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यदि रूस पर हमला हुआ ! तो बदला लेंगा नार्थ कोरिया

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पुतिन की एक जबरदस्त स्ट्रेटेजी। स्ट्रेटेजी क्या है पुतिन की स्ट्रेटेजी? बाइड को चिड़ाने की। अब आप पूछेंगे ऐसा क्यों है? आपको याद है अभी कुछ समय पूर्व ही G7 की बैठक हुई और उस G7 की बैठक में बाइडेन ने जेलेंस्की को बुलाकर कहा कि अब से अमेरिका तुम्हें अगले 10 साल के लिए वेपन देगा, अगले 10 साल के लिए एक हिस्टोरिक स्ट्रेटेजिक टाइज रखेगा। अगर आपको यह याद आ रहा है तो 13 से 15 तारीख के बीच में इटली के अंदर हुई G7 बैठक जिसमें मोदी जी भी गए थे, जहां पर सारे देशों ने यानी G7 कंट्रीज ने बकायदा जेलेंस्की को बुलाया था और अमेरिका ने प्रॉमिस दिया था कि अब हम तुम्हारे साथ हैं। चिंता मत करो। साथ का मतलब था कि डिफेंस सेक्टर में भी हम तुम्हारे साथ आगे बढ़ेंगे। अमेरिका ने यह किया। कोई बात नहीं। पुतिन इंतजार ही कर रहे थे कि तुम मेरे खिलाफ किसी को तैयार कर रहे हो तो मेरे पास भी ऐसा रोग नेशन है जिसे मैं तैयार कर सकता हूं और तैयारी के लिए उन्हें मिल गए अमेरिका के कट्टर दुश्मन किम जोंग उन। अब आप पूछेंगे कितने कट्टर दुश्मन हैं? देखिए दुश्मन इतने बड़े हैं कि यह अमेरिका को कई बार धमका चुके हैं और हल्के में धमकाते नहीं है। भाई, यह वो व्यक्ति हैं जिनसे मिलने डोनाल्ड ट्रंप खुद चले आते हैं। मतलब यह हल्का आदमी नहीं है। हल्के में क्यों नहीं लेना है कि दुनिया में अगर कुल नौ देश जिनके पास परमाणु हथियार है उनमें से एक नॉर्थ कोरिया है। भले ही इन्हें आप मजाक में लेते हो लेकिन सैन्य ताकत में यह दुनिया के कई देशों से बहुत ऊपर हैं। ऐसी-ऐसी मिसाइलें हैं, ऐसे-ऐसे परमाणु बम हैं, ऐसी-ऐसी तकनीकी है जो बहुत सारे पड़ोसी मुल्कों के पास नहीं है। इतना सब कुछ नॉर्थ कोरिया भरकर रख रहा है। अब उस नॉर्थ कोरिया के साथ में मिलने पहुंच गए हैं पुतिन और नॉर्थ कोरिया से वादा ले लिया है कि सुनो अगर रूस पर कोई भी हमला हुआ तो तुम मेरे साथ रहना और तुम उसका बदला लेना। मतलब अगर रूस पर हुआ हमला तो बदला लेगा नॉर्थ कोरिया। अब यह कैसा बदला है इसको आप समझने का प्रयास करिए साथियों।

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आप सब अच्छे से जानते हैं कि नॉर्थ कोरिया पर दुनिया के सर्वाधिक सैंक्शंस हुआ करते थे कब तक? अक्टूबर 2022 से पहले तक जब तक रशिया के ऊपर सैंक्शंस ने सारे रिकॉर्ड कायम मतलब वो ना कर दिए रिकॉर्ड ना तोड़ दिए। अगर आपको याद हो तो अमेरिका के द्वारा तीन ही देशों पर सबसे ज्यादा सैंक्शन लाए गए थे अपने CAATSA एग्रीमेंट के माध्यम से और वो CAATSA एग्रीमेंट था Countering America’s Adversaries Through Trade Sanctions Act जिसमें उसने रशिया को, ईरान को और नॉर्थ कोरिया को एकदम ब्लैकलिस्ट कर दिया था कि इनसे जो व्यापार करेगा वह किसी काम का नहीं रह जाएगा। अब सोचो जिन देशों के साथ यह अमेरिका का बर्ताव था, नॉर्थ कोरिया उसके बाद भी नहीं झुका। बोले कोई बात नहीं अमेरिका हमसे व्यापार नहीं करना चाहता, मत करें। हम तो फिर भी इतने सक्षम हैं कि सब कर ले जाएंगे।

