आज से 58 साल पहले, जनवरी 1966 में, भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की कथित तौर पर हार्ट अटैक से मौत हुई थी, लेकिन भारतवासी आज भी मानते हैं कि उनकी हत्या जहर देकर की गई थी।
10 जनवरी 1966 को, शास्त्री जी उस समय के यूएसएसआर के एक शहर ताशकंद में पाकिस्तानी प्रेसिडेंट अयूब खान के साथ एक शांति समझौता साइन कर रहे थे। शास्त्री जी रात 12:30 बजे ताशकंद के दांचा में सो रहे थे। उनके रूम के पास वाले रूम में तीन लोग थे—उनके सिक्योरिटी इंचार्ज आर कपूर, प्राइवेट सेक्रेटरी जे एन शाही, और पर्सनल असिस्टेंट एमएम शर्मा। इन सभी को रात 1:30 बजे शास्त्री जी की अजीब सी आहट और दबी हुई आवाज सुनाई दी।
शास्त्री जी अपने सीने को पकड़कर खड़े हुए और “डॉक्टर” शब्द बोला। कपूर और शर्मा उन्हें पकड़ते हैं और शाही डॉक्टर चुग को बुलाने के लिए दौड़ते हैं। डॉक्टर चुग शास्त्री जी के रूम में पहुंचते हैं और शास्त्री जी की पल्स चेक करते हैं, लेकिन उनकी हालत गंभीर हो चुकी थी। डॉक्टर चुग ने उन्हें इंजेक्शंस दिए लेकिन कोई असर नहीं हुआ और कुछ मिनटों में शास्त्री जी बेहोश हो जाते हैं। डॉक्टर चुग ने सीपीआर देने की कोशिश की लेकिन शास्त्री जी को बचा नहीं पाए।
शास्त्री जी की मौत के बाद रशियन डॉक्टर्स की दो टीम्स भी उन्हें बचाने की कोशिश करती हैं, लेकिन 2:30 पर शास्त्री जी को मृत घोषित कर दिया गया। उनकी बॉडी को अगले दिन यूएसएसआर से इंडिया लाया गया। पालम एयरपोर्ट पर शास्त्री जी की बॉडी को देखकर लोगों में यह बात फैलने लगी कि उनकी बॉडी से ब्लड निकल रहा था और चेहरा डार्क ब्लू हो गया था। उनकी पत्नी ललिता शास्त्री ने भी कहा कि शास्त्री जी को जहर दिया गया था।
शास्त्री जी की बॉडी इतनी फूल गई थी कि उनकी पहनी हुई बनियान को फाड़ना पड़ा था। उनकी फैमिली ने पोस्टमॉर्टम करवाने की मांग की लेकिन बिना पोस्टमॉर्टम के ही 13 जनवरी 1966 को उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
उनकी मौत के बारे में कभी भी जांच या इन्वेस्टिगेशन नहीं की गई। शास्त्री जी की मौत को लेकर कई थ्योरीज सामने आईं—कुछ लोग मानते हैं कि उनकी हत्या पाकिस्तान ने करवाई थी, कुछ कहते हैं कि यूएसएसआर की सीक्रेट सर्विस KGB ने, कुछ मानते हैं कि अमेरिकन सीक्रेट सर्विस CIA ने, और कुछ का मानना है कि इंडियन पॉलिटिशियन ने ही उनकी हत्या करवाई थी।
शास्त्री जी की मौत के 10 साल बाद एक जांच कमेटी बनी लेकिन शास्त्री जी की मौत के विटनेस डॉक्टर चुग और रामनाथ की अलग-अलग एक्सीडेंट्स में मौत हो गई। इससे केस में कोई प्रगति नहीं हो पाई।
शास्त्री जी की हत्या के बारे में ये चार सबसे प्रमुख थ्योरीज हैं, लेकिन आज भी उनकी मौत एक रहस्य बनी हुई है।