हवाई जहाज दुर्घटनाएं दुर्लभ घटनाओं में बढ़ती चिंताएं और पुतिन का बयान
सामान्यतया, हवाई जहाज की दुर्घटनाएं बहुत ही दुर्लभ होती हैं। कार, बस, जहाज, और रेल दुर्घटनाओं की तुलना में हवाई जहाज की दुर्घटनाएं काफी कम होती हैं। इसलिए, सिविल एविएशन डिपार्टमेंट यह दावा करता है कि वे बहुत कम गलती करते हैं और उनकी दुर्घटना दर 0.001 के आसपास होती है। इस कारण, हवाई यात्रा को सबसे सुरक्षित माना जाता है। लेकिन, जब कुछ ही दिनों के भीतर दो हवाई जहाज हादसे होते हैं, तो स्वाभाविक रूप से चिंताएं बढ़ जाती हैं।
25 दिसंबर को एक विमान हादसा हुआ था, लेकिन मैं इसे आज कवर कर रहा हूं क्योंकि चार दिन बाद एक और विमान हादसा दक्षिण कोरिया में हुआ, जिसमें लोग मारे गए। जब विमान हादसे लगातार हो रहे हैं, तो यह अपने आप में चर्चा का विषय बन जाता है। आज, हम 25 दिसंबर को हुई अजरबैजान से रूस जा रही फ्लाइट के हादसे पर चर्चा करेंगे। इस हादसे में कई यात्री मारे गए और इस पर पुतिन माफी मांग रहे हैं।
यह फ्लाइट अजरबैजान से रूस के ग्रोजनी जा रही थी, लेकिन कजाकिस्तान में गिर गई। पुतिन ने इसके लिए माफी मांगी है और यूक्रेन पर दोष लगाया है। हालांकि, यह फ्लाइट अजरबैजान से उड़ रही थी, रूस जा रही थी और कजाकिस्तान में गिर गई, तो इन देशों की क्या गलती है? इस हादसे के पीछे पुतिन का क्या कनेक्शन है और उन्होंने माफी क्यों मांगी, ये सवाल उठते हैं।

इस हादसे के पीछे पक्षी टकराने का कारण बताया गया है, जो बहुत ही दुर्लभ होता है। एयरक्राफ्ट्स के पंखे इस तरह से डिज़ाइन होते हैं कि वे हवा को अपनी ओर खींचते हैं और कोई भी वस्तु उसके अंदर आकर पिस जाती है। इस घटना में 38 लोगों की मृत्यु हो गई। पुतिन ने इस घटना के लिए यूक्रेन को जिम्मेदार ठहराया है।
पुतिन का दावा है कि यूक्रेन ने ड्रोन में मृत पक्षियों को डालकर उसे विमान की ओर छोड़ा, जिसके कारण यह हादसा हुआ। हालांकि, यह बात कितनी सही है, इस पर अंतरराष्ट्रीय जांच चल रही है। पुतिन का कहना है कि उनके पास प्रमाण हैं, लेकिन यह प्रमाण अभी सामने नहीं आए हैं।
इस प्रकार की घटनाएं हमेशा चिंताजनक होती हैं और हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि ऐसी दुर्घटनाएं कैसे रोकी जा सकती हैं। विमान हादसे दुर्लभ होते हैं, लेकिन जब वे होते हैं, तो वे बहुत हृदय विदारक होते हैं। हमें उम्मीद करनी चाहिए कि ऐसे हादसे भविष्य में न हों और इसके लिए जरूरी कदम उठाए जाएं।