नॉर्थ कोरिया के पास संसाधन कहां से आते हैं, क्या कुछ होता है, इस पर मैंने कई सेशन पहले किए हुए हैं। आप बस गूगल करिए और नाम लगाकर सवाल बनाकर उसके पीछे अंकित अवस्थी लिख दीजिए, जवाब मिल जाएगा। ठीक है। फिलहाल के लिए सुनिए साहब कि पुतिन 24 साल बाद, आखिरी बार 2000 में आए थे, 24 साल बाद नॉर्थ कोरिया की धरती पर पहुंचे हैं। उनका क्या वेलकम हुआ है, उस वेलकम के माध्यम से आप और हम भी नॉर्थ कोरिया के अंदर की तस्वीरें देख लिए हैं। सोचकर तो यह लगता था कि पता नहीं नॉर्थ कोरिया कैसा देश होगा। तानाशाही है तो वहां पर पता नहीं कितनी गरीबी होगी, कितने तरीके के संसाधनों का अभाव होगा। लेकिन नॉर्थ कोरिया ने पुतिन की यात्रा के साथ जो अपने देश की तस्वीर दुनिया को दिखाई है, उसे देखकर दुनिया बड़ी हैरान है कि यार यह लोग इतने डेवलप्ड देश कैसे हो सकते हैं। इतने डेवलप्ड कैसे? तो तस्वीरें देखिए। डेवलपमेंट के लिए आप सड़कें, बड़ी इमारतें, गाड़ियां, तकनीकी, इन सबको मायना अगर देते हैं तो आइए देखते हैं।

चलिए आपके साथ यात्रा को। पुतिन पहुंचते हैं नॉर्थ कोरिया और इनसे वादा लेते हैं कि सुनो भैया, वादा करो कि अगर हम पर किसी ने हमला किया तो तुम परमाणु बम चलाने से नहीं चूकोगे। इनने कहा सर जी चिंता ही मत करो। आप बोलो और क्या चाहिए? बोले और कुछ नहीं, बस तुम अपना सामान हमें दो और हम अपना सामान तुम्हें देंगे। बढ़िया व्यापार करेंगे। चिंता की कोई जरूरत नहीं है। दोनों के बीच में हो गई मित्रता। पुतिन ने नॉर्थ कोरिया पहुंचे और 24 साल बाद ऐसा करने वाले राष्ट्रपति बने।

