सास ने किया बहू का वर्जिनिटी टेस्ट, ‘फेल’ होने पर प्रताड़ित किया
मध्य प्रदेश की एक महिला ने ससुराल वालों के खिलाफ केस दर्ज कराया है। आरोप है कि शादी की पहली रात ही ससुराल पक्ष ने उनकी वर्जिनिटी जांचने की कोशिश की। महिला ने बताया कि यह प्रक्रिया बेहद क्रूर थी। जब वह इस कथित “टेस्ट” में खरी नहीं उतरी, तो उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाने लगा।
मामला कैसे शुरू हुआ?
रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना 12 दिसंबर 2019 को महिला की शादी के बाद शुरू हुई। शादी भोपाल के एक व्यक्ति से हुई थी, और समारोह इंदौर के बाणगंगा इलाके में संपन्न हुआ। एडवोकेट कृष्ण कुमार कुन्हार ने बताया कि महिला की सास ने शादी की रात बेडशीट पर खून के निशान देखने की कोशिश की। चूंकि बेडशीट पर कोई निशान नहीं मिले, सास ने बहू की वर्जिनिटी पर सवाल उठाए।
आरोप और प्रताड़ना
महिला ने बताया कि पति से शारीरिक संबंध नहीं बने थे, लेकिन ससुराल वालों ने उसकी वर्जिनिटी पर सवाल खड़े किए। इसके बाद दहेज में ₹5 लाख की मांग शुरू हुई। महिला का तीन महीने का गर्भपात हुआ, और बाद में उसने एक मृत बच्ची को जन्म दिया। इन घटनाओं के बावजूद, ससुराल वाले उसे चरित्रहीन कहकर प्रताड़ित करते रहे।
कोर्ट में मामला
महिला ने इंदौर के जिला कोर्ट में घरेलू हिंसा संरक्षण अधिनियम के तहत केस दर्ज कराया। महिला बाल विकास अधिकारी की जांच में भी ससुराल पक्ष के अमानवीय व्यवहार की पुष्टि हुई।

एडवोकेट का पक्ष
एडवोकेट कृष्ण कुमार ने बताया कि हाइमन के टूटने का कारण सिर्फ शारीरिक संबंध नहीं होता। यह चलने, दौड़ने, साइकिलिंग, या खेल-कूद की गतिविधियों से भी हो सकता है। किसी महिला के चरित्र या वर्जिनिटी को केवल इन आधारों पर मापा नहीं जा सकता।
आगे की प्रक्रिया
कोर्ट ने ससुराल पक्ष के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। अब जांच होगी और आरोपियों का पक्ष भी सुना जाएगा।
समाज के लिए सवाल
यह मामला समाज की पिछड़ी मानसिकता को उजागर करता है। वर्जिनिटी जैसे मुद्दों पर महिलाओं पर दबाव डालना और उन्हें प्रताड़ित करना न केवल गलत है, बल्कि यह समाज के विकास में बाधा है।
आगे इस केस से जुड़ी हर जानकारी आप तक पहुंचाई जाएगी।