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स्वेज नहर विस्तार, महत्व और वैश्विक व्यापार पर प्रभाव

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स्वेज नहर विस्तार, महत्व और वैश्विक व्यापार पर प्रभाव

खबर यह है कि स्वेज नहर ने अपने आप को विस्तारित कर लिया है। क्या है इसके मायने, कहाँ है स्वेज नहर, दुनिया का कितना व्यापार इससे प्रभावित होता है, किस तरह से इससे कमाई होती है, भारत समेत दुनिया के कितने देशों को इससे फायदा होता है, ये सारी बातें आज के सेशन में हम करने वाले हैं।

बात जब मिस्र की हो रही है तो यहाँ के राष्ट्रपति को हमने खुश इसलिए दिखाया है क्योंकि इनके रेवेन्यू का, इनके जीडीपी का लगभग दो से तीन प्रतिशत इस नहर की कमाई से आता है। यह नहर एक इंसानी इंजीनियरिंग का नायाब नमूना है। ऐसा क्यों? क्योंकि दुनिया में दो बड़े महासागर, इंडियन ओशियन और अटलांटिक ओशियन, इनको जोड़ने के लिए स्वेज नहर का निर्माण किया गया था। इस नहर ने भूमध्य सागर को रेड सी से जोड़ दिया, जिससे इंडियन ओशन तक पहुंचना आसान हो गया।

शुरुआत में भूमध्य सागर और रेड सी को जोड़ने के लिए सिनाई प्रायद्वीप से रास्ता निकालने की योजना बनाई गई थी। यह नहर भूमध्य सागर से आसानी से इंडियन ओशन तक पहुंचने का मार्ग प्रदान करती है। यह एक स्थल मध्य डमरू के रूप में कार्य करती है, जो दो लैंड मासेज को जोड़ता है। स्वेज नहर को 1869 में बिना अत्याधुनिक मशीनरी के तैयार किया गया था। इसकी गहराई 26 फीट, चौड़ाई 72 फीट और चौड़ा हिस्सा 200 से 300 फीट था। 1956 में मिस्र के स्वतंत्र होने के बाद इसे गमाल नासर द्वारा राष्ट्रीयकृत कर दिया गया था।

वर्ष 1967 में इजिप्ट और इजराइल के बीच हुई सिक्स डे वार के कारण इसे बंद करना पड़ा और वर्ष 1975 में इसे दोबारा खोला गया। 2014 से लेकर अब तक इसे दुबारा से पुनर्निर्मित करते हुए बहुत अच्छी प्रगति पर ला दिया गया है। अब यह दुनिया के सबसे बिजी ट्रेड रूट्स में से एक हो गई है। यह नहर लगभग 7000 किमी का रास्ता बचाती है, जिससे नौ दिन का सफर बचता है। इसका परिणाम यह है कि दुनिया के 177,000 जहाज साल भर में इस रास्ते को पार करते हैं और 1 ट्रिलियन डॉलर का व्यापार इस रास्ते से होता है।

स्वेज नहर दुनिया के लिए आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। इसका इतिहास बहुत अच्छा रहा है और वर्तमान में मिस्र के लिए यह जीडीपी के दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है। दुनियाभर के ट्रांसपोर्टेशन के लिहाज से यह बहुत महत्वपूर्ण है। 2021 में स्वेज नहर के अंदर एवरग्रीन नाम का एक जहाज फंस गया था, जिससे दुनिया को 400 मिलियन डॉलर प्रति घंटे का नुकसान हुआ था। इस नहर से दुनिया का कुल व्यापार का 20 प्रतिशत होता है, जो 1 ट्रिलियन डॉलर प्रति वर्ष के व्यापार के बराबर है।

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स्वेज नहर को चौड़ा करने का तरीका यह अपनाया गया कि इसके पैरेलल में एक और नहर बना दी गई। यह नहर लगभग 100 किमी लंबी है, जिसमें हाल ही में 10 किमी का नया रास्ता निकाला गया है। 2014 के बाद से अब तक लगभग 80 किमी के आसपास इसे डबल लेन कर दिया गया है, जिससे अब यह डबल लेन हो गई है। फिलहाल इस नहर में 10 किमी का नया रास्ता निकला है, जिससे जहाजों की संख्या में बढ़ोतरी होगी और ब्लॉकेड जैसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा।

स्वेज नहर का निर्माण जब प्रारंभ किया गया था, तो इसके लिए एक विशेष कंपनी बनाई गई थी, जिसे स्वेज कैनाल कंपनी कहा गया। इसका निर्माण 1854 में प्रारंभ हुआ और 1869 में बनकर तैयार हो गई। बिना अत्याधुनिक मशीनरी के बनाई गई इस नहर को 1956 में राष्ट्रीयकृत कर दिया गया। 1967 की सिक्स डे वार के कारण इसे बंद करना पड़ा और 1975 में दोबारा खोला गया। 2014 से लेकर अब तक इसे दुबारा से पुनर्निर्मित करते हुए बहुत अच्छी प्रगति पर ला दिया गया है।

अब यह नहर दुनिया के सबसे बिजी ट्रेड रूट्स में से एक हो गई है, जिसमें प्रतिदिन 50 से अधिक जहाज पार होते हैं। इससे मिस्र को 8 बिलियन डॉलर प्रति वर्ष की कमाई होती है, जो उनके टूरिज्म से होने वाली कमाई के बराबर है। स्वेज नहर दुनिया के व्यापार और ट्रांसपोर्टेशन के लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसका विस्तार इसे और भी महत्वपूर्ण बना रहा है।

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