अब भाई साहब, पुतिन को आप यहां पर हेडलाइंस में देख सकते हैं: “Russian President Vladimir Putin in North Korea after 24 years”। अच्छा, अब इनका स्वागत अपने आप में बहुत भव्य है। बाय द वे, अगर आप मैप को देखें तो यहां पर आपको चाइना से लगा हुआ नॉर्थ कोरिया दिखाई देता है। अगर आप इस नॉर्थ कोरिया को नक्शे पर देखें तो एक चीज और जान पाएंगे कि नॉर्थ कोरिया रशिया के साथ भी हल्का सा छोटू सा बॉर्डर शेयर करता है। नॉर्थ कोरिया और साउथ कोरिया के विभाजन की कहानी पहले भी बताई है। फिर से बता देता हूं कि जब सेकंड वर्ल्ड वॉर खत्म हुआ तो जापान का कब्जा हुआ करता था पूरे कोरियन पेनिनसुला के ऊपर। लेकिन उस कोरियन पेनिनसुला को दोनों देशों ने आपस में बांट लिया। उत्तर वाला हिस्सा रखा रशिया वालों ने और दक्षिण वाला हिस्सा रखा अमेरिका वालों ने। दक्षिण वाला हिस्सा आज दक्षिण कोरिया कहलाता है, उत्तर वाला हिस्सा उत्तर कोरिया कहलाता है। उत्तर कोरिया में साम्यवाद आया और दक्षिण कोरिया में पूंजीवाद आया। साम्यवाद के प्रवर्तक रहे किम जोंग उन के दद्दा जी। दद्दा जी ने यहां पर खूब बढ़िया से तानाशाही की, साम्यवादी तरीके से देश को चलाया और देश को चला कर के यहां जो आज बना रखा है वह इन दोनों की दुश्मनी और रशिया और चाइना की मित्रता पर टिका हुआ है। रशिया और चाइना नॉर्थ कोरिया को पूरे टाइम भड़का कर रखते हैं कि देखो भाई हम पर तो बहुत सारी जिम्मेदारियां हैं। हम तो फिर भी हमला करने से डरेंगे। लेकिन तुम्हारे पास क्या है, तुम तो बस दाग देना, पीछे से हम संभाल लेंगे।

तो अभी स्थितियां यह हैं कि इस नॉर्थ कोरिया से डरता कौन-कौन है? देखो जस्ट सामने बैठा है जापान, जो कि गारंटी लेकर बैठा है अमेरिका की कि अगर कुछ भी हुआ तो अमेरिका बचाने आएगा। लेकिन नॉर्थ कोरिया बकायदा मिसाइलें यहां से चलाता है और जापान को ऊपर से क्रॉस करा देता है। मतलब इसकी मिसाइलें यूं चलकर दूसरी तरफ जाकर गिरती हैं। इस हद तक इसने आतंक बचा रखा है। इसके पड़ोस में जस्ट है साउथ कोरिया। इसको एनी टाइम मिसाइल चला चला के धमकाता रहता है। साउथ कोरिया वालों ने अमेरिका के कहने पर परमाणु बम नहीं रखे हुए हैं। जापान वालों ने भी नहीं रखे हुए हैं। क्योंकि अमेरिका ने कह रखा है चिंता मत करो, मैं आऊंगा और उस चक्कर में इन दोनों को विचारों को पपेट बनाकर बैठाया हुआ है। नॉर्थ कोरिया एनी टाइम धमकाता रहता है। अब जब अमेरिका कहता है मैं आऊंगा बचाने तो नॉर्थ कोरिया वाले ऐसी-ऐसी मिसाइल चलाते हैं कि बोले अगर यह चला दी तो अमेरिका पर जाकर गिरेगी। इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल भी चला देते हैं यह लोग। इन्होंने दुनिया की सबसे दूरी तक मिसाइल चलने वाली का भी परीक्षण करने का दावा किया है कि हम तो एक कॉन्टिनेंट से दूसरे कॉन्टिनेंट तक पहुंचा देंगे। पैसिफिक ओशियन ही क्रॉस करा देंगे हमला करने के लिए अमेरिका पर। यानी कि इसके द्वारा तमाम प्रकार के वह कार्य किए जाते हैं जो अमेरिका को चिंता देते हैं। यही कारण है कि साउथ कोरिया के लिए तो डोनाल्ड ट्रंप इससे मिलने आए थे कि इन दोनों की मित्रता करा दें। दोनों देश मिलकर के एक दूसरे की दुश्मनी मिटा लें

। फिलहाल दुश्मनी तो मिटती दिख नहीं रही और कुछ ही केमिस्ट्री बनती हुई दिख रही है। कुछ और ही खिचड़ी पकती हुई दिख रही है। आइए तस्वीरों से देखते हैं।

