्रदेश की राजधानी हैदराबाद भी काफी ज्यादा डेवलप्ड सिटी के रूप में कंसीडर की जाती रही है डेवलप्ड सिटी में जैसे ही यह विभाजन हुआ तेलंगाना और आंध्रा का तोहैदराबाद चला गया तेलंगाना में और वह तेलंगाना की राजधानी बन गया आंध्रा जो कि पूरा की पूरा राज्य अब एक तरह से बिना हैदराबाद के था तो उसे अब एक कैपिटल लायक सिटी डेवलप करनी थी इसके लिए चंद्रबाबू नायडू ने अमरावती को अपनी नई कैपिटल घोषित किया अमरावती नई कैपिटल बनाना उसे उसीस्तर तक पहुंचाना जैसे पहले कभी हैदराबाद हुआ करता था उतना ही विकसित करना ताकिभविष्य में लोग वहां आकर निवेश कर सकें नई कंपनीज वहां पर इन्वेस्टमेंट करके फ्लरिज करें ऐसी स्थिति में अमरावती के लिए एक ग्रांड पैकेज की घोषणा की अपेक्षा हमेशा से रही तो नया बना हुआ यह राज्य आंध्रआंध्र नाम पुराना है लेकिन टूटने के बाद संसाधनों का अभाव है ऐसी स्थिति में आंध्रा अपने लिए स्पेशल स्टेटस की डिमांड करता रहा है ऐसा स्टेटस जिसमें केंद्र सरकार आंध्र के प्रति अनुदान ज्यादा दे और ऋण कम दे यह क्या होता है और थोड़ा आगे लेकर समझेंगे थोड़ा सा एक बार सीटों की समीकरण समझ लेते हैं जहां तक बात आती है उड़ीसा की उड़ीसा के अंदर 147 सीटों पर चुनाव हुआ जिसमें बीजेपी 78 सीटें पाकर सबसे प्रमुख दल बनकर बाहर निकली है और बीजेडी यानी बीजू जनता दल 51 सीटों  के साथ में दूसरे नंबर पर पर निकल कर आया है प्रधानमंत्री ने इस बात पर अपनी तरफ सेट्वीट करते हुए उड़ीसा वासियों को अपना कमिटमेंट दोहराते हुए कहा है कि हमने जो वादे किए थे वो पूरे करेंगे इसी प्रकार से175 कंसीट सज के लिए आंध्रा में चुनाव था जिसमें से टीडीपी यानी कि तेलगु देशम पार्टी 135 सीटें जीतकर एकदम एक तरफा करते हुए चुनाव जीत गई है यहां पर टीडीपी के साथ में जनसेना पार्टी और यहां पर भारतीय जनता पार्टी यह तीन पार्टियां एक साथ कोएली में चुनाव लड़ रही थी यहां पर ये पवन कल्याण की पार्टी 21 सीट और बीजेपी आठसीट जीतने में कामयाब हुई यानी आंध्रा केअंदर एक प्रकार से 175 में से 3 2 5 56 और8 14 लगभग 100 64 सीटों के आसपास 175 में से बस 11 सीटें रह गई तो 164 सीटें इस समय सरकार के पास हैं अपोजिशन बहुत ही नॉमिनल नंबर में रहकर सिमट गया है ऐसी स्थिति में अब तेलुगु देशम पार्टी का स्टेटस आंध्रा में बहुत मजबूत हुआ है मजबूत होने के साथ एक और पक्ष है जो यहां पर चर्चा में आ रहा है और वह क्या है अ तमिलनाडु के आंध्रा केअंदर कुल मिलाकर 25 सीटें आती हैं लोकसभा के लिए उन लोकसभा की 25 सीटों में से 16सीटें तेलगु देशम पार्टी प्राप्त करने में कामयाब हुई है एनडीए के अंदर टीडीपी एक महत्त्वपूर्ण सहयोगी दल है ऐसी स्थिति में यदि यह 16 सीटें वह अपने समर्थन से वापस ले लेता है तो एक बार में तो सरकार नहीं घटेगी क्योंकि 292 इस समय का टैली बता रहा है एनडीए के पास 272 सीटें चाहिए जीतने केलिए सरकार बनाने के लिए 20 नंबर अभी भी बहुमत से अधिक