इस बार का बजट सरकार ने एक ऐसे व्यक्ति के लिए भी लाया है, जिसने संभवतः सरकार को नाराज किया है। इस स्थिति में बजट इस बार इन्हें परेशान करने वाला है। क्यों? क्योंकि बीएसएनएल को भरपूर पैसा दिया गया है – 8916 करोड़ रुपए केवल इस बजट के अंदर बीएसएनएल को रिवाइव करने का दिया गया है। अगर टोटल बजट एलोकेशन 1.28 लाख करोड़ का है टेलीकॉम में, तो उसमें से 82000 करोड़ केवल बीएसएनएल को दिया गया है।
बड़े सवाल बनते हैं कि बीएसएनएल वर्सेस जिओ की लड़ाई जो आप और हमारे बीच में ध्यान में आई, उसमें सरकार भी बीच में आ गई है। सरकार बीच में आई है और आप और हमने जिस प्रकार से बीएसएनएल पर विश्वास जताते हुए एक माहौल बनाकर रखा था कि बीएसएनएल होगा तो ही हम मोनोपोली से बच पाएंगे जिओ की, तो आज सरकार को यह बात समझ में आ गई है और आते ही सरकार ने पासा पलट दिया है।
सरकार ने पासा इसलिए पलटा कि अपोजिशन अंबानी के ज्यादा नजदीक चला गया। जैसे चुनाव प्रचार में मोदी जी ने राहुल जी पर इल्जाम लगाया था कि टेंपो पहुंच गया दिखता है। अच्छा टेंपो को प्रमाणित करते हुए यह लोग शादी में भी दिखाई दे गए थे। कहते हैं कि अपोजिशन की तरफ से सारे बड़े-बड़े लोग उपस्थित थे जो कि मोदी के साथ अंबानी के संबंधों की चर्चा किया करते थे। ऐसी स्थिति में क्या मोदी जी खफा हैं? इनको क्यों बुला लिए? और बुला लिए तो लो, सबका बदला लेंगे अपन। और बदला लेने की शुरुआत संभवतः इसी शादी के बाद तय की गई।
आप और हम केवल अंदाजा लगा रहे हैं कि क्या हुआ होगा। आइए थोड़ा अंदाजे को डिटेल में पढ़कर देखते हैं। चर्चा बजट से शुरू करते हैं। बजट निर्मला मैडम जी ने रखा, सातवीं बार रखा और इतिहास रच दिया। इस बार की बजट का थीम एंप्लॉयमेंट रखा गया था। एंप्लॉयमेंट के थीम में जो बजट एक्सपेंडिचर के बड़े मद निकाले गए थे, उनमें सबसे ज्यादा पैसा खर्च किया जाए तो उसके अंदर टॉप फाइव नंबर पर आईटी और टेलीकॉम था।
सबसे ज्यादा बजट का 4.54 लाख करोड़ रुपए डिफेंस पर है, उसके बाद रूरल डेवलपमेंट, एग्रीकल्चर, होम अफेयर्स, एजुकेशन और उसके बाद आईटी ही आता है। और आईटी के इस बजट में 82000 करोड़ रुपए और भी 33000 करोड़ केवल बीएसएनएल के नाम पर निकाल दिए। बीएसएनएल पर पैसे खर्च करने की सरकार ने कवायद की। साथ में इस पैसे का कहां उपयोग होगा, यह जानकारी आप और हमें बहुत खुशी दे सकती है। खुशी इस बात की हो रही है कि कम से कम इस प्रकार की प्राइवेट कंपनी हमारे देश में मोनोपोली की तरफ जा रही थी, उससे बचने का रास्ता निकाला गया है।
सरकार ने गांवों तक ऑप्टिकल फाइबर पहुंचाने के लिए भारत नेट योजना में वर्ष 2024 के अंदर बीएसएनएल के लिए जो बजट है, वो बढ़ाकर 8500 करोड़ कर दिया है। मतलब आप सोचिए कि 2023 में भारत नेट परियोजना जिससे गांव में ऑप्टिकल फाइबर पहुंचाता था, उसके अंदर 5500 करोड़ पहले खर्च किए, 2024 के अंदर यह आंकड़ा बढ़ाकर अब अंतरिम बजट में बढ़ाकर 8500 करोड़ तक कर दिया है। मतलब गांव में भी इंटरनेट पहुंचेगा, ऑप्टिकल फाइबर से। पूरे देशवासियों को 4G इंटरनेट मिलेगा।
फिलहाल के लिए इतना ही। आपकी इस विषय पर क्या राय है? कमेंट बॉक्स में जरूर रखिएगा।