ये यहां पर पुतिन का जहाज है जो कि नॉर्थ कोरिया के अंदर प्योंगयांग में पहुंचता है और उनके स्वागत के लिए रेड कारपेट बिछाते हुए कर्मचारी आपको तस्वीरों में दिख रहे हैं। तस्वीरों में दिख रहे कर्मचारी और उसके बाद में किम जोंग उन हवाई जहाज पर रिसीव करने के लिए पहुंचते हुए दिखाई देते हैं। यह तस्वीर आपको यहां दिखाई देती है। तस्वीरें यह भी दिखती हैं कि जब तक जहाज नहीं आया था, उससे पहले भी किम जोंग उन यहां पहुंच गए थे और उन्होंने प्रॉपर तरीके से इंतजार किया कि पुतिन कब आएंगे। उनके मोस्ट वेलकम की यहां पर बेहतरीन तैयारी की गई। रेड कार्पेट वेलकम की तैयारी की गई। किम जोंग उन यहीं पर खड़े रहे और उनका बेसब्र से इंतजार करते रहे। बाद में हवाई जहाज का दरवाजा खुलता है। पुतिन सीढ़ियों से उतर कर आते हैं। किम जोंग उन बड़े ही गर्मजोशी के साथ उनका स्वागत करते हैं। दोनों के बीच में जो भी बात हुई, दोनों को डायरेक्ट समझना नहीं आई। दोनों को ही ट्रांसलेटर की जरूरत पड़ी। दोनों ने ही अपने-अपने ट्रांसलेटर्स को साथ लिया हुआ था और अपनी-अपनी बातें एक दूसरे के साथ बड़ी ही गर्मजोशी के साथ रखीं। इस बात को बहुत से लोग अलग-अलग तरीके से मीनिंग निकालकर बात कर रहे हैं कि रशिया और नॉर्थ कोरिया जहां रशिया के और पास में एक और लगातार यूक्रेन से संघर्ष के चलते वेपंस कम होते जा रहे हैं, तो रशिया अब उन्हें प्रोक्योर करने के लिए उन देशों के पास जा रहा है जो कि रशिया के साथ में मित्रता निभा सकते हैं और अमेरिका के दुश्मन हैं। यही कारण है कि अमेरिका के दुश्मनी निभाने वाले नॉर्थ कोरिया और रशिया और चाइना के साथ में पुतिन इन दिनों बहुत जबरदस्त मित्रता निभा रहे हैं। हालांकि वेपन भारत ने भी रशिया को भेजे हैं। लेकिन भारत दोनों तरफ हाथ रखकर चलता है। भारत ने दोनों को ही साधा हुआ है। इसलिए भारत के साथ यह वो वाली मित्रता नहीं रख पा रहे हैं जो नॉर्थ कोरिया के साथ समझ में आती है। ठीक है साहब।

बकायदा इनको निकालकर यहां से ले जाया जाता है। आप नजारे देखें। आपने ऐसा भव्य स्वागत अब तक संभवतः पिछले दिनों में कहीं नहीं देखा होगा किसी राष्ट्राध्यक्ष का जो नॉर्थ कोरिया के अंदर हुआ है। पुतिन का। आप तस्वीरों में देखते हैं कि किस प्रकार से जगमगाती हुई बाइक्स और गाड़ियों का काफिला चलता हुआ दिख रहा है। बकायदा इसकी तरफ से पूरी तरह से यहां पर पुतिन के आने से पहले नॉर्थ कोरिया को कैसे सजाया गया था, आप यहां पर तस्वीरों के माध्यम से देख सकते हैं। प्योंगयांग की ये तस्वीरें हैं, जहां पर हाईराइज बिल्डिंग्स और उन बिल्डिंग्स पर भी रशिया के स्वागत में लगे हुए हैं झंडे। पुतिन के स्वागत में यहां पर बैनर लगे हुए हैं। जहां-तहां आप देखेंगे वहां पर पाएंगे कि बस एक तरह से तैयार है नॉर्थ कोरिया कि एक बार पुतिन आए और यहां पर पहुंचे। ये तस्वीरें बयान करती हैं कि नॉर्थ कोरिया की जो इमेज आपके दिमाग में है कि उसके हालात पाकिस्तान से भी बदतर होंगे, वैसा तस्वीरों में देखकर नहीं लग रहा है। बड़े ही प्रॉपर अंदाज में कटे हुए पेड़, बड़े ही सलीके से बनी हुई इमारतें, एक जैसी कलर में रगी हुई इमारतें, बड़े-बड़े होर्डिंग्स। इन्हें देखकर लगता है कि नॉर्थ कोरिया के हालात इतने भी बुरे नहीं हैं जितनी मीडिया दिखाती है। अब वही वाली बात है, अंदर जाना अलाउ नहीं है। इन्हीं तस्वीरों से परसेप्शन लगा लीजिए कि क्या सही है क्या गलत है। हो सकता है इस खास दिवस के लिए ऐसी तस्वीरें तैयार की गई हों। यह भी कह सकते हो आप। ठीक है।