है एनडीए के पास लेकिन अगर यह 16 सीटें यहां से निकल जाएं तो यह नंबर बहुत कम रह जाएगा यानी कि चार ही केवल 272से ऊपर रह जाएगा ऐसी में जेडीयू के पास जो कि नीतीश कुमार की पार्टी है उनके पास में बहुत बड़ा अवसर होगा कि वह अब बारगेनिंगकर पाए उनके पास 121 के आस- पास लोकसभा के सांसद बनकर आए हैं ऐसी स्थिति में एनडीए सरकार गिर सकती है और एनडीए सरकार का गिरका गिर जाना यह अपने आप में केंद्र सरकार के लिए बहुत बड़ी चुनौती हो सकता है इसी कारण से यह साथ साथ जुटे रहे यानी टीडीपी लगातार सरकार में बनी रहे यह एनडीए सरकार की प्राथमिकता हो सकती है इसी कारण से अगर यह 272 प्लस 16 बनकर रहते हैं या फिर यह मानक चलिए कि इनके पूरे नबर में से 292में से अगर नीतीश कुमार एक बार के लिए पलटी मार भी जाते हैं तो भी टीडीपी के साथ बने रहने पर एनडीए के घटक दल 280 नंबर के आस-पास रह पाएंगे और सरकार चला लेंगे अर्थात यह समझिए कि इस समय आंध्रा के पास अपनी बात मनवाने के लिए स्पेशल स्टेटस केलिए एक बहुत बड़ा मतलब समझिए अवसर है अब देखना होगा कि यह इस अवसर को किस तरह से कैश करते हैं क्योंकि अल्टीमेटली प्रधानमंत्री ने अपने विजय भाषण मेंउड़ीसा और आंध्र प्रदेश देश के दोनों लोगों का नाम जिक्र में लिया था बात सबसे पहले उड़ीसा की करें तो उड़ीसा में नवीन पटनायक जो कि लगातार 24 साल से मुख्यमंत्री थे वह इस बार अपने पद से हटे हैं 147 सीटों पर चार चरणों के अंदर जब वोट डाले गए तो जबरदस्त तरीके से मतदान हुआ और यहां पर मतलब मतदान जो है वह652.96 च फीसद मतदान दर्ज किया गया बीजेडी की तरफ से नवीन पटनायक मुख्यमंत्री पद के दावेदार थे लेकिन जब इनका चुनाव चल रहा था तो इनके ही एक पर्सनल सलाहकार कह लीजिए जो किआईएएस के पद से इस्तीफा देकर साथ घूम रहे थे पांडियन करके उनका जिक्र बहुत होने लगा था अगर आपको ध्यान हो तो पांडियन का एक वीडियो हमने आया और कहा कि साहब यह लोग उंगली पकड़कर शासन करवा रहे हैं क्योंकि पांडियनआउटसाइडर हैं तमिलनाडु से हैं तो बोले तमिल बंधु उड़ीसा के लोगों पर शासन कर रहाहै ऐसी स्थिति में बहारी और आंतरी का मुद्दा उड़ीसा में काफी सुर्खियों में रहाऔर नवीन बाबू की सेहत का हवाला देकर बीजेपी ने क्योंकि उनका हाथ बुढ़ापे के चलते जैसे धुज है ना ऐसे हाथ हिल रहा थातो ऐसी स्थिति में उसको बहुत ज्यादा हाईलाइट कर दिया चुनावों के अंदर लोगों नेकि देखिए नवीन बाबू तो स्वस्थ नहीं है उनके बिहाव पर कोई और व्यक्ति शासन चला रहा है अब उन्हें आराम देने की जरूरत हैऔर इस तरह का जब प्रचार प्रसार रहा तो फिर उड़ीसा के अंदर सरकार बनाने के अंदर बीजेपी को बहुमत मिला और बीजेपी यहां पर मुख्य पार्टी बनकर निकल कर आई ठीक है साहब शुरुआत में हालांकि बीजेपी और बीजेडी दोनों एक दूसरे के नेचुरल अलाय थे यानी किशुरुआत 2000 से अगर मानी जाए नवीन पटनायक जब से सीएम हैं यह दोनों पार्टी एक दूसरेके साथ-साथ ही चुनाव में लग रही थी