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सामान्य निमोनिया और वॉकिंग निमोनिया में अंतर

सामान्य निमोनिया और वॉकिंग निमोनिया में अंतर

सामान्य निमोनिया और वॉकिंग निमोनिया में अंतर: जानिए इसे पहचानने का तरीका

निमोनिया एक गंभीर बीमारी है जो फेफड़ों को प्रभावित करती है। यह सिर्फ बच्चों को ही नहीं, बल्कि किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। निमोनिया के कई प्रकार होते हैं, जिनमें से एक है वॉकिंग निमोनिया। यह सामान्य निमोनिया से कुछ अलग होता है। आइए, जानते हैं कि वॉकिंग निमोनिया क्या है, इसके लक्षण क्या हैं, और यह सामान्य निमोनिया और सर्दी-जुकाम से कैसे अलग है।

वॉकिंग निमोनिया क्या है?

वॉकिंग निमोनिया, जिसे एटिपिकल निमोनिया भी कहा जाता है, एक प्रकार का निमोनिया है जो कुछ विशेष बैक्टीरिया, वायरस या फंगस के कारण होता है। इसमें मरीज को निमोनिया होने के बावजूद लक्षण इतने गंभीर नहीं होते कि वह बिस्तर पर आ जाए। मरीज चलता-फिरता रहता है, लेकिन अंदर ही अंदर संक्रमण बना रहता है।

वॉकिंग निमोनिया के लक्षण

  1. बुखार: सामान्य निमोनिया की तरह तेज बुखार नहीं होता, बल्कि हल्का बुखार (100-101 डिग्री) हो सकता है।
  2. थकान और कमजोरी: शरीर में दर्द, सिरदर्द और थकान महसूस होती है।
  3. खांसी: खांसी होती है, लेकिन बलगम कम बनता है।
  4. लंबे समय तक लक्षण: लक्षण सर्दी-जुकाम जैसे हो सकते हैं, लेकिन ये लंबे समय तक बने रहते हैं, जैसे कि एक से दो हफ्ते तक।

वॉकिंग निमोनिया और सामान्य निमोनिया में अंतर

  • सामान्य निमोनिया: इसमें मरीज को तेज बुखार, सीने में दर्द, तेज खांसी और सांस लेने में तकलीफ होती है। मरीज को आराम की जरूरत होती है और अक्सर हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ सकता है।
  • वॉकिंग निमोनिया: इसमें लक्षण हल्के होते हैं। मरीज चलता-फिरता रहता है, लेकिन लंबे समय तक थकान और खांसी जैसे लक्षण बने रहते हैं।

वॉकिंग निमोनिया और सर्दी-जुकाम में अंतर

  • सर्दी-जुकाम: इसमें हल्का बुखार, नाक बहना और गले में खराश होती है। यह आमतौर पर 2-3 दिन में ठीक हो जाता है।
  • वॉकिंग निमोनिया: इसमें लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, जैसे कि हफ्ते भर से ज्यादा। बुखार और थकान भी ज्यादा होती है।
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वॉकिंग निमोनिया का इलाज

वॉकिंग निमोनिया का इलाज एंटीबायोटिक्स से किया जाता है, लेकिन सामान्य निमोनिया में इस्तेमाल होने वाली एंटीबायोटिक्स इसके लिए काम नहीं करतीं। इसमें मैक्रोलाइड्स, डॉक्सीसाइक्लिन या क्विनोलोंस जैसी दवाएं दी जाती हैं। इलाज आमतौर पर 1-2 हफ्ते तक चलता है।

बचाव के उपाय

  1. मास्क पहनें: संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाएं और मास्क पहनें।
  2. साफ-सफाई: हाथों को नियमित रूप से धोएं।
  3. वैक्सीन: निमोनिया से बचाव के लिए वैक्सीन लगवाएं।
  4. धूम्रपान से बचें: धूम्रपान फेफड़ों को कमजोर करता है, जिससे निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है।

निष्कर्ष

वॉकिंग निमोनिया सामान्य निमोनिया और सर्दी-जुकाम से अलग होता है। इसके लक्षण हल्के होते हैं, लेकिन लंबे समय तक बने रहते हैं। अगर आपको लंबे समय तक खांसी, थकान या हल्का बुखार रहता है, तो डॉक्टर से परामर्श करें। समय पर इलाज से इस बीमारी को ठीक किया जा सकता है।

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