अच्छा, हालांकि नॉर्थ कोरिया और रशिया के बीच में लगातार ट्रेड तो चल रहा है और ट्रेड में कहा जा रहा है कि नॉर्थ कोरिया से बड़ी मात्रा के अंदर मिलियंस ऑफ म्यूनिशन के ट्रक जो हैं, वह भरकर भेजे जा रहे हैं रशिया के लिए और उस पैसे से नॉर्थ कोरिया और रशिया के बीच में बढ़िया मित्रता चल रही है। कहा जा रहा है कि अभी तक यानी मार्च तक नॉर्थ कोरिया से 7000 कंटेनर वेपंस के रशिया भेजे जा चुके हैं। इसके अंदर 152 मिलीमीटर आर्टिलरी शेल कंटेनर के अंदर ऑलरेडी 3 मिलियन राउंड्स और साउथ कोरिया डिफेंस मिनिस्टर का कहना है कि लगभग इसके अंदर 30 लाख गोलियां भर कर के रशिया में भेजी गई हैं। अब आप देखिए यहां पर अगर नॉर्थ कोरिया के अंदर लोगों की खुशी देखें तो लगता है कि रिमोट से किया गया है कि इसी स्पीड से हाथ हिलना चाहिए जब पुतिन यहां पर पहुंचे। जनता को देखकर आपको अंदाजा नहीं लगेगा कि यह नॉर्थ कोरिया के शासक से प्रताड़ित है। इन्हें इस तरह से चलाया गया है कि आपको लग रहा है कि बटन ऑन करके छोड़ दिया गया है और यह लोग एकदम तेजी से भव्यता के साथ स्वागत कर रहे हैं पुतिन का और पुतिन के वेलकम को आप तस्वीरों में देख रहे हैं। पुतिन की गाड़ी जब यहां से गुजर रही है तो उस समय जनता के द्वारा जो स्वागत किया जा रहा है वह स्वागत और बड़ी इमारतों पर पुतिन के बैनर लगे हैं, गाड़ी जलती हुई यहां पर आपको दिख रही है प्रॉपर तरीके से। मतलब देखकर यह लग रहा है कि यार नॉर्थ कोरिया गुरु वैसा तो नहीं है जैसा अपन सोचते थे। स्पूतनिक ने यह तस्वीरें जारी की हैं। इसके बाद भाई साहब, इनको बकायदा ले जाया जाता है, इनको गार्ड ऑफ ऑनर दिलवाया जाता है और बढ़िया तरीके से स्वागत सम्मान कार्यक्रम रखा जाता है। जिस तरह की जगह यहां पर देखी गई, जिस तरह की तैयारियां यहां पर देखी गई, उन्हें देखकर लगता है कि नॉर्थ कोरिया में जिस तरह की व्यवस्थाएं हैं, वो वेस्टर्न मीडिया द्वारा बताई गई व्यवस्थाएं और रियलिटी में दोनों में बड़ा अंतर है। नॉर्थ कोरिया जिस तरह से अपने आप को मैनेज करके चल रहा है, आज पुतिन को इनके पास आना पड़ा, पुतिन को इनकी आवश्यकता पड़ी। पुतिन इनसे एग्रीमेंट यह तक कर लिए कि अगर मुझ पर हमला हुआ तो तुम मेरे साथ रहना और तुम पर अगर हमला हुआ तो हम तुम्हारे साथ रहेंगे। यार यह बात तो काबिले तारीफ वाली बात है। मतलब कि नॉर्थ कोरिया को एक वीटो पावर कंट्री का साथ मिल गया है और ओपनली साथ मिल गया है। यह ऐसी स्थिति है जिसका डर अमेरिका को हमेशा से सता रहा था।

