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दुनिया को गुमराह कर इजराइल ने मारा इस्माइल हानिए

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हमास, जिसने 1200 लोगों की जान ली इजराइल में 7 अक्टूबर के दिन, उसके चीफ को आज सुबह ही इजराइल ने ईरान में मार गिराया है। इसके बाद सवाल उठने लगे कि यह प्लानिंग कैसे की थी इन लोगों ने, कैसे दुनिया का ध्यान बंटा के रखा था। अभी सब अपनी-अपनी स्टोरीज चला रहे हैं। इसी बीच में इसके परिणाम क्या हो सकते हैं, यह बड़ी सुरखी है। चलिए आज के सेशन की शुरुआत करते हैं क्योंकि मिडिल ईस्ट में फिर से अशांति के बादल मंडराने लगे हैं और यह अशांति उससे भी कहीं बड़ी अशांति है जब सीरिया के अंदर घुसकर इजराइल ने ईरान की एंबेसी पर हमला किया था।

आप विचार कीजिए, जब एंबेसी पर हमला किया था तब ईरान ने अपनी तरफ से ड्रोन और मिसाइल इजराइल पर दाग दिए थे। अब तो ईरान की राजधानी तेहरान में घुसकर उसके गेस्ट हानिए को मार दिया है, तो यह विचार कीजिए कि यह ईरान पर कितने बड़े उकसावे की कार्रवाई कर सकता है। और करता धरता कौन है? बेंजामिन नेतनयाहू, जो दिला रहे हैं इजराइल को न्याय। किस बात का? 7 अक्टूबर का, कि 7 अक्टूबर को जिस आदमी ने गाजा पट्टी से हमास के लड़ाकों को अंदर घुसाया था इजराइल में, अब उसको इलाज मिल गया है। उसको पूरी तरह से एलिमिनेट कर दिया गया है। नाम है इस व्यक्ति का इस्माइल हानिए, जो अब नहीं बचा है। क्यों नहीं बचा है? क्योंकि इसको इजराइली मोसाद ने अभी मार गिराया है।

इजराइल इसका क्रेडिट नहीं ले रहा है, लेकिन दुनिया क्रेडिट दे रही है। सब लोग बोल रहे हैं कि सब इजराइल ने किया। ओबवियस सी बात है, किसी और का इसमें कोई लाभ नहीं है। इजराइल केवल यही बोल रहा है कि हम हर प्रतिक्रिया के लिए तैयार हैं। अगर किसी को हम पर युद्ध थोपना है, तो तैयार हैं। ईरान में भयंकर विरोध हो रहा है। हानिए को एज ए स्टार, एज ए हीरो दिखाया जा रहा है। इस पूरी घटना के बैकग्राउंड में क्या चल रहा था, वह हम बताएंगे। लेकिन अमेरिका की तरफ से बयान आ गया है कि हम इजराइल के साथ खड़े हैं।

यह सब ऐसे समय पर घटित हुआ है, जिसे देखकर यह लग रहा है कि इजराइल तो केवल और केवल एक मुखौटा है। असल में खेल पूरा खेल अमेरिका ही कर रहा है। अपने वर्चस्व की लड़ाई में, अमेरिका ने ही परमिशन दी थी कि जाओ और गढ़ फतह कर दो। कैसे, आइए मैं पूरी कहानी सुनाता हूं।

पहले आप एक बार के लिए मिडिल ईस्ट को समझ लीजिए और इस मिडिल ईस्ट से रिलेटेड हमारे कुछ सेशंस हैं, उन्हें जरूर समय निकाल कर देखिएगा। मैंने आज से दो दिन पहले एक सेशन किया था, तारीख थी 30 जुलाई। कल ही किया था, सॉरी। कल ही मैंने, अब दो दिन इसलिए लग रहा है क्योंकि आज का दिन पूरा जा चुका है। कल मैंने सुबह आपको एक सेशन करके बताया था कि लेबनान से बदला लेने की तैयारी कर रहा है इजराइल। अगर आपको तारीख बस तारीखों पर नजर डालते चलिए। जुलाई 30 के दिन मैंने यह सेशन किया था और मैंने यह बताया था कि फ्लाइट्स रद्द हो चुकी हैं। अमेरिका एडवाइजरी जारी कर चुका है और अमेरिका के साथ-साथ भारत भी एडवाइजरी जारी कर चुका है। तैयारी कहां की चल रही थी? लेबनान पे हमले की। कौन हमला करने वाला था? इजराइल। कहीं से कहीं तक भी ईरान की चर्चा ही नहीं थी। ईरान में जहांपर नए राष्ट्रपति शपथ लेने वाले थे, उनकी कोई चर्चा ही नहीं कर रहा था कि वहां पर शपथ ग्रहण चल रहा है, इसको कोई भी आंच नहीं आएगी।

