पालतू कुत्ते ने ली मालिक की जान कानपुर में दिल दहला देने वाली घटना
कानपुर के विकास नगर में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां घर के पालतू जर्मन शेफर्ड ने अपनी ही 80 वर्षीय मालकिन, मोहिनी देवी, पर हमला कर उनकी जान ले ली। जिस जानवर को घर की सुरक्षा के लिए पाला गया था, वही खतरनाक बन गया और यह घटना पूरे इलाके में सनसनी का विषय बन गई। नगर निगम की टीम ने कुत्ते को कब्जे में ले लिया है, जबकि स्थानीय लोग पालतू कुत्तों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठा रहे हैं।
कैसे हुआ हादसा?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, घटना वाले दिन मोहिनी देवी अपने पालतू कुत्ते को खाना देने गई थीं। कुछ ही देर बाद कुत्ते के भौंकने की आवाजें आने लगीं। घर में मौजूद बहू किरण और पोता धीर प्रशांत को लगा कि कुत्ता किसी बाहरी व्यक्ति को देखकर भौंक रहा है। लेकिन फिर मोहिनी देवी की चीखें सुनाई देने लगीं। जब तक घरवाले वहां पहुंचे, तब तक कुत्ता उन पर जानलेवा हमला कर चुका था।
घरवालों ने जब बाहर आकर देखा, तो मोहिनी देवी लहूलुहान होकर फर्श पर पड़ी थीं। कुत्ते ने उनके चेहरे, पेट और कमर पर बुरी तरह काटा था। मौके पर ही उनकी मौत हो गई। स्थानीय पार्षद राज किशोर यादव ने इस घटना की सूचना पुलिस और नगर निगम को दी, जिसके बाद नगर निगम की टीम ने कुत्ते को अपने कब्जे में ले लिया।
क्या थी हमले की वजह?
इस घटना को लेकर मीडिया में दो अलग-अलग दावे सामने आए हैं। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, मोहिनी देवी ने कुत्ते को डंडे से मारा था, जिससे वह आक्रामक हो गया और हमला कर दिया। वहीं, कुछ अन्य रिपोर्ट्स कहती हैं कि मोहिनी देवी कुत्ते को बचपन से बहुत प्यार करती थीं, और यह कुत्ता कुछ समय पहले ही उनके घर लाया गया था।
परिवार की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद मोहिनी देवी के पोते ने नगर निगम में आवेदन देकर कुत्ते को वापस मांगा है। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी आर. के. निरंजन के मुताबिक, पोते ने हलफनामा देकर कहा है कि कुत्ता हिंसक नहीं था और उसकी आक्रामकता की जिम्मेदारी वह स्वयं लेता है। परिवार के मुताबिक, कुत्ते के जाने से घर में गमगीन माहौल है, और कोई खाना तक नहीं खा रहा।

बढ़ते हमलों से चिंता
यह घटना समाज में एक बड़ी चिंता को जन्म देती है। हाल के दिनों में पालतू कुत्तों द्वारा किए गए हमले बढ़ते जा रहे हैं, खासकर छोटे बच्चों और बुजुर्गों पर। पार्षद ने सुझाव दिया है कि भविष्य में ऐसे मामलों से बचने के लिए पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया जाना चाहिए।
आपकी राय?
पालतू जानवरों के बढ़ते हमलों को लेकर आप क्या सोचते हैं? क्या कुत्तों की ट्रेनिंग और देखभाल को लेकर कड़े नियम बनाए जाने चाहिए? अपनी राय हमें कमेंट बॉक्स में बताएं।