आपको याद होगा नॉर्थ कोरिया पर यूएन के द्वारा भी कई प्रतिबंध लगे हैं। उन प्रतिबंधों में कभी रशिया ने वीटो का उपयोग नहीं किया। अब वह पब्लिकली करेगा क्योंकि इनके साथ एग्रीमेंट कर चुका है। उसका नाम ही बकायदा अलायंस रखा गया है। बोले भाई, अपन अब आपके ऊपर कोई सैंक्शन नहीं लगने देंगे यूनाइटेड नेशंस के माध्यम से क्योंकि मेरे पास वीटो है और मैं वीटो लगाकर तुम्हारी सुरक्षा करूंगा। दुनिया में बन रहे इन समीकरणों से खुशी भले ही किसी को हो रही हो, लेकिन चिंता दुनिया में पैरेलली चल ही रही है। चिंता इस बात की है कि अब पुतिन ने अपने दोनों ओर पूर्व और पश्चिम में ऐसे देश तैयार कर लिए हैं जो कि किसी भी समय दुनिया के लिए मर मिटने को तैयार हैं। जहां पूर्व की ओर पैसिफिक ओशियन में तैयार कर लिया है नॉर्थ कोरिया, वहीं पश्चिम की ओर तैयार कर लिया है लुकाशेंको वाला बेलारूस। दोनों ही देश अपने आप में तानाशाही से ड्रिवन हैं और दोनों ही देशों में अब एक तरफ बेलारूस के पास न्यूक्लियर वेपन नहीं थे तो इन्होंने अपनी तरफ से तैनात कर दिए कि तुम चिंता मत करो, जरूरत पड़े तो मेरे इशारे पर चला देना। दो देश ऐसे तैयार कर लिए हैं जो कि रूस को दोनों ही तरफ से प्रोटेक्ट कर रहे हैं। कहने का मतलब यह हुआ कि आने वाले समय में अगर रशिया के ऊपर किसी ने भी आक्रमण करने की कोशिशें की तो बेलारूस और नॉर्थ कोरिया ऑलरेडी एग्रीमेंट कर चुके हैं कि सर, आप पर हुआ हमला हम अपने पर मानेंगे और आपके लिए मर मिटेंगे और उस मर मिटने के सीन को आप यहां पर एग्रीमेंट होते हुए देख सकते हैं।

दोनों के बीच में प्रॉपर तरीके से यहां पर चर्चा होती है। दोनों देश एक दूसरे के स्वागत में बकायदा टोस्ट करते हैं। एक

दूसरे के साथ का यह जो नजारा है, जिसमें देख कर के दोनों हालांकि समझ किसी की नहीं रहे हैं, लेकिन जो मोहब्बत दर्शाई जा रही है, आप देखें यहां पर बकायदा प्रॉपर तरीके से चियर्स किया जा रहा है। पुरानी एक तस्वीर बहुत वायरल हुई इस दौर में कि यह पहले भी इस तरह से एक दूसरे को साथ जब टोस्ट किए थे तो उस समय पर इनमें से लीकर किसी ने नहीं पी थी। लेकिन आज प्रॉपर तरीके से दोनों एक दूसरे के सामने शेयर करते हुए दिखाई भी दिए हैं।

