मणिपुर में हालिया हिंसा क्या हैं इसके पीछे के कारण और समाधान की राहें?
मणिपुर में अब हिंसा नहीं होगी। वहां शांति का माहौल बन जाएगा क्योंकि 17 महीने के बाद वहां पर समझौता हुआ था। बाकायदा केंद्र की तरफ से यहां के स्टेकहोल्डर्स को बुलाया गया और उनके बीच में बातचीत कराई गई थी। सभी विवादों को सुलझा लिया गया था। बावजूद इसके, अब खबरें आ रही हैं कि वहां पर इंटरनेट बंद है, व्यापक प्रदर्शन हो रहे हैं, और 90 अतिरिक्त कंपनियों को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की तैनाती की गई है। तो आखिर ऐसा क्या हुआ कि नौ जिलों में इंटरनेट बंद करने की नौबत आ गई, 90 अतिरिक्त कंपनियों को भेजने की जरूरत पड़ी, और 20,000 अतिरिक्त पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया?
प्रदर्शनकारियों ने सरकारी कार्यालयों से लोगों को निकालकर उन्हें बंद करने की अपील की है, और सरकार ने 94 चेकपॉइंट्स स्थापित किए हैं। ये सभी घटनाएं यह बताती हैं कि स्थिति गंभीर हो गई है। आज के सत्र में हम इसी पर चर्चा करेंगे।
मणिपुर में हिंसा कहां से भड़की? इसके लिए हमें मणिपुर की पुरानी कहानी को समझना होगा। पिछले डेढ़ साल से मणिपुर चर्चा में है। हम पहले भी कई बार इस पर चर्चा कर चुके हैं। हाल के महीनों की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए, जब केंद्र सरकार ने मणिपुर के स्टेकहोल्डर्स को बुलाया और समझौता कराया, तब ऐसा माना गया था कि अब शांति होगी।
लेकिन 8 नवंबर को एक खबर ने सबको चौंका दिया। खबर आई कि एक हमार जनजाति की महिला के साथ रेप करके उसे जिंदा जला दिया गया। कुकी ग्रुप्स का आरोप है कि यह सब मैते ग्रुप ने किया। 8 नवंबर तक सब ठीक था, लेकिन इस घटना के बाद हालात बिगड़ गए।

मणिपुर की जनसंख्या 38 लाख है, जिसमें मैते 53 प्रतिशत हैं और वे इंफाल क्षेत्र में रहते हैं, जबकि नागा और कुकी पहाड़ी इलाकों में रहते हैं। हमार जनजाति कुकी का ही एक हिस्सा है। जब इस महिला की हत्या की खबर आई, तो कुकी समुदाय में आक्रोश फैल गया।
9-10 नवंबर को बदले की घटनाएं हुईं। इंफाल ईस्ट में गोलीबारी हुई और एक 34 साल की महिला की हत्या कर दी गई। इसके बाद 11 नवंबर को एक 54 वर्षीय व्यक्ति का अपहरण कर लिया गया और उसकी हत्या कर दी गई।
इसके बाद, 13 नवंबर को इंटरनेट बंद कर दिया गया। सरकारी कर्मचारियों से ऑफिस बंद करने की अपील की जा रही है। इस दौरान एक युवक हिजाम देवान की मौत हो गई।
मणिपुर की स्थिति को और गहराई से समझने की जरूरत है ताकि वहां शांति बहाल हो सके। इसके लिए सभी संबंधित पक्षों को मिलकर समाधान निकालना होगा।