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रेबीज सिर्फ कुत्ते के काटने से नहीं, दूध से भी फैल सकता है!

रेबीज सिर्फ कुत्ते के काटने से नहीं, दूध से भी फैल सकता है!

रेबीज सिर्फ कुत्ते के काटने से नहीं, दूध से भी फैल सकता है!

अगर आपको लगता है कि रेबीज सिर्फ कुत्ते के काटने से होता है, तो यह जानकारी आपकी सोच बदल सकती है। उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में एक महिला की मौत रेबीज से हुई, लेकिन उसे किसी कुत्ते ने नहीं काटा था—बल्कि यह संक्रमण गाय के दूध से हुआ था।

कैसे हुआ संक्रमण?

महिला ने जिस गाय का दूध पिया, उसे पहले एक आवारा कुत्ते ने काटा था। इससे गाय रेबीज संक्रमित हो गई, लेकिन यह बात किसी को पता नहीं थी। महिला उसी संक्रमित गाय का दूध पीती रही। कुछ समय बाद गाय में रेबीज के लक्षण दिखने लगे, जिसके बाद उसे डॉक्टर के पास ले जाया गया और वैक्सीन लगवाई गई। मगर महिला ने खुद का इलाज नहीं करवाया।

न्यूज़ 18 की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ दिनों बाद महिला में भी रेबीज के लक्षण प्रकट हुए—वह घबराने लगी, रोशनी और पानी से डरने लगी। जब स्थिति गंभीर हो गई, तो परिवार उसे कई अस्पतालों में ले गया, लेकिन हर जगह से उन्हें लौटा दिया गया। अंततः जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे घर ले जाने की सलाह दी, और कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई।

रेबीज कैसे फैलता है?

अब तक उस गांव में कम से कम 10 लोगों को एहतियातन वैक्सीन लगाई जा चुकी है। यह मामला साबित करता है कि रेबीज केवल जानवर के काटने से ही नहीं, बल्कि उसके दूध से भी फैल सकता है।

WHO के अनुसार:
दुनियाभर में रेबीज से होने वाली 36% मौतें भारत में होती हैं, जो इसे हमारे लिए एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनाता है।

रेबीज के अन्य स्रोत

डॉ. आर.आर. दत्ता के अनुसार, रेबीज एक गंभीर बीमारी है, जो दिमाग और नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है। यह जानवरों से इंसानों में फैलती है और आमतौर पर कुत्ते के काटने से होती है। लेकिन इसके अलावा, यह बंदर, घोड़े, जंगली चूहे, चमगादड़, गधे, लोमड़ी और नेवले से भी फैल सकता है।

गाय और भैंस को संक्रमित जानवर के काटने से रेबीज हो सकता है, और फिर उनसे इंसानों में संक्रमण फैल सकता है। संक्रमित जानवर के काटने, खरोचने, सहलाने, उसकी लार, मल-मूत्र के संपर्क में आने से भी यह बीमारी हो सकती है।

दूध से रेबीज का खतरा

इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर किसी गाय या भैंस को रेबीज है और उसका दूध बिना उबाले पिया जाए, तो पीने वाले को भी संक्रमण हो सकता है। हालांकि, इसका जोखिम कम होता है, लेकिन इस मामले ने साबित कर दिया कि सावधानी जरूरी है।

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संक्रमित जानवर की पहचान कैसे करें?

अगर किसी गाय या भैंस के मुंह के पास अत्यधिक झाग बन रहा है, वह असामान्य रूप से शांत या बहुत फ्रेंडली हो गई है, तो उससे दूर रहें। ऐसे जानवर को तुरंत डॉक्टर को दिखाएं और रेबीज वैक्सीन लगवाएं।

क्या सावधानी बरतें?

  • संक्रमित जानवर का दूध न पिएं।
  • कच्चा दूध बिल्कुल न पिएं, हमेशा उबालकर ही इस्तेमाल करें।
  • अगर किसी जानवर में रेबीज के लक्षण दिखें, तो उसका दूध सेवन न करें।

रेबीज के लक्षण

अगर किसी को रेबीज हो जाए, तो ये लक्षण दिख सकते हैं:

  • घाव में खुजली या दर्द
  • बुखार या हल्का बुखार जैसा महसूस होना
  • पानी और रोशनी से डर लगना
  • हवा या तेज़ आवाज़ से घबराहट
  • गुस्सा और चिड़चिड़ापन
  • गंभीर स्थिति में मौत हो सकती है

बचाव के उपाय

  • अगर किसी संक्रमित जानवर ने काटा या खरोंचा है, तो तुरंत एंटी-रेबीज वैक्सीन लगवाएं।
  • 5 डोज़ का इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन और रेबीज इम्यूनोग्लोबुलिन दिया जा सकता है।
  • संदिग्ध जानवरों से दूरी बनाए रखें और संदिग्ध दूध न पिएं।

निष्कर्ष: रेबीज सिर्फ कुत्ते के काटने से नहीं, बल्कि संक्रमित जानवर के दूध से भी फैल सकता है। इस घातक बीमारी से बचने के लिए जागरूक रहें, सतर्क रहें और ज़रूरी सावधानियां अपनाएं।

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