अच्छा बाय द वे, ये सब केमिस्ट्री शुरू कैसे हुई? आपको याद होगा पिछले साल नॉर्थ कोरिया के जो किम जोंग उन हैं, ये रशिया गए थे। ये रशिया गए थे अपनी ट्रेन से अगर आपको ध्यान हो और रशिया जाकर के इन्होंने वहां पर बहुत सारे आधुनिक हथियार देखे थे। जैसे फिलहाल के समय पर क्या है ना कि अमेरिका के द्वारा यूक्रेन को F-16 फाइटर जेट्स और डिफेंस के अन्य इक्विपमेंट्स दिए जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में यहां पर नॉर्थ कोरिया को अब पुतिन अपने द्वारा फाइटर जेट्स उपलब्ध कराएंगे, ऐसी-ऐसी मिसाइल उपलब्ध कराएंगे, ऐसे व्हीकल्स उपलब्ध कराएंगे जो कि नॉर्थ कोरिया के पास नहीं हैं। मतलब यह हुआ कि अब लोग, ये दोनों मिलकर के नेक्स्ट लेवल की फाइट करेंगे। म्यूचुअल डिफेंस पैक्ट एक दूसरे के साथ साझा कर लिए हैं। किम जोंग उन अगर आपको याद हो तो बुलेटप्रूफ ट्रेन से रूस पहुंचे थे। तब मैंने सेशन किया था आज से 9 महीने पहले, 13 सितंबर को। उसमें मैंने तस्वीरें दिखाई थी कि किस प्रकार से यह पहुंचे हैं और पुतिन इनको मतलब वहां पर जाकर के बड़ा स्वागत किए थे, सम्मान दिए थे और इनको बुलाकर के बकायदा अपनी सारी सैटेलाइट सिस्टम दिखाए थे, अपनी तकनीकी दिखाए थे। तो अब कहा जा रहा है कि इन दोनों के बीच में म्यूचुअल यह भी एग्रीमेंट हुआ होगा कि जो इनके पास नहीं है, पुतिन इन्हें उपलब्ध कराएंगे और अभी फिलहाल के लिए जो इन्होंने बनाकर रखी हुई चीजें हैं, उन्हें पुतिन इनसे खरीद लेंगे। तो एक म्यूचुअल एग्रीमेंट हुआ इस लाल किताब के अंदर जो यहां पर बड़ी सुर्खी बना हुआ है। नॉर्थ कोरिया के पास में बड़ी मिसाइलें हैं, लेकिन अब इन मिसाइलों में भी इंटरकॉन्टिनेंटल मिसाइल रशिया अगर इन्हें देता है तो इनके पास में मिसाइलों का जखीरा और ज्यादा इकट्ठा हो जाएगा जो कि अपने आप में अमेरिका के लिए एक बड़ी चिंता रहने वाला है। इस बात की चिंता मैं और आप नहीं कर रहे हैं, नाटो के चीफ ने भी इसी तरह की चिंता व्यक्त की है। बाय द वे, नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन अमेरिका के नेतृत्व में बने हुए उसके पिछलग्गू का वो संगठन है जिन्होंने ऑलरेडी ये कसमें खाई हुई हैं कि अगर अमेरिका पर हमला होगा तो हम सब एक साथ हमला करेंगे। ऐसे ही अब रशिया भी निकल पड़ा है।

हालांकि यूएसएसआर के काल में एक वारसा पैक्ट हुआ करता था जिसमें यूएसएसआर ने, सोवियत रूस ने नाटो के कंपैरिजन में अपना समूह बनाया था, यह कहते हुए कि अगर सोवियत रूस पर हमला हुआ तो सारे के सारे वारसा देश एक साथ एक हो जाएंगे। लेकिन वारसा एग्रीमेंट टूट गया क्योंकि यूएसएसआर खुद 1991 में 15 देशों के अंदर टूट गया था। ठीक है ना? तो फिलहाल नाटो ने इस पर चिंताएं व्यक्त कर दी हैं। लेकिन यह दोनों जिस तरह से अपनी बातें रख रहे हैं, इसे केवल यही माना जा रहा है कि अमेरिका जिस तरह से यूक्रेन को वैपन दे रहा है, बस उसी का ही इलाज किया गया है। नॉर्थ कोरिया को हथियारों का वादा कर के और नॉर्थ कोरिया से वेपन लेकर के यहां पर बकायदा पुतिन ने धन्यवाद दिया किम जोंग उन का कि यूक्रेन के साथ उनके उस युद्ध का जो चल रहा है, उसका नॉर्थ कोरिया ने समर्थन किया है। इसके लिए यह उसका धन्यवाद देते हैं। यानी नॉर्थ कोरिया अब रूस के लिए एक बहुत महत्त्वपूर्ण हो चुका है।

