एक बार फिर ट्रम्प सरकार…| दुनिया के लिए क्या होंगे जीत के मायने ?
दुनिया में संभवतः तानाशाही का जुमला काम नहीं किया, यही कारण है कि भारत में नरेंद्र मोदी की तीसरी बार सरकार बनी। भले ही विपक्ष के द्वारा तानाशाही का नैरेटिव घड़ा गया हो, अमेरिका में भी ट्रंप का डर था कि साहब ट्रंप आएंगे तो तानाशाही आ जाएगी। तो मुझे लगता है कि क्या दुनिया को आजकल तानाशाही पसंद है। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं कि अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति बनकर ट्रंप फिर से एक बार आ गए हैं।
जिस दिन ट्रंप को गोली छूकर निकली थी, उसी दिन तय मान लिया गया था कि वो राष्ट्रपति बनेंगे। ट्रंप कहते हैं कि जिस दिन मुझे जीवनदान मिला था, उसी समय समझ लिया गया था कि मैं राष्ट्रपति बनूंगा क्योंकि कोई ना कोई ईश्वरीय शक्ति थी जिसके दिमाग में यह मंशा थी कि मैं बचू और अमेरिका का भला करूं। यह बचे और अब इनका जीतना ट्रंप की जीत के रूप में दर्ज हो रहा है।
आज मैं जिस व्यक्ति का नाम ले रहा हूं, वह एलन मस्क हैं, जिनका खुद का ट्विटर है। एलन मस्क ने ट्रंप की जीत में अहम भूमिका निभाई है। जब मैं लाइव आया हूं, ट्रंप 277 सीटें जीत चुके हैं और 270 का करिश्माई आंकड़ा पार कर चुके हैं। लगभग सभी स्विंग स्टेट्स इनके समर्थन में रहे। कमला हैरिस इनसे काफी हद तक पिछड़ गई हैं, और ट्रंप बार-बार कह रहे हैं कि भगवान ने मेरी जान बचाई है।
एलन मस्क का समर्थन ट्रंप को मिलना कम नहीं कहा जाएगा। जब ट्रंप पिछली बार चुनाव लड़ रहे थे, तब एलन मस्क ने खुलकर समर्थन दिया था। कमला हैरिस को बिल गेट्स का समर्थन था। अमेरिका में उद्योगपति खुलेआम राजनीतिक दलों को समर्थन देते हैं। ट्रंप के जीतने के बाद, यह संभव है कि एलन मस्क को कोई बड़ा पद मिले और भविष्य में मस्क को बड़ी जिम्मेदारियां दी जाएंगी।
अब अमेरिकी संसद पर भी ट्रंप का कब्जा हो गया है। सीनेट और हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव, दोनों में ट्रंप बहुमत प्राप्त कर चुके हैं। दुनिया भर के राष्ट्राध्यक्ष, जैसे इजराइल और भारत, ट्रंप को बधाई दे रहे हैं। भारतीय प्रधानमंत्री ने ट्रंप को बधाई देते समय ‘मिस्टर प्रेसिडेंट’ नहीं, बल्कि ‘माय डियर फ्रेंड’ से संबोधित किया है। इमैनुएल मैक्रोन ने भी प्रेसिडेंट ट्रंप को बधाई दी है।
अमेरिका में ट्रंप की जीत का असर विदेश नीति पर पड़ेगा। ट्रंप के पिछले कार्यकाल में हाउडी मोदी जैसा कार्यक्रम हुआ था जिसमें ट्रंप और मोदी ने भारतीय डायस्पोरा के बीच दोस्ती को मजबूत किया था। ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से यह विश्वास जागता है कि हिंदुओं के खिलाफ हो रही यातनाओं पर झिझक आएगी और पन्नू जैसे भारत विरोधी बयान देने वालों पर लगाम लगेगी।
जेलेंस्की के मजे लिए जा रहे हैं कि बाइडन उन्हें कुछ नहीं दे पाएंगे और अब युद्ध कर नहीं पाएंगे। स्पूतनिक ने मजे लेते हुए कहा कि जेलेंस्की ने जिसके साथ दोस्ती निभाई, वह पद पर नहीं बचे। जापानी टीवी का वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें ट्रंप और कमला हैरिस को दिखाया जा रहा है।
बाइडन अब चुनावों के बाद सबसे अधिक उम्र वाले राष्ट्रपति बन चुके हैं। चुनाव के समय उनकी उम्र 81 साल थी। ट्रंप के जीतने का असर रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी होगा। भारतीय प्रधानमंत्री के संबंध ट्रंप से अच्छे होंगे और विश्व की विदेश नीति पर इसका असर पड़ेगा। भारत पर इसका असर सकारात्मक होगा।