दोनों सहयोगी दल के रूप  में आगे बढ़ते रहे लेकिन जैसे-जैसे दोनों सीटों ने अपने दोनों पार्टी ने अपना-अपना प्रभुत्व बढ़ाना शुरू किया तब यह लोग एक दूसरे के अलग-अलग होकर चुनाव लड़ने लगे धीरे-धीरे लड़ते-लड़ते 24साल में बीजेपी आज यहां पर पहली बार सिंगल लार्जेस्ट पार्टी बनकर निकली है और अपना मुख्यमंत्री बनाने में कामयाब हुई है 2009में इन लोगों का गठबंधन टूटा था उसके बादसे फिर यह लोग एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ते आ रहे हैं उड़ीसा के प्रमुख मुद्दों में सड़क पानी बिजली जैसे मुद्दों की चर्चा रही बीजेपी की तरफ से फ्री बिजली का यहां पर वादा किया गया प्रधानमंत्री के द्वारा खुद यहां पर 10 से अधिक रैलियां की गई और ऐसी स्थिति में अब माना जा रहा हैकि यहां पर अब नवीन बाबू तो हट जाएंगे और कोई नया व्यक्ति यहां पर शपथ लेगा तो यह तो रहा उड़ीसा के बारे में कहानी इसके साथ-साथ अगर हम बात करते हैं अब तमिलनाडु की तो तमिलनाडु में चंद्रबाबू नायडू और इनकी राजनीति यह बहुत ज्यादा अब इस समय सुर्खियों में है क्यों क्योंकि जहां तमिलनाडु के अंदर तेलगु देशम पार्टी 175सीटों में 135 सीटें प्राप्त करने में कामयाब हुई है उसके पीछे की कहानी क्या हैतो उसके पीछे की कहानी यह है कि चंद्रबाबू नायडू का जो विरोध था वो चल रहा था जगन अन्ना से जगनमोहन रेड्डी इनकी भी तगड़ीफैन फॉलोइंग है मतलब आंध्रा में जब यह सरकार बना के लाए थे इनके द्वारा कई प्रकार की योजनाएं अपने नाम से अपने पिताजी के नाम से चलाई गई थी जगन अन्ना काफी कुछ बढ़िया कर रहे थे लेकिन पिछले साल इनके निर्देशन में इनके राज्य की सीबीआई ईडी ने सीआईडी ने सीबीआई केंद्र सरकार की है सीबीआई नहीं इनकी अपनी सीआईडीने ने एक मामले में घोटाले का आरोप लगाते हुए चंद्रबाबू नायडू को गिरफ्तार कर लिया अपोजिशन के नेता को पिछले साल गिरफ्तार करलिया और यह 2 महीने तक जेल में रहे इसके बाद जगन अन्ना जो कि बहुत अच्छे से आंध्रा के लोगों की पसंद बने हुए थे वह अचानक इन्हें जेल में डालने पर इमोशनली जनता से खफा हो गए यानी कि लोग इनके खिलाफ हो गएऔर कहा कि यह आपने ठीक नहीं किया बस उसदिन से इनके दिन पलट गए पूरी राजनीति में चंद्र बाबू नायडू एकदम जो हास्य पर चल रहे थे वोह केंद्र में आ गए वहीं दूसरी और एक फिल्म कलाकार पवन जिनका नाम है इन्होंने अपनी एक पार्टी बनाई जिसका नाम था जनसेना पार्टी जेएसपी और यह जो पार्टी है पवन कल्याण की यह भी चंद्रबाबू नायडू के साथ मिल गई और इन्होंने मिलकर के यहां पर चुनाव लड़ा ये दोनों पार्टी एक हुई और एनडीए के प्रमुख घटक दल के रूप में निकलकर आई और मिलकर के यहां पर चुनाव लड़ा 25 सीटों में से यहां पर चुनाव हुआ और यह सब चीजें जो है ना मतलब 25 संसदीय निर्वाचन क्षेत्र और 175 विधानसभा निर्वाचनक्षेत्र विधानसभा में जो वोटिंग हुई वहअपने आप में एक बड़ी चीज है यहां परमतदाताओं ने80.619190 वो बारी क्या आती है