वर्ल्ड बैंक ने हाल ही में भारत को एक कठोर सच्चाई का सामना कराया है। उसने कहा है कि अमेरिका की प्रति व्यक्ति आय का एक चौथाई स्तर हासिल करने में भारत को 75 साल लगेंगे। इसे एक उदाहरण से समझिए: अगर आप कहते हैं कि आपकी सालाना आय एक लाख रुपये है, जबकि कोई और एक करोड़ रुपये कमाता है, तो आप यह सोचने लगेंगे कि एक लाख से एक करोड़ तक पहुंचने में कितना समय लगेगा। वर्ल्ड बैंक के अनुसार, भारत के लोगों को अमेरिका की प्रति व्यक्ति आय के एक चौथाई स्तर तक पहुंचने में इतनी लंबी अवधि लगने वाली है।
वर्ल्ड बैंक ने इस स्थिति को “मिडिल इनकम ट्रैप” के रूप में संदर्भित किया है। यह दर्शाता है कि हाल के समय में, भारत की अर्थव्यवस्था 100 मिलियन लोगों की आय पर आधारित है, यानी 10 करोड़ लोग ही हैं जिनकी आय को देखकर हम अपनी ग्रॉस नेशनल प्रोडक्ट को ऊंचा आंकते हैं। यह तथ्य भारत को गर्व महसूस कराता है, लेकिन साथ ही, यह एक चेतावनी भी है।
विशेषज्ञों के अनुसार, मिडिल इनकम ट्रैप का मतलब है कि एक बार मध्य आय स्तर पर पहुंचने के बाद, देशों को उच्च आय स्तर तक पहुंचने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। वर्ल्ड बैंक का कहना है कि भारत और चीन दोनों मिडिल इनकम ट्रैप में फंसने की ओर अग्रसर हैं।
भारत की प्रति व्यक्ति आय वर्तमान में लगभग 32,000 रुपये है। यदि हम इस बात को ध्यान में रखते हैं कि हमें अमेरिका की प्रति व्यक्ति आय का एक चौथाई स्तर हासिल करने में 75 साल लगेंगे, तो हमें सोचने की आवश्यकता है कि इस स्थिति से कैसे बाहर निकलें।
वर्ल्ड बैंक की सिफारिशें इस दिशा में हैं कि हमें निम्न आय वाले देशों को इन्वेस्टमेंट पर जोर देना होगा, साथ ही विदेशी तकनीकों को देश में लाने पर भी ध्यान देना होगा। इसके अलावा, हमारे लिए जरूरी है कि हम अपने उच्च आय वाले देशों के साथ मिलकर कैसे आगे बढ़ सकते हैं।
उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति कहता है कि वह साल में एक लाख रुपये कमाता है और दूसरा व्यक्ति एक करोड़ रुपये, तो भारतीयों के लिए एक करोड़ रुपये तक पहुंचना एक दीर्घकालिक सपना लगता है। विश्व बैंक ने इस समस्या को “मिडिल इनकम ट्रैप” के रूप में परिभाषित किया है। यह संकेत करता है कि भारत की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से 100 मिलियन लोगों की आय पर निर्भर है, जिनकी वजह से भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सका है।
विश्व बैंक ने यह भी कहा है कि भारत के लोग मिडिल इनकम ट्रैप में फंसे हुए हैं, और यह केवल भारत ही नहीं, बल्कि 106 अन्य देशों का भी हाल है। इनमें चीन को अमेरिका की प्रति व्यक्ति आय का एक चौथाई पाने में केवल 10 साल लगेंगे, जबकि भारत को 75 साल का समय लगेगा।
मिडिल इनकम ट्रैप का अर्थ
मिडिल इनकम ट्रैप की स्थिति तब उत्पन्न होती है जब कोई देश उच्च आय की स्थिति में पहुंचने के लिए संघर्ष करता है। यह समस्या तब होती है जब प्रारंभिक विकास की गति धीमी हो जाती है। ऐसे देशों में आमतौर पर श्रम सस्ता होता है, जिससे प्रारंभिक वृद्धि होती है, लेकिन बाद में यह गति ठहर जाती है।
आर्थिक विकास के उपाय
भारत को मिडिल इनकम ट्रैप से बाहर निकलने के लिए निम्नलिखित उपायों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए:
- निवेश पर जोर: आर्थिक विकास के लिए विदेशी निवेश को आकर्षित करना।
- तकनीकी नवाचार: विदेशों से नई तकनीकों को अपनाना और उनका स्थानीयकरण करना।
- आर्थिक विविधता: आय असमानता को कम करने और समावेशी विकास को बढ़ावा देने पर ध्यान देना।
निष्कर्ष
विश्व बैंक की रिपोर्ट ने भारत की आर्थिक चुनौतियों को स्पष्ट रूप से उजागर किया है। यदि भारत को अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारना है, तो उसे मिडिल इनकम ट्रैप से बाहर निकलने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। इस दिशा में निवेश, तकनीकी नवाचार और आर्थिक विविधता को बढ़ावा देना आवश्यक है।