Introduction:
नमस्कार दोस्तों, क्या आप जानते हो गूगल $2 ट्रिलियन से ज्यादा की कंपनी है?
Google’s Dominance:
गूगल आज के दिन हम फोटोकॉपी मशीन को ज़ेरॉक्स मशीन कहते हैं, वाइट ग्लू को फेविकोल कहते हैं और एडेसिव बैंडेज को बैंडएड कहते हैं। जब भी कोई कंपनी अपनी फील्ड में इस तरह से डोमिनेट करती है, तो उसके नाम को ही उसके काम से एसोसिएट किया जाने लगता है। इसी तरह, इंटरनेट सर्च करने को आज गूगलिंग कहा जाता है।
History of Google:
गूगल की शुरुआत 1998 में हुई थी एक कॉलेज प्रोजेक्ट के तौर पर। लैरी पेज और सर्गे ब्रिन ने इसे बनाया था एक मिशन के साथ कि दुनिया की सारी इंफॉर्मेशन को ऑर्गनाइज करना और उसे एक्सेसिबल और यूजफुल बनाना। शुरूआती दिनों में गूगल का नाम “Googol” से आया था, जिसका मतलब है 1 के बाद 100 जीरो।
Google’s Products and Services:
गूगल के अलग-अलग प्रोडक्ट्स जैसे कि गूगल मैप्स, यूट्यूब, गूगल क्रोम, स्मार्टफोंस, क्रोमबुक लैपटॉप्स और स्मार्ट होम डिवाइसेस हैं। इन सब के चलते गूगल ने अपनी पकड़ और मजबूत की है। फेलियर इज द मदर ऑफ ऑल सक्सेसेस—सही मायनों में सफलता हासिल करने के लिए आपको कई बार असफल होना पड़ेगा।
Revenue Model:
आज के दिन गूगल $280 बिलियन का रेवेन्यू कमाता है। इसमें से 58% यानी कि $162 बिलियन गूगल सर्च एड्स से आता है। यूट्यूब एड्स से $9 बिलियन का रेवेन्यू आता है। गूगल प्ले स्टोर से भी 30% रेवेन्यू आता है जब कोई ऐप खरीदी जाती है। हार्डवेयर प्रोडक्ट्स जैसे पिक्सेल फोन और लैपटॉप्स से $19 बिलियन का रेवेन्यू आता है।
Free Services and Data Collection:
गूगल की फ्री सर्विसेस से भी रेवेन्यू आता है। फ्री सर्विसेस के लिए गूगल डेटा कलेक्शन करता है जिससे टार्गेटेड एड्स दिखाए जाते हैं। उदाहरण के तौर पर, अगर आप हेल्दी टिफिन सर्विसेस सर्च करते हैं, तो आपको संबंधित ऐड्स दिखने लगती हैं।
SEO and AdSense:
गूगल सर्च रिजल्ट्स में बिना पैसे खर्च किए ऑर्गेनिकली रैंक करने के लिए SEO यानी सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन का इस्तेमाल किया जाता है। पेड एड्स के लिए गूगल ऐडवर्ड्स का इस्तेमाल होता है। यहां आप टार्गेट कस्टमर, कीवर्ड्स और ऐड क्वालिटी सेट कर सकते हो।
Challenges and Future:
गूगल के एडवर्टाइजिंग मॉडल में दो बड़ी चुनौतियां हैं: प्राइवेसी कंसर्न्स और एडवर्टाइजिंग पर निर्भरता। अगर लोग प्राइवेट डेटा शेयर करने से बचेंगे तो गूगल के रेवेन्यू पर असर पड़ेगा। दूसरा, अगर सर्च रिजल्ट्स सिर्फ ऐड्स होंगे, तो उनकी यूजफुलनेस कम हो जाएगी।
AI and ChatGPT:
एआई पावर्ड चैटबॉट्स जैसे कि ChatGPT गूगल के लिए कंपटीशन साबित हो सकते हैं। ChatGPT बिना किसी एड्स के डायरेक्ट आंसर देता है। अगर यूजर्स इसे ज्यादा पसंद करेंगे, तो गूगल का एडवर्टाइजिंग मॉडल खतरे में आ सकता है। आने वाला समय ही बताएगा कि अगले 20 सालों में यह मॉडल कैसे बदलता है।