इंटरेस्टिंग बात देखें तो ईरान इस चीज को बड़ा लेकर पॉजिटिव है। ईरान क्यों है? क्योंकि अमेरिका ने इन तीनों ही देशों को तो सबसे ज्यादा सेग गट किया था। ईरान पर भी CAATSA लगा था, रशिया पर भी लगा था, नॉर्थ कोरिया पर भी लगा था। ईरान भी अमेरिका का कट्टर दुश्मन है, नॉर्थ कोरिया भी है और रशिया भी है। अब ये तीनों देश अगर मिलते हैं तो यूक्रेन के लिए बड़ी मुसीबत बन चुके हैं और अमेरिका को सीधा के सीधा काउंटर कर रहे हैं। मतलब यह देशों के बीच चल रही जो डायनेमिक्स है, संभवतः अब आप इस चीज को बहुत अच्छे से समझ रहे होंगे।

ठीक है साहब। तो अच्छा एक और इंटरेस्टिंग वाकया हुआ। यहां पर पुतिन ने बकायदा अपनी एक बहुत ही जबरदस्त कार किम जोंग उन को गिफ्ट की। इसका नाम है RUS कार। और वह रशियन लग्जरी कार है। इसी कार के अंदर पुतिन चलते हैं। जैसे हमारे देश के प्रधानमंत्री लैंड रोवर में चलते हैं, मेबैक के अंदर। यह तस्वीर मीडिया में बहुत वायरल हो रही है। मतलब यह है कि अब पुतिन दुनिया को यह दिखा रहे हैं कि रशियन ब्रांड्स की जो कारें हैं, क्योंकि दुनिया में अब तक ये माना जाता था कि जो जर्मन ब्रांड्स हैं, अमेरिकन ब्रांड्स ऑफ कार हैं, वो बहुत पावरफुल हैं, बहुत सिक्योर्ड हैं। लेकिन अब रूस ने अपनी तरफ से अपनी कार अपनाना शुरू कर दिया है। मैं बाय द वे और उस के बारे में बता दूं कि 2018 से पुतिन इसे यूज में ले रहे हैं। 2018 से जिस और उस कार में ऑलरेडी पुतिन चलते हैं, अब उन्होंने वही कार किम जोंग उन को गिफ्ट की है। इस और उस कार की कीमत रशिया के अंदर करोड़ है। इस कार में वह सारी फैसिलिटी हैं जो कि इसे सुरक्षित कार बनाती हैं जस्ट लाइक अदर बुलेटप्रूफ कार। और ऐसी कार को इन्होंने किम जोंग उन को भेंट किया है ताकि वह भी अपने देश में इस तरह की सुरक्षित कार में चल सकें। इस तरह का यह जो म्यूचुअल ट्रस्ट व्यवहार के साथ देखा जा रहा है, यह दुनिया के बीच में बहुत ज्यादा असहज स्थितियां उत्पन्न कर रहा है। हालांकि पुतिन अब यहां से उड़ चुके हैं और उड़ कर के वह निकल लिए हैं वियतनाम की यात्रा पर, एक और देश जिसने कभी अमेरिका को पटकनी दी थी। आने वाले सेशन में संभव हुआ तो वियतनाम वॉर के बारे में भी चर्चा करेंगे जब अमेरिका को बहुत बुरा लगा था। ठीक है?

बकायदा उन्हें टाटा बाय-बाय करने के लिए परिवार इकट्ठा हुआ और पुतिन महाशय अपना हवाई जहाज लेकर यहां से निकल लिए हैं।

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