थोड़ा सा एक बार के लिए मैप को देख लीजिए ताकि आप इस स्थिति को रिलेट करके समझ पाएंगे। इधर देखिए, यहां आपको इजराइल दिख रहा है। इसके उत्तर में यहां पर आप लेबनान देखिए। लेबनान पर हमले की अनाउंसमेंट हो चुकी थी। प्रॉपर तरीके से हमने भी अपने लोगों से कह दिया था कि बैरूत, जो कि यहां की राजधानी है, वहां पर बैठे लोगों से कह दिया था कि भैया जो भी जहां है, अपने-अपने घरों में चला जाए। इजराइल यहां हमला करने वाला है। पूरी प्लानिंग चल रही थी 30 तारीख की, यानी कल के दिन की बात बता रहा हूं, पिछला जो बीता दिन है उसकी। 30 जुलाई को कि यहां पर हमला होने वाला है। क्यों होने वाला है, उसके ऊपर मैंने सेशन किया हुआ है। फिर भी एक बार रिवाइज करा दूंगा। कोई भी यह विचार नहीं कर रहा था कि ईरान के अंदर बैठकर यहां की राजधानी तेहरान को टारगेट किया जाएगा। और तेहरान को टारगेट ऐसे समय पर किया जाएगा जब दुनिया बैरूत पर रिएक्शन दे रही होगी।

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मतलब, एक तरह से यह हुआ कि आपको किसी एक अंग पर चोट लगी है, दूसरे अंग पर आपको मार दिया गया है। आपको पता ही नहीं चल रहा, आप इसका पेन मिटाने लग रहे हो, इतने में किसी ने हाथ ही उड़ा दिया आपका। बिल्कुल कुछ वैसा किया है यहां पे। लेबनान पर अटैक की तैयारी थी, सब जगह इंटरनेशनल मीडिया में आ चुका था। हम भी आप लोगों से शेयर कर चुके थे कि साहब लेबनान पर हमला होने वाला है और वह हुआ भी। ऐसा नहीं है हमला नहीं हुआ है, लेकिन इधर हमला हुआ है। सब लोग उस पर कह रहे हैं, इवन ईरान के नए राष्ट्रपति कह रहे हैं कि अब बदला लेंगे हम। हम अमेरिका को बताएंगे, इजराइल को बताएंगे क्या करेंगे। वो इधर बयानबाजी देने लग रहे हैं, उधर उन्हीं के शहर में घुस कर के उस व्यक्ति को मार दिया जा रहा है जिसके लिए यह सारा संघर्ष चल रहा है।

