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ईरानी खुफिया एजेंसी ही मोसाद थी ! | पूर्व ईरानी राष्ट्रपति के खुलासे से दुनियाँ में हड़कंप

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ईरानी खुफिया एजेंसी ही मोसाद थी ! | पूर्व ईरानी राष्ट्रपति के खुलासे से दुनियाँ में हड़कंप

आज हम आपको उस व्यक्ति से मिलवाने जा रहे हैं, जिसने खुद इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद का कहर झेला है। चर्चा का विषय है मोसाद, जिसे इजराइल की सबसे शक्तिशाली खुफिया एजेंसी माना जाता है, और जिसके बारे में कहा जाता है कि यह अपने दुश्मनों को कहीं भी नहीं छोड़ती। हाल ही में, 7 अक्टूबर को इजराइल पर हुए हमले के बाद मोसाद पर सवाल उठे थे। कई लोगों का कहना था कि यह मोसाद की असफलता थी कि उसे अपने पास इतने बड़े हमले की योजना का पता नहीं चला।

इस असफलता को पलटने के लिए मोसाद ने अपने कार्यों के जरिए अपना प्रभाव बढ़ाना शुरू किया, जिससे लोगों ने फिर से मोसाद की तारीफ करनी शुरू कर दी। चाहे इस्माइल हानिए की मौत हो, ईरान में बैठे हमास के नेता की हत्या हो, या हिज्बुल्लाह के नेता नसर अल्लाह की, हर जगह एक ही आवाज उठ रही थी: “मोसाद ने कमाल कर दिया!” इजराइल ने अपने दुश्मनों को, चाहे वे गाजा पट्टी में हों, ईरान में, या लेबनान में, खत्म करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

इसमें दिलचस्प बात यह है कि ईरान के पूर्व राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद ने हाल ही में एक साक्षात्कार में कहा कि इजराइल ने ईरान के अंदर अपने लोगों को डबल एजेंट बना लिया था। अहमदीनेजाद ने बताया कि इरानी इंटेलिजेंस एजेंसी, जो मोसाद पर नजर रखने के लिए बनाई गई थी, उसके प्रमुख खुद मोसाद का एजेंट बन गए थे। केवल वही नहीं, बल्कि उनकी टीम के कई अन्य सदस्य भी इजराइल के लिए काम करने लगे थे, और उन्होंने ईरान के परमाणु कार्यक्रम से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज इजराइल को सौंप दिए।

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यह सुनने में काफी गंभीर लगता है, और जब एक पूर्व राष्ट्रपति ऐसा कहता है, तो निश्चित रूप से इस बात में कुछ सत्यता होगी। अहमदीनेजाद ने बताया कि यह सब एक सुनियोजित योजना थी, जिसमें इजराइल ने पहले से ही अपने एजेंटों को ईरान के अंदर स्थापित कर लिया था।

हाल ही में, जब अहमदीनेजाद ने तुर्की के एक चैनल सीएनएन तुर्क को साक्षात्कार दिया, तो उन्होंने बताया कि कैसे इजराइल ने अपनी खुफिया रणनीतियों का इस्तेमाल करके ईरान के अंदर अपने दुश्मनों को निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि कासिम सुलेमानी की हत्या, इब्राहिम राईसी का मारा जाना, और ईरान के परमाणु कार्यक्रम के प्रमुख फकीर जादे की मौत, ये सभी घटनाएं पहले से तय थीं।

2018 में, नेतन्याहू ने दुनिया को बताया था कि ईरान परमाणु हथियार बना रहा है। इस समय इजराइल ने ईरान के एक सुविधाजनक स्थान पर हमला किया और वहां से दस्तावेज चुरा लिए, जो ईरान के परमाणु कार्यक्रम को उजागर करते थे। इस तरह की घटनाओं के चलते अमेरिका ने ईरान पर पाबंदियां लगा दीं।

इस पूरे घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि मोसाद ने अपनी खुफिया क्षमताओं को साबित किया है, और अब उसे दुनिया की सबसे प्रभावशाली खुफिया एजेंसी माना जाता है। आज के इस विशेष एपिसोड में हमने मोसाद की क्षमताओं पर चर्चा की है और यह बताया कि किस प्रकार उसने अपने एजेंटों के माध्यम से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बेनकाब किया।

धन्यवाद, और हमारे चैनल पर जुड़े रहिए।

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