बारी यह हैकि अब भविष्य क्या है क्योंकि एनडीए मेंजहां एक और तमिलनाडु के ये आंध्र प्रदेश के अंदर तेलुगु देशम पार्टी के नेता टीडीपी के नेता चंद्रबाबू नायडू एक तरफ सीएम के पद की शपथ लेने वाले हैं सीएम पद की शपथ लेने का अर्थ है कि वह आंध्रप्रदेश के लिए ही कार्य करना चाहते हैं वो केंद्र की राजनीति की तरफ नहीं जाएंगे ऐसी स्थिति में वो अपने राज्य के लिए एनडीए सेक्या मांग सकते हैं उसमें सबसे ज्यादा जिक्र आता है और वो है स्पेशल कैटेगरी स्टेटस का ऐसा क्यों है क्योंकि जब कांग्रेस आंध्रा में चुनाव प्रचार में थी तब यहां पर वादा किया गया था कि अगर हम सरकार में आते हैं तो हम आप लोगों को  स्पेशल कैटेगरी स्टेटस दिलाएंगे अब येस्पेशल कैटेगरी स्टेटस जिसकी चंद्रबाबू नायडू बहुत लंबे समय से डिमांड कर रहे थे उसकी कांग्रेस ने चुनाव प्रचार में कहा थाकि अगर हम सत्ता में आए तो स्पेशल स्टेटस दिलाएंगे यही कारण है कि जब प्रधानमंत्री  ने इनको अपनी तरफ से बधाई दी चंद्रबाबू नायडू ने उस पर प्रतिक्रिया दी तो जयराम रमेश जी ने उन दोनों के ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए ऊपर से लिखा कि बताइए क्या अब नेगोशिएट करोगे क्या स्पेशल स्टेटस के लिए जानने का प्रयास किया एक तरह से इन्हेंपिंच करने का प्रयास किया कि बताइए क्या चाहते हो आप इसका मतलब यह हुआ कि अबस्पेशल स्टेटस बहुत ज्यादा आने वाले समयोमें सुर्खी में रहने वाला है अब सवाल यहहै कि साहब ये स्पेशल स्टेटस होता क्या हैअसल मायने में भारत में सभी राज्य एक जैसी टोपोग्राफी नहीं रखते एक जैसा क्षेत्र नहीं रखते जैसे भ भ के उत्तर भारत केअधिकांश राज्य जो कि तल तल में बसे हुएहैं जहां पर आसानी से नदी का पानी हैबढ़िया उपजाऊ भूमि है फसलें अच्छे से होती हैं संसाधन बढ़िया में उपलब्ध है वहां पर विकास स्वतः ही होने लगता है उदाहरण के लिए यदि उत्तर प्रदेश बिहार राजस्थान जैसे राज्यों को अगर देखोगे| तो ये एकदम बिल्कुलप्लेनर एरिया है जहां पर प्राकृतिक संसाधन अथवा पानी प्रचुर मात्रा में है और यह सभीलोग अपनी तरफ से जहां राजस्थान में पानीकी कमी है लेकिन वो खनिजों का अजायब घर हैतो ऐसी स्थिति में ये सब लोग सर्फ सर्वाइवल मोड में चलते रहे लेकिन कुछ पहाड़ी राज्य जैसे उत्तराखंड हिमाचलप्रदेश सिक्किम या फिर नॉर्थ ईस्ट के राज्य जम्मू कश्मीर यह सब वोह राज्य हैं जहां पर आय दिन प्राकृतिक आपदाएं आती रहती हैं| पहाड़ों में होने के कारण पहले तोउपजाऊ भूमि का अभाव रहता है भूमि का अभावरहता है और बारिश के समय पर बादल का फटनालैंड स्लाइड का हो जाना भूकंप का हो जाना तमाम प्रकार की अड़चनें रहती हैं ऐसी स्थिति में वहां रह रहे लोगों के लिए संसाधनों का होना बहुत मुश्किल होता है संसाधनों के अभाव में बड़ी सारी कंपनियां भी वहां पर निवेश करने नहीं पहुंचती राज्य अक्सर खसते हाल में रहते हैं|

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