पाकिस्तान समेत मुस्लिम देशों में महाकुंभ सबसे ज्यादा सर्च हुआ?
महाकुंभ 2025: पूरी दुनिया की नजरें इस अद्भुत आयोजन पर
महाकुंभ, जिसे दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक माना जाता है, ने न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। खास बात यह है कि इस आयोजन की चर्चा मुस्लिम देशों में भी खूब हो रही है।
महाकुंभ की वैश्विक लोकप्रियता
इस समय इंटरनेट पर सबसे ज्यादा सर्च किए जाने वाले शब्दों में “महाकुंभ” प्रमुख है। खासकर पाकिस्तान, बांग्लादेश, बहरीन, कतर, और यूएई जैसे देशों में इसे लेकर गूगल सर्च ट्रेंड्स में काफी उत्सुकता देखी जा रही है। इन देशों की कुल आबादी लगभग 43 करोड़ है, जबकि महाकुंभ 2025 में अनुमानित 45 करोड़ लोगों के शामिल होने की उम्मीद है।
पाकिस्तान में तो महाकुंभ की चर्चा 9 जनवरी से ही शुरू हो गई थी, जबकि आयोजन 13 जनवरी से आरंभ हुआ। यहाँ तक कि 96% मुस्लिम आबादी वाले पाकिस्तान में महाकुंभ के बारे में इंटरनेट पर सबसे ज्यादा सर्च किया जा रहा है।
आयोजन की भव्यता से सभी हैरान
महाकुंभ की भव्यता और इसके अद्वितीय प्रबंधन को देखकर दुनिया भर के लोग हैरान हैं। 2024 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लॉन्च की गई वेबसाइट “महाकुंभ मेला 2025” को अब तक 183 देशों के 33 लाख से अधिक लोग देख चुके हैं।
दुनिया भर के लोग इस आयोजन के रहस्यों को समझने और इसके महत्व को जानने के लिए इंटरनेट पर तस्वीरें और वीडियो देख रहे हैं। यह आयोजन भारतीय संस्कृति की समृद्धि और आध्यात्मिकता का प्रतीक बन चुका है।

पाकिस्तान में महाकुंभ की चर्चा
पाकिस्तान का मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म महाकुंभ की खबरों से भरे हुए हैं। वहां के लोग महाकुंभ के भारत की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में भी सर्च कर रहे हैं। इस आयोजन से 45 दिनों में लगभग ढाई लाख करोड़ रुपये के व्यापार की उम्मीद है, जो पाकिस्तान के पूरे साल के निर्यात से भी अधिक है।
24 करोड़ की आबादी वाले पाकिस्तान में लगभग 50 लाख हिंदू रहते हैं। लेकिन वहां की सामाजिक और राजनीतिक परिस्थितियों के चलते वे इस आयोजन में शामिल होने भारत नहीं आ सकते। यह स्थिति उन्हें निराश करती है। फिर भी वे इंटरनेट के माध्यम से महाकुंभ के दर्शन कर अपनी इच्छाओं को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं।
महाकुंभ: भारतीय संस्कृति का अद्वितीय उत्सव
महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, आर्थिक समृद्धि, और सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक है। इसकी वैश्विक लोकप्रियता यह साबित करती है कि भारतीय परंपराएं केवल देश तक सीमित नहीं हैं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए प्रेरणास्त्रोत बन चुकी हैं।
इस आयोजन से जुड़ी तस्वीरें और वीडियो न केवल भारत की सांस्कृतिक विरासत को उजागर करती हैं, बल्कि यह भी दिखाती हैं कि कैसे दुनिया भर के लोग भारतीयता से जुड़ाव महसूस कर रहे हैं।