ठीक है, थोड़ा और आगे बढ़ते हैं। क्या हुआ था लेबनान से बदला लेने की कहानी, क्या थी वो सुनिए। असल में हुआ क्या, इस फ्राइडे के दिन मजद शाम करके एक जगह है गोलन हाइट्स पे। गोलन हाइट्स कहां है, फिर से मैप पर आइए एक बार ताकि आप इसको समझ पाए। ये जो इजराइल है ना, इस इजराइल का सीरिया से जहां बॉर्डर टच होता है, यहां पर एक जगह जिसका नाम है गोलन हाइट्स। लगभग 1800 किलोमीटर स्क्वायर क्षेत्रफल का एरिया है। इस क्षेत्र में बड़ी हरियाली है और यहीं से बैठ कर के इस ऊंचाई से हाइट का मतलब पहाड़ी इलाका है। यहां से बैठकर सीरिया की राजधानी को देखा जा सकता है। मतलब, यहीं से उठा कर के आप दमस्क के अंदर झांक सकते हैं क्या चल रहा है। यहां पर इजराइली फोर्सेस खड़ी रहती हैं। यहां पर एक गांव बसाया हुआ है जिसका नाम मजद शाम है। उस मजद शाम में फ्राइडे की शाम के दिन क्या हुआ, कुछ बच्चे खेल रहे थे और खेलते हुए बच्चों पर, जिनकी उम्र 10 से 20 साल के बीच में बताई गई, उन बच्चों पर लेबनान में एक आतंकी समूह है जिसका नाम है हिज्बुल्लाह। उस हिज्बुल्ला की तरफ से फलक नाम की एक मिसाइल आकर गिरती है और लगभग 12 लोगों की मौत हो जाती है। इसी वजह से इजराइल ने ऑल आईज ऑन मजद शाम करके ट्रेंड चलाया। तो एक प्रकार से यह समझिए कि गोलन हाइट्स पर मजद शाम नामक जगह पर लेबनान की तरफ से मिसाइल आकर गिरती है और वो मिसाइल ईरानी मिसाइल है जो कि हिज्बुल्लाह ने यूज की है। और उससे 12 के करीब बच्चे जिनकी उम्र 10 से 20 साल के बीच में बताई गई, उनकी मौत हो जाती है। जिस पर इजराइल हिजबुल्ला से कहता है कि बेटा, तुम्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। बात कब की हुई? शुक्रवार की। हमले की हुई 29 जुलाई को। इजराइल धमकी देता है हिज्बुल्लाह को, यानी कि परसों, कि तुम्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। यह जो कीमत चुकाने वाला बयान आता है, इसी पर हम 30 तारीख को आपको खबर सुनाते हैं कि भैया आज बदले का दिन है। आज कार्रवाई की जाएगी। ऐसा हम क्यों कहते हैं?

क्योंकि जिस दिन यह खबर आती है ना, उसी समय पर नेतनयाहू अमेरिका से लौट कर आते हैं। जब हमला होता है 27 तारीख को, हिजबुल्ला की तरफ से हमला होता है, उसके तुरंत बाद 27 जुलाई के दिन जब 12 बच्चों की मौत हो जाती है मजद शाम में, उस समय नेतनयाहू अमेरिका से लौट कर आते हैं। अमेरिका से लौट कर आने का मतलब साफ है, कार्रवाई होगी। और इसी बीच जब 29 जुलाई के दिन नेटफ्लिक्स के माध्यम से ऑपरेशन फाइनल सीज़न नाम की फिल्म रिलीज होती है। तो पूरी दुनिया ऑपरेशन फाइनल सीज़न के बारे में बात करती है, 27 तारीख के दिन। ऑपरेशन फाइनल सीज़न के अंदर दिखाया जाता है कि क्या करने वाले हैं इजराइल के लोग। और 29 जुलाई के दिन कार्रवाई शुरू होती है।

तो बात क्या हुई? 27 जुलाई के दिन, जब मजद शाम पर हमला होता है और 12 बच्चों की मौत होती है, उसी समय नेतनयाहू का अमेरिका से लौटना इशारा करता है कि कुछ बड़ा होगा। 29 जुलाई के दिन कुछ बड़ा होता है और 30 जुलाई के दिन इसकी घोषणा होती है कि हम बदला लेंगे। बदले के लिए गोलन हाइट्स पर एक बड़ा हमला करते हैं और जब हमला करते हैं, तो लेबनान की राजधानी बैरूत पर सीधा टारगेट करते हैं। और इसी समय जब बैरूत पर हमला हो रहा है, उसी समय एक और खबर आती है कि ईरान के अंदर इस्माइल हानिए को मार गिराया गया है।

तो पूरी दुनिया की नजर जब बैरूत पर थी, उसी समय पर इजराइल ने ईरान के अंदर जाकर एक आतंकी को मार दिया, जिसने दुनिया के सामने बड़ी चुनौती खड़ी की थी।

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