अब 15 मिनट में नजदीक का चश्मा हटाएगी Eye Drop! जानिए मामले की सच्चाई
चश्मा पहनने का अनुभव बहुतों के लिए आम बात है। चश्मे का उपयोग आमतौर पर निकट दृष्टि दोष (प्रेस बायोपिया) और दूर दृष्टि दोष (मायोपिया) के लिए किया जाता है। हाल ही में, एक नई दवा, “प्रेस व्यू” चर्चा में आई है, जो दावा करती है कि यह सिर्फ 15 मिनट में चश्मा हटा सकती है। इस दवा के प्रभावी होने और इसके पीछे के विज्ञान को लेकर कई सवाल उठ सकते हैं। क्या यह सचमुच इतनी जल्दी काम करती है, या यह सिर्फ एक मार्केटिंग स्ट्रेटेजी है? क्या इसमें कोई क्रांतिकारी तत्व है, और क्या इसके कोई साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं?
आज के सत्र में हम इसी दवा की विशेषताओं पर चर्चा करेंगे। प्रेस व्यू, जिसमें पिलोकार्पिन हाइड्रोक्लोराइड नामक एक औफ़थैल्मिक सॉल्यूशन होता है, खासकर प्रेस बायोपिया (निकट दृष्टि दोष) को ठीक करने के लिए डिज़ाइन की गई है। इसे समझने के लिए, यह जानना ज़रूरी है कि यह कैसे काम करती है और यह क्यों सुर्खियों में है।
सामान्यतः लोग किताब पढ़ते समय निकट दृष्टि दोष के लिए चश्मा पहनते हैं, जिसे प्रेस बायोपिया कहा जाता है। उम्र बढ़ने के साथ, आंखों का लेंस अपनी लचीलापन खो देता है और नजदीक की चीजों को स्पष्ट रूप से देखने में कठिनाई होती है। यही स्थिति प्रेस बायोपिया की है, जिसमें चश्मा आवश्यक हो जाता है।
2021 में अमेरिका में एफडीए ने पिलोकार्पिन नामक दवा को मंजूरी दी थी, जो इसी प्रकार के उपयोग के लिए बनाई गई थी। इसके बाद, भारत में भी ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने इसे मंजूरी दी है। यह दवा चश्मे की जरूरत को समाप्त करने का दावा करती है, और यह प्रक्रिया को समझने के लिए, हम देखेंगे कि प्रेस बायोपिया कैसे काम करती है।
प्रेस बायोपिया में, आंखों का लेंस सही तरीके से एडजस्ट नहीं हो पाता है, जिससे निकट की चीजों को स्पष्ट रूप से देखना कठिन हो जाता है। सामान्य स्थिति में, लेंस पर फोकल पॉइंट सही जगह पर बनता है, लेकिन प्रेस बायोपिया में यह फोकल पॉइंट लेंस के भीतर की ओर बनता है। उम्र बढ़ने के साथ, लेंस की लचीलापन कम हो जाती है और उसे ठीक से एडजस्ट करने में कठिनाई होती है।
प्रेस व्यू की दवा इस समस्या को एक समाधान प्रदान करती है। यह दवा लेंस को गति देती है और उसे ठीक से काम करने के लिए प्रेरित करती है। इसके प्रभाव के बाद, निकट दृष्टि दोष के कारण चश्मे की जरूरत कम हो जाती है। यह दवा 15 मिनट में असर दिखा सकती है, जिससे चश्मा हटाना संभव हो जाता है। लेकिन यह दवा केवल चार से पांच घंटे के लिए प्रभावी होती है, फिर से उपयोग की आवश्यकता होती है।
इस दवा की कीमत केवल 50 रुपये है, जिससे यह एक सस्ती और आसानी से उपलब्ध विकल्प बन जाती है। हालांकि, यह दवा निरंतर उपयोग की आवश्यकता हो सकती है, जिससे कुछ लोगों को इससे आदत लग सकती है।
कुछ लोगों के लिए, जो चश्मे से परेशान हैं, जैसे कि कैमरा के सामने काम करने वाले लोग या शादी-पार्टी में लेंस पहनने वाले लोग, यह दवा एक शॉर्ट-टर्म समाधान प्रदान कर सकती है।
अमेरिका में इस दवा को प्रेस बायोपिया ड्रॉप के नाम से मंजूरी मिली थी और भारत में इसे प्रेस व्यू नाम से पेश किया गया है। यह दवा केवल प्रेस बायोपिया के लिए है और अन्य दृष्टि दोषों के लिए प्रभावी नहीं है।
इस जानकारी के साथ, आप अपनी आवश्यकताओं के अनुसार दवा का उपयोग कर सकते हैं और ध्यान रख सकते हैं कि यह केवल प्रेस बायोपिया के लिए है।