ईरान ने अब तक इज़राइल से बदला क्यों नहीं लिया?
ईरान और इज़राइल के बीच तनाव के बढ़ने के बावजूद, ईरान ने अब तक इज़राइल पर हमला क्यों नहीं किया, यह सवाल काफी महत्वपूर्ण है। इस स्थिति की जाँच करते समय, कुछ प्रमुख कारण सामने आते हैं:
- सैन्य और कूटनीतिक दबाव:
- ईरान ने पहले इज़राइल पर हमले की धमकी दी थी, विशेषकर जब इज़राइल ने गाजा पट्टी में हमास के प्रमुख को मारा था। लेकिन इस धमकी के बावजूद, हमला अब तक नहीं हुआ। इसके पीछे एक प्रमुख कारण यह है कि अमेरिका और इज़राइल ने सैन्य और कूटनीतिक रूप से पूरी तैयारी कर ली थी। अमेरिका ने अपनी सेना और एयरक्राफ्ट कैरियर्स को तैनात किया और इज़राइल ने भी अपने सैनिकों की छुट्टियां रद्द कर दीं।
- आर्थिक और सैन्य रणनीति:
- ईरान की आर्थिक स्थिति युद्ध के लिए अनुकूल नहीं है। युद्ध की स्थिति में ईरान की अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा, जिसमें विदेशी निवेश और व्यापार भी प्रभावित होंगे। ईरान की सरकार इस बात को समझती है कि युद्ध की स्थिति में अर्थव्यवस्था और सैन्य संसाधनों पर भारी खर्च होगा, जो कि उनके विकासशील देश के लिए टिकाऊ नहीं है।
- राजनीतिक दवाब:
- ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई ने हाल ही में कहा है कि ईरान को युद्ध की तैयारी और एकमात्र उद्देश्य की दिशा में ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा, नए राष्ट्रपति पजश कियन का कहना है कि पश्चिमी देशों से प्रतिबंध हटवाने के लिए शांतिपूर्ण तरीकों का पालन करना अधिक फायदेमंद होगा।
- आतंकी समूहों की स्थिति:
- इज़राइल के खिलाफ लड़ने वाले आतंकवादी समूहों में भी मतभेद उत्पन्न हो गए हैं। ईरान ने इन समूहों को निर्देश दिया कि वे युद्ध के बजाय शांतिपूर्ण उपाय अपनाएं, जिससे कि इन आतंकवादी संगठनों के बीच भी असंतोष उत्पन्न हुआ है।
- मनोवैज्ञानिक दबाव:
- ईरान पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानसिक दबाव बना हुआ है। अमेरिका और इज़राइल की सैन्य तैयारियों को देखते हुए, ईरान अब सीधे युद्ध की बजाय इज़राइल के नेताओं को लक्षित करने की रणनीति अपनाने पर विचार कर रहा है। इससे ईरान की विश्वसनीयता भी बनी रहती है और उनकी अर्थव्यवस्था पर असर भी कम होगा।
अंततः, ईरान ने अब तक इज़राइल के खिलाफ सीधे हमले से बचने का निर्णय लिया है, और इसके पीछे कई कूटनीतिक, आर्थिक, और सैन्य कारण हैं।