सीरिया में सत्ता परिवर्तन बशर अल असद का रूस में शरण और भविष्य की चुनौतियाँ
सीरिया में हालिया घटनाओं से वहां की सत्ता में बदलाव की बातें हो रही हैं। राष्ट्रपति बशर अल असद ने रूस में शरण ले ली है, और इस बीच अमेरिका, जिसने कभी उन्हें 10 मिलियन डॉलर का इनामी आतंकी घोषित किया था, अब उन्हें क्रांतिकारी करार दे रहा है। आज के सेशन में हम चर्चा करेंगे कि सीरिया में क्या हो रहा है। हमारा उद्देश्य हमेशा रहा है कि आप तक अंतरराष्ट्रीय समाचार समय पर पहुंचे।
फिलहाल का अपडेट यह है कि इज़राइल ने सीरिया के गोलन हाइट्स क्षेत्र पर आगे बढ़कर बफर जोन में एंट्री कर दी है। 1967 में इस क्षेत्र पर कब्जा करने के बाद, इज़राइल को डर है कि विद्रोही बम-गोला बारूद का उपयोग कर सकते हैं, इसलिए वह पहले से एहतियाती कदम उठाते हुए उन क्षेत्रों पर हमला कर रहा है। इस बीच रूस ने यूएन सिक्योरिटी काउंसिल से कहा है कि सीरिया के मसले पर चर्चा की जाए। बशर अल असद रूस में शरण ले चुके हैं और उनके प्रेसिडेंशियल पैलेस के हालात बिल्कुल वैसे ही हैं जैसे शेख हसीना के महल में थे। लोग राष्ट्रपति भवन में घुसकर कपड़े और सामान लूट रहे हैं।
सीरिया की फोर्सेस भी अपनी पहचान छुपाने के लिए किनारे हो गई हैं। बशर अल असद के समर्थक अपनी गाड़ियों से भाग रहे हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि विद्रोही उन्हें टारगेट करेंगे। सीरिया में पिछले 13 साल से सिविल वॉर चल रहा है और स्थितियां बदलती रही हैं। यहां पर एचटीएस का विद्रोह हो रहा है, जो अलकायदा को समर्थन देता है। दुनिया के कई देश असद को पसंद नहीं करते थे, क्योंकि वह ईरान का समर्थक था। संयुक्त राष्ट्र के एंटोनियो गुटेरेस का कहना है कि असद के नेतृत्व में जनता पर जुल्म हो रहा था, जो अब खत्म हो रहा है।
बशर अल असद का जाना समझ में आता है, लेकिन जो सरकार बनकर आ रही है, उसका नेतृत्व एक व्यक्ति कर रहा है जिसे अमेरिका ने कभी 10 मिलियन डॉलर का इनामी आतंकी घोषित किया था। ऐसी स्थिति में दुनिया की प्रतिक्रिया क्या होनी चाहिए, यह समझना मुश्किल है। असद ने समस्याएं खड़ी की थीं, लेकिन जो लोग आ रहे हैं, वे भी कोई दूध के धुले नहीं हैं। दुनिया के कई देश उन्हें इस तरह से ट्रीट कर रहे हैं जैसे यह आम जनता है जिसने सरकार को उखाड़ फेंका है, लेकिन सीरिया में यह आम जनता नहीं है, बल्कि हथियारों से लैस आतंकी हैं।
अमेरिका और इज़राइल के लिए यह बड़ी संतुष्टि की खबर है कि असद का प्रभाव कम हो रहा है। इज़राइल और अमेरिका को लगता है कि अब सीरिया ईरान के इशारों पर नहीं चलेगा। लेकिन इज़राइल अभी भी सतर्क है और वह गोलन हाइट्स के बफर जोन में अपनी सेना भेज चुका है। गोलन हाइट्स इज़राइल के 1/3 प्योर वाटर का स्रोत है और यह एक हरी-भरी जगह है। इज़राइल ने इस बफर जोन पर अपने सैनिक भेज दिए हैं ताकि वे और अधिक क्षेत्र पर कब्जा कर सकें।

इज़राइल का कहना है कि वह सीरिया के वेपंस टारगेट कर रहा है ताकि उनका इस्तेमाल इज़राइल के खिलाफ न हो सके। इज़राइली सेना दमिश्क के हवाई अड्डे पर हमले कर रही है और यह सब इज़राइली नागरिकों की सुरक्षा के लिए किया जा रहा है। बशर अल असद के जाने के बाद सीरिया की स्थिति बहुत ही अजीब हो गई है। विद्रोही गुस्से में हैं और वे बशर अल असद और ईरान के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
गोलन हाइट्स पर 1967 में इज़राइल ने कब्जा कर लिया था और इसे अपने क्षेत्र का हिस्सा मानता है। यहां पर ड्रूज और यहूदी रहते हैं। 2019 में ट्रंप ने इस क्षेत्र को इज़राइल के खाते में मान्यता दी थी। इज़राइल की सेना अब बफर जोन में अपने टैंकर लेकर घुस चुकी है और उसकी रणनीति है कि विद्रोही इज़राइल के करीब न आएं। अमेरिका ने भी 75 से अधिक हवाई हमले किए हैं।
सीरिया पूरी तरह से गृह युद्ध की स्थिति में है और रूस ने यूएन सिक्योरिटी काउंसिल से आपात बैठक बुलाई है। बशर अल असद रूस में शरण ले चुके हैं और एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है कि 14 साल का तानाशाही का समय खत्म हो चुका है।